कुंडली में नौ ग्रह अपना समय आने पर पूरा प्रभाव दिखाते हैं। अगर आप अपनी कुंडली में ग्रहों के अशुभ योग से परेशान हैं और उनके प्रभाव से आपके हर शुभ कार्य में बाधा आती हो। काम बनते बनते रह जाते हो तो यह चमत्कारी उपाय एक बार अवश्य करें।
आपको बता दें कि हर कोई अशुभ प्रभाव से बचने के लिए हवन ,ध्यान और उपाय संबंधी रत्नों का उपयोग करते हैं। लेकिन फिर भी कभी का भी यह मुल्यां रत्न आपको इसका लाभ नहीं पहुंचा पाते हैं तो ऐसे में मनुष्यों को वृक्षों की जड़ धारण करने को कहा जाता है। माना जाता है कि ये जड़े रत्नो से अधिक असरदार होती है।
हमारे ज्योतिषाचार्य आचार्य विजय कुमार ने बताया है कि वृक्षों में भी ग्रहों को शांत करने की क्षमता होती है| उन्होंने बताया कि जो वृक्ष ऊंचे और मज़बूत तथा कठोर तने वाले हैं, उनपर सूर्य का विशेष अधिकार होता है। दूध वाले वृक्षों पर चंद्र का प्रभाव होता है। लता , वल्ली इत्यादि पर चंद्र और शुक्र का अधिकार होता है। झाडिय़ों वाले पौधों पर राहू और केतू का विशेष अधिकार है।
जिन वृक्षों में रस विशेष न हो, कमज़ोर, देखने में अप्रिय और सूखे वृक्षों पर शनि का अधिकार है। सभी फलदार वृक्षों पर बृहस्पति, बिना फल के वृक्षों पर बुध का और फल , पुष्प वाले चिकने वृक्षों पर शुक्र का अधिकार है। औषधीय जड़ी बूटियों का स्वामी चन्द्रमा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में किसी ग्रह के अधीन आने वाले वनस्पतियों और औषधियों से ही उस ग्रह-जनक रोग का उपचार किया जाता है।
इसलिए आप अगर ग्रहों के प्रभाव से परेशान हैं तो अपनी राशि के अनुसार उस वृक्ष की जड़ को धारण करें|
आपको बता दें कि हर कोई अशुभ प्रभाव से बचने के लिए हवन ,ध्यान और उपाय संबंधी रत्नों का उपयोग करते हैं। लेकिन फिर भी कभी का भी यह मुल्यां रत्न आपको इसका लाभ नहीं पहुंचा पाते हैं तो ऐसे में मनुष्यों को वृक्षों की जड़ धारण करने को कहा जाता है। माना जाता है कि ये जड़े रत्नो से अधिक असरदार होती है।
हमारे ज्योतिषाचार्य आचार्य विजय कुमार ने बताया है कि वृक्षों में भी ग्रहों को शांत करने की क्षमता होती है| उन्होंने बताया कि जो वृक्ष ऊंचे और मज़बूत तथा कठोर तने वाले हैं, उनपर सूर्य का विशेष अधिकार होता है। दूध वाले वृक्षों पर चंद्र का प्रभाव होता है। लता , वल्ली इत्यादि पर चंद्र और शुक्र का अधिकार होता है। झाडिय़ों वाले पौधों पर राहू और केतू का विशेष अधिकार है।
जिन वृक्षों में रस विशेष न हो, कमज़ोर, देखने में अप्रिय और सूखे वृक्षों पर शनि का अधिकार है। सभी फलदार वृक्षों पर बृहस्पति, बिना फल के वृक्षों पर बुध का और फल , पुष्प वाले चिकने वृक्षों पर शुक्र का अधिकार है। औषधीय जड़ी बूटियों का स्वामी चन्द्रमा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में किसी ग्रह के अधीन आने वाले वनस्पतियों और औषधियों से ही उस ग्रह-जनक रोग का उपचार किया जाता है।
इसलिए आप अगर ग्रहों के प्रभाव से परेशान हैं तो अपनी राशि के अनुसार उस वृक्ष की जड़ को धारण करें|
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