ससुराल वालों ने घर से खदेड़ा, मायके वालों ने दरवाजे से ही दुत्कारा

समाज में लड़कियों को रहन-सहन व पहनावा बदलने की इजाजत तो मिल गयी है, लेकिन मन पसंद जीवन साथी को चुनना अभी भी उनके लिए कोसों दूर की बात है। अगर घर की दहलीज से बाहर पैर निकालकर कोई लड़की अपना मनपसंद जीवनसाथी चुन ले तो मायके वाले भी मुंह फेर लेते हैं| एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देखने को मिला है| लखनऊ के आशियाना इलाके में अपनी बड़ी बहन के घर में रहकर पढ़ाई कर रही पल्लवी (परिवर्तित नाम) का अपने ही एक रिश्तेदार से प्यार हो गया और थोड़े ही दिनों बाद दोनों के घरवालों ने आर्य समाज मंदिर में उनका विवेक करा दिया लेकिन लड़की के ससुराल वालों ने दहेज़ न मिलने पर उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया| लड़की ने जब इसका विरोध किया तो उसके पति ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी और घर से बाहर निकला दिया| हालत की मारी लड़की जाती भी तो कहाँ वह अपने मायके लौटी तो वहाँ भी उसे सहारा नहीं मिला क्योंकि लड़की के भाई व पिता पहले से ही उसके प्रेम विवाह के खिलाफ थे| हारकर आशियाना में बहन के घर पनाह ली। बावजूद इसके मायके और ससुराल वालों की प्रताड़ना जारी रही।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आशियाना के सेक्टर-जी में अपनी बड़ी बहन के घर में रह रही पल्ल्वी इस समय बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है| पल्लवी ने बताया कि वर्ष 2009 में भदोही के सुरियावां थाने के गांव नागमलपुर निवासी मुकेश से दोस्ती हुई थी। मुंबई में रहकर पैनकार्ड आदि बनवाने का काम करने वाला मुकेश उसके बहनोई का रिश्तेदार था| 4 नवंबर 2009 को आलमबाग के श्रृंगारनगर स्थित आर्यसमाज मंदिर में शादी की और मुंबई चली गई। लड़की के प्रेम विवाह की खबर जब उसके परिजनों को हुई तो वह बेहद खफा हो गए| बताते हैं कि दोनों की शादी को सामाजिक मान्यता देने के लिए 17 नवंबर 2010 को निशा के बहन-बहनोई ने समारोह आयोजित किया और निशा को पति के साथ ससुराल विदा किया गया।

ससुराल पहुंचते ही सभी लोगों ने उसके पति को प्रेम विवाह की वजह से दहेज न मिलने की उलाहना दी। इसके साथ कार व नगदी की मांग को लेकर उत्पीड़न शुरू कर दिया। बहन-बहनोई द्वारा दिए डेढ़ लाख रुपये व 2.80 लाख के गहने ससुराल वालों ने ले लिए। ससुराल पहुंचे एक हफ्ता ही बीता था कि पल्लवी ने मुकेश को अपनी करीबी रिश्तेदार के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा। तो उसने विरोध किया जिस मुकेश ने उसकी पिटाई की| इसी बीच मौका मिलते ही ससुर ने गलत इरादे से दबोच लिया। किसी तरह इज्जत बचाई तो देवर पीछे पड़ गया। मामला बढ़ता गया और एक दिन सबने मिलकर उसे घर से बाहर निकाल दिया| पल्लवी अपने मायके इलाहाबाद वापस आई तो सीआईएसएफ से रिटायर दरोगा पिता अवधेश नारायण दुबे व परिवार के अन्य लोगों ने दरवाजे से ही दुत्कार दिया। अब वह जाती तो कहाँ जाती उसे एक और ठिकाना याद आया वह था उसकी बड़ी बहन का घर| मायके से वह वापस बड़ी बहन के घर आ गई|

पीड़िता के मुताबिक़, 29 जनवरी 2014 को मुकेश अपने परिवार के साथ आया। ससुराल वालों ने कहा कि कार व तीन लाख की व्यवस्था हो तो साथ चलो, वरना मुकेश की दूसरी शादी करने जा रहे हैं। इसके बाद मुकेश का कहीं और रिश्ता तय हो गया। फोन करने पर मुकेश ने चेहरे पर तेजाब फेंकने की धमकी दे डाली। वहीं, सीआईएसएफ में कांस्टेबल पल्लवी के भाई सुनील व पिता अवधेश ने गोली मारने की धमकी दी। सहमी निशा ने सीओ कैंट बबिता सिंह से गुहार लगाई, उनके आदेश पर आशियाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है।

पर्दाफाश डॉट कॉम से साभार

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