भारत आने वाले विदेशी सैलानियों में अमेरिका और ब्रिटेन के पर्यटकों का दबदबा रहा है। यह तथ्य भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के 2011 और 2012 के आंकड़ों से उजागर होती है। 27 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है और भारत में भी पर्यटन सत्र लगभग इसी समय शुरू होता है, जो अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी भर चलता है। इस दौरान होटलों और पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबार को काफी लाभ होता है।
पिछले कुछ महीने में डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट के कारण अमेरिका तथा यूरोप के पर्यटकों के लिए भारत एक सस्ता गंतव्य बन गया है और इस नाते इस बार शीत ऋतु में देश में विदेशी सैलानियों की संख्या में भारी वृद्धि होने का अनुमान है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2012 में देश में आए विदेशी सैलानियों में अमेरिका का अनुपात 15.81 फीसदी था, जबकि ब्रिटेन का अनुपात 11.98 फीसदी था।
भारत की लगभग गोद में बसा बांग्लादेश अमेरिका और ब्रिटेन के बाद भारत आने वाले विदेशी सैलानियों में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। 2012 में बांग्लादेश का अनुपात 7.41 फीसदी रहा।अमेरिका, ब्रिटेन और बांग्लादेश से 2012 में क्रमश: 10,39,947 पर्यटक, 7,88,170 और 4,87,397 पर्यटक भारत आए थे। तीनों देश 2011 में विदेशी सैलानी भेजने वाले देशों में पहले, दूसरे और तीसरे स्थानों पर रहे थे और इनकी हिस्सेदारी भी लगभग इतनी ही (15.54 फीसदी, 12.65 फीसदी और 7.35 फीसदी) थी।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2012 में भारत में विदेशी सैलानी भेजने वाले 15 सबसे बड़े देशों की सूची और उनकी हिस्सेदारी इस प्रकार है : 1. अमेरिका (15.81 फीसदी), 2. ब्रिटेन (11.98 फीसदी), 3. बांग्लादेश (7.41 फीसदी), 4. श्रीलंका (4.51 फीसदी), 5. कनाडा (3.89 फीसदी), 6. जर्मनी (3.87 फीसदी), 7. फ्रांस (3.66 फीसदी), 8. जापान (3.34 फीसदी), 9. आस्ट्रेलिया (3.07 फीसदी), 10. मलेशिया (2.98 फीसदी), 11. रूस (2.70 फीसदी), 12. चीन मुख्य भूमि (2.57 फीसदी), 13. सिंगापुर (2.00 फीसदी), 14. नेपाल (1.91 फीसदी) और 15. कोरिया गणराज्य (1.66 फीसदी)।
2012 में देश के विदेशी सैलानियों में इन 15 देशों का अनुपात कुल 46,94,722 पर्यटकों के साथ 71.37 फीसदी रहा। इस वर्ष देश में कुल 65 लाख, 77 हजार, 745 विदेश सैलानी पहुंचे।महादेशों के मामले में 2012 में भारत आने वाले विदेशी सैलानियों में पश्चिमी यूरोप की हिस्सेदारी सबसे अधिक 18,53,066 पर्यटकों के साथ 28.17 फीसदी रही। दूसरे स्थान पर 12,95,968 पर्यटकों के साथ उत्तरी अमेरिका की हिस्सेदारी 19.70 फीसदी रही। तीसरे स्थान पर 11,71,499 सैलानियों के साथ दक्षिण एशिया की हिस्सेदारी 17.81 फीसदी रही। उपर्युक्त आंकड़ों से स्पष्ट संकेत मिलता है कि पर्यटन उद्योग के विकास के लिए भारत को किस बाजार को लुभाने की कोशिश करनी चाहिए।
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