13 दिसम्बर मंगलवार को संसद पर हमले के दस साल पूरे हो रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली की सबसे सुरक्षित इमारत यानी देश की संसद पर हमले की खबर ने सबको हैरान ही नहीं किया, हिला कर रख दिया| 13 दिसंबर 2001 की सुबह करीब पौने बारह बजे अचानक संसद में कुछ आंतकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी थी| इस हमले में हैंड ग्रेनेड और एके-47 से लैस पांच आतंकी शामिल थे|
हालाँकि जवाबी कार्रवाई में पांचों आतंकी मारे गये, लेकिन इस हमले में दिल्ली पुलिस के जवान और संसद के कुछ कर्मचारियों समेत कुल 9 लोगों को भी अपनी जान गवानी पड़ी| जिस समय यह हमला हुआ था संसद में कई वरिष्ठ मंत्रियों समेत तकरीबन दो सौ संसद सदस्य मौजूद थे| इसे एक तरह से ससंद पर नहीं, देश पर हमला कहा जा सकता है|
आपको बता दें कि इस हमले की साज़िश रचने वाले अफजल गुरु सहित चार आतंकवादियों को पकड़ा गया था। हमले के एक साल बाद अफजल गुरु को इस मामले में दोषी पाया गया और उसे फांसी की सजा सुनाई गई। लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका, क्योंकि अफजल गुरू की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है| उसे फांसी दिलवाने की खातिर शहीदों के घर वालों ने बहादुरी के तमगे भी लौटा दिए| फिर भी इंसाफ पाने का उनका इंतजार अब तक खत्म नहीं हुआ|
13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर पूरा भारत उन शहीदों को नमन कर रहा है, जिन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी।
देश में अब से लेकर वर्ष 1993 तक हुए बड़े आतंकी हमलों पर एक नज़र-
13 जुलाई 2011: मुंबई में एक साथ तीन जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट। जिसमें 20 लोगों की मौत जबकि 100 लोग घायल हुए थे।
30 अक्टूबर 2008: असम में एक साथ 13 बम धमाके जिसमें 61 लोग मरे 300 लोग घायल हुए थे|
27 सितंबर 2008: दिल्ली के फूल बाजार में धमाका, एक की मौत।
13 सितंबर 2008: दिल्ली के शॉपिंग स्थलों पर 5 बम धमाके, 21 लोगों की मौत 100 से अधिक घायल। इस हमले की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली|
26 जुलाई 2008: गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट। 45 लोगों की मौत जबकि 150 लोग घायल।
25 जुलाई 2008: बैंगलोर में एक साथ 7 धमाके किस्में एक की मौत जबकि 150 से अधिक लोग घायल।
13 मई 2008: जयपुर में 6 बम धमाके जिसमें 63 लोगों की मौत जबकि 150 लोग घायल।
26 मई 2007: गुवाहाटी में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत जबकि 30 लोग घायल।
18 मई 2007: हैदराबाद की मक्का मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के दौरान बम विस्फोट। 13 लोगों की मौत।
8 सितंबर 2006 को महाराष्ट्र के मालेगांव की एक मस्जिद के पास बम विस्फोट, 37 लोगों की मौत व 125 घायल।
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेन में 7 धमाके। इसमें 200 लोगों की मौत हुई थी।
7 मार्च 2006: वाराणसी में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत, 101 लोग घायल।
29 अक्टूबर 2005: दक्षिण दिल्ली के बाजारों में जबरदस्त धमाका। 59 लोगों की मौत जबकि 200 घायल।
5 जुलाई 2005: अयोध्या में राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला।
15 अगस्त 2004: असम में ब्लास्ट। 16 लोगों की मौत जिसमें ज्यादातर स्कूली बच्चे शामिल थे।
25 अगस्त 2003: मुंबई में दोहरे कार धमाके में 52 लोगों की मौत जबकि 150 लोग घायल।
14 मई 2002: जम्मू के पास आर्मी कैंट पर आतंकी हमला। 30 लोगों की मौत।
24 सितंबर 2002: गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमला। 31 लोगों की मौत, 79 घायल।
13 दिसंबर 2001: संसद पर आतंकी हमले में 12 लोगों की मौत जबकि 18 लोग घायल।
1 अक्टूबर 2001: जम्मू-कश्मीर एसेंबली परिसर में आतंकी हमला। 35 लोगों की मौत।
14 फरवरी 1998: कोयंबटूर में 11 जगहों पर बम ब्लास्ट, 46 लोगों की मौत जबकि 200 घायल।
12 मार्च 1993: मुंबई में एक साथ 13 सीरियल बम ब्लास्ट, 257 लोगों की मौत जबकि 700 लोग घायल हुए।
हालाँकि जवाबी कार्रवाई में पांचों आतंकी मारे गये, लेकिन इस हमले में दिल्ली पुलिस के जवान और संसद के कुछ कर्मचारियों समेत कुल 9 लोगों को भी अपनी जान गवानी पड़ी| जिस समय यह हमला हुआ था संसद में कई वरिष्ठ मंत्रियों समेत तकरीबन दो सौ संसद सदस्य मौजूद थे| इसे एक तरह से ससंद पर नहीं, देश पर हमला कहा जा सकता है|
आपको बता दें कि इस हमले की साज़िश रचने वाले अफजल गुरु सहित चार आतंकवादियों को पकड़ा गया था। हमले के एक साल बाद अफजल गुरु को इस मामले में दोषी पाया गया और उसे फांसी की सजा सुनाई गई। लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका, क्योंकि अफजल गुरू की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है| उसे फांसी दिलवाने की खातिर शहीदों के घर वालों ने बहादुरी के तमगे भी लौटा दिए| फिर भी इंसाफ पाने का उनका इंतजार अब तक खत्म नहीं हुआ|
13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर पूरा भारत उन शहीदों को नमन कर रहा है, जिन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी।
देश में अब से लेकर वर्ष 1993 तक हुए बड़े आतंकी हमलों पर एक नज़र-
13 जुलाई 2011: मुंबई में एक साथ तीन जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट। जिसमें 20 लोगों की मौत जबकि 100 लोग घायल हुए थे।
30 अक्टूबर 2008: असम में एक साथ 13 बम धमाके जिसमें 61 लोग मरे 300 लोग घायल हुए थे|
27 सितंबर 2008: दिल्ली के फूल बाजार में धमाका, एक की मौत।
13 सितंबर 2008: दिल्ली के शॉपिंग स्थलों पर 5 बम धमाके, 21 लोगों की मौत 100 से अधिक घायल। इस हमले की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली|
26 जुलाई 2008: गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट। 45 लोगों की मौत जबकि 150 लोग घायल।
25 जुलाई 2008: बैंगलोर में एक साथ 7 धमाके किस्में एक की मौत जबकि 150 से अधिक लोग घायल।
13 मई 2008: जयपुर में 6 बम धमाके जिसमें 63 लोगों की मौत जबकि 150 लोग घायल।
26 मई 2007: गुवाहाटी में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत जबकि 30 लोग घायल।
18 मई 2007: हैदराबाद की मक्का मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के दौरान बम विस्फोट। 13 लोगों की मौत।
8 सितंबर 2006 को महाराष्ट्र के मालेगांव की एक मस्जिद के पास बम विस्फोट, 37 लोगों की मौत व 125 घायल।
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेन में 7 धमाके। इसमें 200 लोगों की मौत हुई थी।
7 मार्च 2006: वाराणसी में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत, 101 लोग घायल।
29 अक्टूबर 2005: दक्षिण दिल्ली के बाजारों में जबरदस्त धमाका। 59 लोगों की मौत जबकि 200 घायल।
5 जुलाई 2005: अयोध्या में राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला।
15 अगस्त 2004: असम में ब्लास्ट। 16 लोगों की मौत जिसमें ज्यादातर स्कूली बच्चे शामिल थे।
25 अगस्त 2003: मुंबई में दोहरे कार धमाके में 52 लोगों की मौत जबकि 150 लोग घायल।
14 मई 2002: जम्मू के पास आर्मी कैंट पर आतंकी हमला। 30 लोगों की मौत।
24 सितंबर 2002: गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमला। 31 लोगों की मौत, 79 घायल।
13 दिसंबर 2001: संसद पर आतंकी हमले में 12 लोगों की मौत जबकि 18 लोग घायल।
1 अक्टूबर 2001: जम्मू-कश्मीर एसेंबली परिसर में आतंकी हमला। 35 लोगों की मौत।
14 फरवरी 1998: कोयंबटूर में 11 जगहों पर बम ब्लास्ट, 46 लोगों की मौत जबकि 200 घायल।
12 मार्च 1993: मुंबई में एक साथ 13 सीरियल बम ब्लास्ट, 257 लोगों की मौत जबकि 700 लोग घायल हुए।
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