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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जवां ब्लाक स्थित छेरत प्राइमरी विद्यालय की सहायक अध्यापक शाहिद परवीन ने बताया है कि उनके तीन महीने के बेटे की तबियत खराब होने के कारण एक सितंबर को खंड शिक्षा अधिकारी के यहां मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया था। उनकी संस्तुति के बाद पत्रावली नौ सितंबर को बीएसए कार्यालय आ गई। तब से अक्सर बीएसए कार्यालय पर जाती रहीं, लेकिन अवकाश स्वीकृत नहीं हुआ। तो एक दिन बीएसए साहब ने कहा कि यदि छुट्टी मंजूर करनी है रत को नौ बजे उनके आवास पर आना होगा| यह सूचना उसने यूपी उर्दू टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष गुलजार अहमद को दी।
पीड़ित टीचर को अवकाश देने के लिए शहर विधायक जफर आलम ने भी बीएसए से बात की, लेकिन हुआ कुछ नहीं। एबीएसए उसे बच्चे को स्कूल लाने से भी रोकते हैं। ऐसे में टीचर क्या करे? सो, उन्हें धरना-प्रदर्शन को मजबूर होना पड़ा। शाम को शहर विधायक जफर आलम ने सीडीओ से फोन पर बात की। सीडीओ शमीम अहमद ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जाँच के आदेश दे दिए हैं| वहीँ, इस घटना को बीएसए निराधार बता रहे हैं| उनका कहना है कि मैंने महिला को कभी भी घर आने के लिए नहीं कहा है हाँ रही बात छुट्टी की तो मैंने वह मंजूर कर दी है|
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