लोकसभा चुनाव में दिल्ली की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने को आतुर समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सीमाओं से परे अन्य सूबों में अपना जनाधार बढ़ाने की कयावद तेज कर दी है। सपा ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर लोकसभा चुनाव में 'किंगमेकर' बनने के साथ अपने ऊपर लगे 'क्षेत्रीय दल' के ठप्पे को भी हटाना चाहती है।
सपा की बड़ी योजना दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों के अखाड़े में उतरकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने और झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में जनाधार बढ़ाने की है, ताकि इसका फायदा वह लोकसभा चुनाव में उठा सके। राष्ट्रीय राजनीति में काफी दखल रखने और लोकसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से देश की सबसे बड़ी चार पार्टियों में शामिल होने के बावजूद सपा को अभी तक राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त नहीं है और वह एक राज्यस्तरीय दल ही है।
सपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के रणनीतिकारों की योजना अन्य राज्यों में सपा का दखल बढ़ाकर लोकसभा में किंगमेकर की भूमिका अदा करने के साथ पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा दिलाने की है। उत्तर प्रदेश की भौगोलिक परिधि से परे दूसरे राज्यों में दखल बढ़ाने की योजना के तहत ही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार दौरे कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के बाद इसी मंशा से अखिलेश यादव ने झारखंड का दो दिन का दौरा किया और गुरुवार को रांची में एक कार्यकर्ता सम्मेलन में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोलकर झारखंड के लोगों को रिझाने की कोशिश की।
अखिलेश ने साफ किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में सपा झारखंड सहित अन्य प्रदेशों में संगठन खड़ा करेगी। इसके लिए लगातार स्थानीय नेताओं द्वारा सम्मेलन आयोजित कर सपा की नीतियों का प्रसार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन संसदीय क्षेत्रों में पार्टी का संगठन मजबूत दिखेगा वहां सपा अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, तीसरे मोर्चे की संभावनाओं के मद्देनजर सपा लोकसभा चुनाव में एक बड़ी ताकत बनना चाहती है। तीसरा मोर्चा बनने की स्थिति में सपा के पास अगर 40 से 50 सीटें रहीं तो वह गठबंधन सरकार की अगुवा तो रहेगी ही, साथ ही उसके नेता मुलायम सिंह यादव के प्रधानमंत्री बनने के सपने को भी पंख लग जाएंगे।
सपा के प्रवक्ता एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सपा की नीतियों के प्रति अब देशव्यापी उत्सुकता है। कई राज्यों में इसके संगठन का विस्तार हुआ है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान झारखंड एवं मध्य प्रदेश का दौरा कर सपा के वरिष्ठ नेता वहां पार्टी संगठन को नई गति दे आए हैं। वहां हुई विशाल सभाओं से संकेत मिलता है कि सपा की लोकप्रियता कितनी तेजी से बढ़ रही है।
चौधरी ने कहा कि जनता मंहगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से त्रस्त है। भाजपा और कांग्रेस के पास इन समस्याओं का कोई समाधान नहीं है। जनता अब अपने सवालों के जवाब चाहती है और विकल्प के रूप में तीसरी ताकतों की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है।
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