अभी तक आपने मंदिरों में दूध, जल, प्रसाद आदि ही चढ़ते हुए सुना व देखा होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। जी हाँ इस मंदिर में भगवान को प्रसाद नहीं बल्कि झाड़ू चढ़ाया जाता है। यह सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन सच है। सच ही किसी ने कहा है कि भगवान तो बस आपकी भावनाओ के भूखे हैं। मुरादाबाद जिले में बिहाजोई गांव में प्रचीन शिव मंदिर पातालेश्वर स्थित है आपको बतादे की इस मंदिर के प्रति भक्तो की एक अनोखी श्रद्धा है।
इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग पर नारियल के सींको वाली झाड़ू चढाई जाती है। मानना है कि भगवान शिव पर झाड़ू चढ़ाने से मनोकामना पूरी हो जाती है। भक्तो का ऐसा मानना है कि झाड़ू चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते है और ऐसा करने से त्वचा सम्वन्धित रोगों से छुटकारा मिलता है। भगवान शिव का ये मंदिर इस जर्रे में नमी है और इस मिन्दर के पुजारी का कहना है कि ये मंदिर 150 साल पुराना है और इस मंदिर में झाड़ू चढ़ाने प्रथा भी बहुत पुरानी है। इस मंदिर में भगवान शिव को झाड़ू चढ़ाने के लिया लोग घंटो लाइन में लगे रहते है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए सैकड़ो लोग आते है।
एक कथा के अनुसार, इस गांव में भिखारीदास नाम का एक बनिया रहता था वो बहुत पैसे वाला था लेकिन उसे त्वचा सम्बन्धी एक बड़ा रोग था वो इस रोग का इलाज करवाने के लिए जा रहा था कि अचानक से उसे प्यास लगी बह भगवान शिव के इस मंदिर में पानी पिने आया। और तभी वहाँ झाड़ू मार रहे पुजारी से टकराया जिसके बाद बिना इलाज के ही उसका रोग ठीक हो गया। इससे खुश होकर सेठ ने पुजारी को असरफ़िया देना चाहा लेकिन पुजारी ने उसे लेने से इंकार कर दिया इसके बदले में उसने सेठ से यहाँ मंदिर बनबाने की प्रार्थना की।
उस सेठ ने यहाँ मंदिर का निर्माण करवाया और उसे वक्त से यह कहा जाता है की चर्म रोग होने पर इस शिव लिंग में भगवान शिव को झाड़ू चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से लोगो के रोग दूर होंगे इसलिए श्रद्धालु आज भी यहाँ झाड़ू चढाते है।