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जानिए किस शिवलिंग के पूजन से मिलता है कैसा फल

नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शन्कराय च मयस्करय च नमः शिवाय च शिवतराय च।। 
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिर्ब्रम्हणोधपतिर्ब्रम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।। 
तत्पुरषाय विद्म्हे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।। 

भगवान शिव को सभी विद्याओं के ज्ञाता होने के कारण जगत गुरु भी कहा गया है। भोले शंकर की आराधना से सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं। शिव की आराधना किसी भी रूप में की जा सकती है। शिव अनादि तथा अनंत हैं। धर्म शास्त्रो में भगवान शिव को जगत पिता बताया गया हैं, क्योकि भगवान शिव सर्वव्यापी एवं पूर्ण ब्रह्म हैं। हिंदू संस्कृति में शिव को मनुष्य के कल्याण का प्रतीक माना जाता हैं। शिव शब्द के उच्चारण या ध्यान मात्र से ही मनुष्य को परम आनंद प्रदान करता हैं। जिस तरह निराकार रूप में केवल ध्यान करने से भोले शंकर प्रसन्न होते हैं, उसी प्रकार साकार रूप में श्रद्धा से शिवलिंग की उपासना से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है| 

शिवलिंग जो कि भगवान शंकर का प्रतीक है| उनके निश्छल ज्ञान और तेज़ का यह प्रतिनिधित्व करता है। 'शिव' का अर्थ है - 'कल्याणकारी'। 'लिंग' का अर्थ है - 'सृजन'। सर्जनहार के रूप में उत्पादक शक्ति के चिन्ह के रूप में लिंग की पूजा होती है। स्कंद पुराण में भी लिंग का अर्थ लय लगाया गया है। लय ( प्रलय) के समय अग्नि में सब भस्म हो कर शिवलिंग में समा जाता है और सृष्टि के आदि में लिंग से सब प्रकट होता है। लिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और ऊपर प्रणवाख्य महादेव स्थित हैं। आज आपको बता दें कि किस चीज का शिवलिंग आपकी कौन सी कामना सिद्ध कर सकता है| तो आइये जाने कौन सी शिवलिंग आपकी मनोकामनाएं पूरी कर सकती है| 

चंदन-कस्तूरी से बने शिवलिंग ऐश्वर्य से भरे जीवन की कामना पूरी करते हैं, इसके अलावा अक्षत, गेंहू या जौ के आटे से बने शिवलिंग की पूजा पारिवारिक सुख-शांति व संतान की कामना पूरी करती है। अगर आपको मृत्यु व काल का भय सता रहा है तो आप दरें नहीं बस दूर्वा दल से बने शिवलिंग पूजा करें ऐसा करने से भय दूर हो जायेगा | स्फटिक शिवलिंग की पूजा हर कामना और कार्य सिद्धि करने वाली मानी गई है। वहीँ, पुष्पों से बने शिवलिंग का पूजन शुभ फल देता है। इससे भूमि, भवन और अचल संपत्ति की प्राप्ति होती है।

मिश्री(चीनी) से बने शिव लिंग कि पूजा से रोगो का नाश होकर सभी प्रकार से सुखप्रद होती हैं। मिर्च, पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर बने शिवलिंग कि पूजा से वशीकरण और अभिचार कर्म के लिए किया जाता हैं। किसी भी फल को शिवलिंग के समान रखकर उसकी पूजा करने से फलवाटिका में अधिक उत्तम फल होता हैं। यदि बांस के अंकुर को शिवलिंग के समान काटकर पूजा करने से वंश वृद्धि होती है। दही को कपडे में बांधकर निचोड़ देने के पश्चात उससे जो शिवलिंग बनता हैं उसका पूजन करने से समस्त सुख एवं धन कि प्राप्ति होती हैं। गुड़ से बने शिवलिंग में अन्न चिपकाकर शिवलिंग बनाकर पूजा करने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होती हैं।

आंवले से बने शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से मुक्ति प्राप्त होती हैं। कपूर से बने शिवलिंग का पूजन करने से आध्यात्मिक उन्नती प्रदत एवं मुक्ति प्रदत होता हैं। मोती के बने शिवलिंग का पूजन स्त्री के सौभाग्य में वृद्धि करता हैं। स्वर्ण निर्मित शिवलिंग का पूजन करने से समस्त सुख-समृद्धि कि वृद्धि होती हैं। चांदी के बने शिवलिंग का पूजन करने से धन-धान्य बढ़ाता हैं। पीपल कि लकडी से बना शिवलिंग दरिद्रता का निवारण करता हैं।

लहसुनिया से बना शिवलिंग शत्रुओं का नाश कर विजय प्रदत होता हैं। बिबर के मिट्टी के बने शिवलिंग का पूजन विषैले प्राणियों से रक्षा करता है। पारद शिवलिंग का अभिषेक सर्वोत्कृष्ट माना गया है। घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस व फैक्टरी में व्यापारी को बढाऩे के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है। शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं। पर इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिक्त की जानी चाहिए।