इस बरसात ने आम लोगों के साथ भगवान श्रीराम पर भी रहम नहीं किया। प्रदेश में हुई वर्षा से जहां सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण बेघर हो गए हैं, वहीं गोंड़ा जिले के खरगापुर कस्बे के एक मंदिर में विराजमान भगवान श्रीराम का आशियाना भी ढह गया है और अब वह देवी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ खुद का नया घर बनने तक थाने में ही रहेंगे।
पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि प्राकृतिक मार से कोई नहीं बचा। शायद इसी का नतीजा है कि गोंड़ा जिले के खरगापुर कस्बे में विराजमान भगवान श्रीराम का आशियाना (मंदिर) भी भारी बरसात की चपेट में आकर ढह गया। बेघर हुए भगवान राम को देवी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ खुद का नया घर बनने तक खरगापुर थाने में शरण लेनी पड़ी है। उपजिला अधिकारी की पहल पर कस्बे के बुद्धजीवियों ने राजकपूर मोदनवाल की अगुआई में मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए चंदा जुटाना शुरू कर दिया है।
उपजिला अधिकारी गोंडा (सदर) प्रशांत शर्मा (प्रशिक्षु आईएएस) ने बताया, "कस्बे में हलवाई समाज द्वारा करीब दो सौ साल पहले मंदिर निर्माण कर उसमें भगवान श्रीराम, देवी सीता व लक्ष्मण की अष्टधातु की भारी भरकम मूर्तियां स्थापित की गई थीं, इस बरसात में मंदिर का आधा हिस्सा गिर गया है।" इन्होंने बताया, "चोरों के डर की वजह से तीनों मूर्तियों को बुद्धजीवियों की सहमति से थाने में रखा गया है और कुछ बुद्धजीवियों ने चंदा जुटाकर मंदिर के पुनर्निर्माण की योजना बनाई है।"
मोदनवाल ने बताया, "हलवाई समाज के सात लोगों की एक समिति बनाई गई है, जो चंदा एकत्र कर रही है। शीघ्र ही भगवान श्रीराम के मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।" उधर, खरगापुर के थानाध्यक्ष कमलेश कुमार वाजपेयी ने बताया, "बुधवार को थाने के एक कमरे को मंदिर का रूप देकर भगवान श्रीराम, सीता व लक्ष्मण की मूर्तियों को अस्थाई तौर पर स्थापित किया गया है, रोजाना पुलिसकर्मियों के अलावा कस्बे के लोग भी पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
पर्दाफाश