मुंबई लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मुंबई लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

हैप्पी बर्थडे करीना

बॉलीवुड की बोल्ड, सेक्सी अभिनेत्री और बेहतरीन अदाकारी के बल पर सुर्खियों में रहने वाली और सफलता की ऊंचाइयां छूनेवाली करीना कपूर आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहीं हैं। करीना कपूर, राज कपूर के बेटे अभिनेता रणधीर कपूर और अभिनेत्री बबिता की दूसरी बेटी हैं। करिश्मा कपूर की छोटी बहन और अभिनेता सैफ अली की बेगम करीना का जन्म 21 सितम्बर 1980 को मुंबई में हुआ था। लोग उन्हें प्यार से बेबो बुलातें हैं। खबर है कि 'छोटे नवाब' सैफ अली खान अपनी 'बेगम' के लिए लंदन में शानदार बर्थडे पार्टी आयोजित कर रहे हैं, जिसमें इनके करीबी दोस्‍त शामिल होंगे। 

करीना ने वर्ष 2000 में रिफ्यूज़ी से अपने फिल्म सफर की शुरुआत की। इस फिल्म में उनके अपोजिट अभिषेक बच्चन थे| 'रिफ्यूजी' बॉक्स ऑफिस पर पिट गई लेकिन इस फ़िल्म में उन्हें अपने अभिनय के लिए 'फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू' का पुरस्कार मिला। इसके बाद आईं उनकी फिल्में 'मुझे कुछ कहना है' और 'ख़ुशी' भी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहीं लेकिन 'मुझसे दोस्ती करोगे' और 'कभी खुशी कभी गम' जैसी फिल्मों से करीना ने बड़ी ही आसानी से खुद को कॉमर्शियल सिनेमा में स्थापित कर दिया मगर शायद इतना करके वे चुप नहीं बैठना चाहती थीं। 

चमेली, देव और ओंकारा जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय के दम पर उन्होंने खुद को शो-पीस कहने वाले आलोचकों को चुप करा दिया। इन फिल्मों के जरिये करीना ने खुद को साबित किया कि वह केवल 'ग्लैमरस गर्ल' ही नहीं है बल्कि एक अच्छी अभिनेत्री भी हैं। इसके बाद करीना ने 'जब वी मेट' और 'थ्री इडियट्स' जैसी कई सुपरहिट फ़िल्में दी| वर्ष 2007 की सुपरहिट फिल्म 'जब वी मेट' ने सफलता की नई दास्तां लिखी। इस फिल्म के लिए करीना को 'फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री' पुरस्कार दिया गया। बॉलीवुड के तीनों खानों के साथ काम कर चुकी करीना को लोग आज बॉलीवुड की नंबर वन अभिनेत्री मानते हैं। 

वैसे फिल्मों से ज्यादा करीना अपनी निजी जिंदगी की वजह से चर्चा में रही हैं| करीना का नाम बॉलीवुड फिल्म 'इश्क-विश्क' से एंट्री करने वाले शाहिद कपूर के साथ जोड़ा गया| उन दोनों ने फिल्म 'फिदा', '36 चाइना टाउन', 'जब वी मेट' जैसी फिल्में की जो सफल रहीं| फिल्मों में काम करने के दौरान दोनों ने एक-दूसरे से प्यार की पींगें बढ़ाईं| आज भले ही सैफ और करीना की शादी हो गई है लेकिन करीना का पहला प्यार सैफ नही बल्कि शाहिद थे| जब इनके प्यार के चर्चे हर एक की जुबान पर थे तभी एक एमएमएस ने हंगामा मचा दिया| 20 सेकंड के इस एमएमएस में शाहिद औऱ करीना एक-दूसरे को किस करते हुए दिखे थे| इस एमएमएस के चलते करीना ने जमकर सुर्खियां बटोरी और इसे खानदान की किरकिरी के तौर पर भी देखा गया|

करीना बॉलीवुड की उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में शुमार की जाती हैं, जिनकी चार फिल्मों ने 100 करोड़ रुपए से अधिक का बिजनेस किया है। इन फिल्मों में थ्री इडिएट्‍स, बॉडीगार्ड, रॉ वन और गोलमाल-3 हैं। करीना की खूबसूरती को दुनिया सलाम करती है वहीं इंडस्ट्री की सबसे हॉट ऐक्ट्रेस करीना को भी सेक्सी कहलाना बेहद पसंद है। हाल ही में 'मैग्ज़िम' ने करीना को दुनिया की 'सबसे हॉट ऐक्ट्रेस का खिताब दे डाला। 

करीना को उनके अभिनय के लिए 13 साल के करियर में 6 बार बेस्ट एक्ट्रेस के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला चुका है। करीना अपने करियर में बॉलीवुड के तमाम बड़े एक्टर्स के साथ काम कर चुकी है। जीरो फिगर के लिए मशहूर करीना कपूर के फेवरेट फूड की बात की जाए तो करीना को हर तरह का फूड पसंद है और उससे भी ज्यादा उन्हें दाल चावल खाना सबसे ज्यादा पसंद है। करीना का कहना है कि वो खाने के मामले में चूजी नहीं हैं। जो मिलता है खा लेतीं है। उनकी पसंदीदा जगह गोवा है। करीना के काम के साथ साथ उनका अफयेर भी चलता रहा शाहिद कपूर से अलग होने के बाद सैफ अली खान के साथ लम्बे अफेयर के बाद वर्ष 2012 में शादी कर ली।

59 की हुईं मस्तानी आंखों वाली रेखा

यूं तो रेखा की 'आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं' मगर हिंदी फिल्मों की सांवली सलोनी अभिनेत्री सिनेमा जगत में अपने अलहदा रूप-सौंदर्य और आकर्षण के लिए भी खूब मशहूर हैं। उनकी मोहक अदा और मादक आवाज ने उनके अभिनय और संवाद अदायगी के साथ मिलकर दशकों तक बॉलीवुड और सिनेप्रेमियों के दिल में राज किया है।

जेमिनी गणेशन और पुष्पावली की संतान के रूप में 10 अक्टूबर 1954 को जन्मी रेखा का वास्तविक नाम भानुरेखा गणेशन है। सत्तर और अस्सी के दशक की अग्रणी अभिनेत्रियों में शुमार रेखा फिल्मों में शुरुआत बतौर बाल कलाकार तेलुगू भाषा की फिल्म 'रंगुला रत्नम' से कर चुकी थीं। लेकिन 1970 में फिल्म 'सावन भादो' से उन्हें बॉलीवुड में एक अभिनेत्री के रूप में औपचारिक प्रवष्टि मिली और उसके बाद उन्होंने अपने रूप और सौंदर्य के साथ-साथ सिनेमा जगत में अपने अभिनय का भी लोहा मनवाया।

उन्होंने कई यादगार फिल्मों में काम किया। रेखा ने एक तरफ सजा (1972), आलाप (1977), मुकद्दर का सिकंदर (1978), मेहंदी रंग लाएगी (1982), रास्ते प्यार के (1982), आशा ज्योति (1984), सौतन की बेटी (1989),बहूरानी (1989), इंसाफ की देवी (1992), मदर (1999) जैसी मुख्यधारा की फिल्मों में अपने अभिनय के जरिये नाम कमाया तो दूसरी तरफ उनकी निजी जिंदगी भी लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी।

करियर की शुरुआत में ही उनका नाम अभिनेता नवीन निश्चल से जुड़ा तो कभी किरण कुमार के साथ जोड़ा गया, यहां तक कि अभिनेता विनोद मेहरा के साथ गुपचुप शादी कर लेने की खबर भी उड़ी और अमिताभ बच्चन के साथ रेखा के रिश्ते की सरगोशियां तो आज तक लोगों के जुबां से हटी नहीं हैं।

लेकिन नवीन निश्चल के साथ रेखा का नाम जुड़ना उनकी जिंदगी में प्यार के आने और चले जाने की शुरुआत भर थी। नवीन निश्चल और किरण कुमार के साथ रेखा का नाम जोड़कर कुछ समय बाद लोगों ने इन किस्सों को भुला दिया।

इसके बाद रेखा का नाम अभिनेता विनोद मेहरा के साथ जुड़ा, मगर मेहरा ने खुद अपनी शादी की बात कभी नहीं स्वीकारी। अमिताभ बच्चन के साथ रेखा की प्रेम कहानी तो आज भी एक पहेली ही है। कहा जाता है कि 1981 में बनी फिल्म 'सिलसिला' रेखा और जया भादुड़ी (बच्चन) के प्रेम के बीच बंटे अमिताभ की वास्तविक जिंदगी की सच्चाई पर आधारित थी। फिल्म बहुत सफल नहीं रही, बल्कि यह फिल्म रेखा-अमिताभ की जोड़ी वाली आखिरी फिल्म साबित हुई।

रेखा के लिए उद्योगपति मुकेश अग्रवाल के साथ विवाह (1990) भी उनके जीवन का दुर्भाग्य ही रहा। उनके पति ने शादी के एक साल बाद ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, तब रेखा न्यूयार्क गई हुई थीं। इस घटना के लिए रेखा को लंबे समय तक सवालों और आक्षेपों का सामना करना पड़ा था।

रेखा एक बार फिर अपने जीवन में अकेली हो गईं। लेकिन बीच-बीच में सार्वजनिक समारोहों और कार्यक्रमों में शुद्ध कांजीवरम साड़ी और मांग में सिंदूर सजाकर रेखा लोगों के बीच कौतूहल का विषय बनती रहीं। रेखा की जिंदगी में प्यार कई बार और कई सूरतों में आया लेकिन जिस स्थायी सहारे और सम्मान की उन्हें जीवन में चाहत और जरूरत थी, उससे वह महरूम ही रहीं।

साल 2005 में आई फिल्म 'परिणीता' में रेखा पर फिल्माया गीत 'कैसी पहेली जिंदगानी' जैसे वास्तव में रेखा की जिंदगी को शब्दों में पिरोया हुआ गीत हो। रेखा को अपने अब तक के अपने फिल्मी सफर में दो बार (1981,1989) सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर अवार्ड और एक बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर अवार्ड (1997) से नवाजा जा चुका है। जीवन के 59 वसंत देख चुकीं खूबसूरत रेखा इस समय राज्यसभा सदस्य होने के साथ-साथ फिल्म जगत में भी सक्रिय हैं। 

www.pardaphash.com

33 की हुईं करीना, आइए नजर डालते हैं करीना की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों पर...

बॉलीवुड अदाकारा बेबो यानी करीना कपूर शनिवार को 33 साल की हो गईं। खूबसूरत करीना ने 'जब वी मेट' और 'ओमकारा' जैसी फिल्मों के जरिए खुद को साबित किया है। आइए नजर डालते हैं करीना की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों पर.. 

'रिफ्यूजी' (200) : इस फिल्म में करीना की नैसर्गिक सुंदरता नजर आई है। निर्देशक जे.पी.दत्ता ने अपने दोस्त रणधीर से किया वादा पूरा किया कि वह उनकी बेटी की शुरुआत ऐसे करेंगे कि लोग हमेशा याद रखेंगे। पाकिस्तान सीमा पार करने वाली लड़की के किरदार में करीना ने हमें नूतन, मधुबाला और नर्गिस जैसी अदाकाराओं की याद दिला दी थी।

'अशोका' (2001) : संतोष सिवान निर्देशित इस ऐतिहासिक फिल्म में करीना योद्धा राजकुमारी कौरवकी के रूप में नजर आईं। उन्होंने हर दृश्य में जोश भर दिया। 

'चमेली' (2004) : मनीष मल्होत्रा के परिधानों में बारिश में नाचती करीना इस फिल्म में काफी खूबसूरत लगी थीं। फिल्म में चमेली का किरदार निभाने वाली करीना ने काफी अच्छा अभिनय किया था।

'युवा' (2004) : मणि रत्नम की युवा में करीना ने ऐसी लड़की किरदार किया है जो सनकी, भावुक और अपने भविष्य को लेकर अस्थिर है। लेकिन वह विरोध प्रदर्शनों में दिलचस्पी रखती है। जया बच्चन को इसमे करीना बेहद अच्छी लगी थीं।

'देव' (2004) : गोविंद निहलानी की इस फिल्म में करीना का किरदार 2002 के गुजरात दंगों में बेकरी में 14 लोगों की मौत के खिलाफ प्रमाण देने वाली जहीरा शेख से प्रेरित था। करीना इसमें बिना मेकअप के नजर आई हैं।

'फिदा' (2004) : करीना ने अभी तक करियर में इसी फिल्म में नकारात्मक भूमिका निभाई है। उन्होंने ईष्र्यालु पति की दुखी और असुरक्षित पत्नी की भूमिका में जबरदस्त अभिनय किया।

'जब वी मेट' (2007) : चंचल और बातूनी लड़की के तौर पर करीना को सभी ने पसंद किया। एक भाग में करीना चंचल और बातूनी हैं तो दूसरे भाग में गंभीर और शांत नजर आती हैं। इस फिल्म में भी वह काफी खूबसूरत नजर आई हैं। 

'हीरोइन' (2012) : मधुर भंडारकर की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भले ही न चली हो लेकिन एक अभिनेत्री के किरदार को करीना ने बखूबी निभाया है। फिल्म एक हीरोइन की जिंदगी के उतार-चढ़ाव की कहानी है।

'तलाश' (2012) : इसमें करीना ने भूत की भूमिका निभाई है। फिल्म में करीना के अभिनय की काफी सराहना की गई थी।

www.pardaphash.com

काजोल के 39वें जन्मदिन पर विशेष.........

बॉलीवुड की खुबसूरत अभिनेत्री काजोल आज अपना 39 वां जन्मदिन मना रही हैं। पांच अगस्त 1975 को मुंबई में जन्मी काजोल अपने अभिनय से लाखों दिलों की धड़कन बन गयीं। काजोल को बचपन से ही फिल्मों में अभिनय का शौक रहा और रहे भी क्यों न काजोल की माँ तनूजा अपने समय की एक जानी मानी अभिनेत्रियों में से एक थीं जबकि पिता सोमु मुखर्जी एक निर्माता रहे|

वर्ष 1992 में निर्देशक राहुल रवैल की फिल्म बेखूदी के साथ काजोल ने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की। काजोल की पहली फिल्म सफल तो नहीं रही लेकिन सावली सलोनी रूप वाली काजोल को फिल्मे मिलने लगी। वर्ष 1993 में शाहरूख खान के साथ उन्होंने 'बाजीगर' के रूप में अपनी पहली हिट फिल्म दी। इस फिल्म ने कामयाबी के झंडे गाड़ दिए। इसके साथ ही काजोल और शाहरूख की जोड़ी दर्शकों के दिलों पर राज करने लगीं। इस सफल जोड़ी को दर्शक आज तक नहीं भूले। आज भी जब इनकी जोड़ी सिल्वर स्क्रीन पर एक साथ होती है तो उसे दर्शकों का वही प्यार मिलता है जो 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' या फिर 'बाजीगर' को मिली थी। काजोल की फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे को बॉलीवुड के इतिहास की सबसे कामयाब फिल्मों में गिना जाता है। यह फिल्म इस कदर कामयाब हुई कि आज तक चल रही है। 

काजोल ने अपने फ़िल्मी करियर में हर तरह की भूमिकाएं निभायीं और हर भूमिका को बेहद खूबसूरती के साथ निभाया। गुप्त, इश्क, प्यार किया तो डरना क्या, कुछ-कुछ होता है, प्यार तो होना ही था, फना जैसी कामयाब फिल्में दी। फिल्म गुप्त में निभाए गए उनकी नकारात्मक चरित्र के लिए काजोल को सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास का पहला मौका था जब किसी अभिनेत्री को सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया था। 

वर्ष 1999 में उन्होंने अभिनेता अजय देवगन के साथ सात फेरे लिए। अजय देवगन और काजोल की जोड़ी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बेस्ट जोड़ियों में शुमार की जाती है। काजोल ने अजय को अपनी जीवन में उस समय शामिल किया जब उनका कैरियर अपने बुलंदियों पर था। शादी के बाद काजोल ने अपना वक़्त अपने घर परिवार को देना शुरू किया अपने दो बच्चों बेटी न्यासा और बेटे युग को पूरा समय देने लगी।

दो बच्चों न्यासा और युग की मां काजोल ने शादी के बाद भी 'फना', 'माई नेम इज खान' और 'कभी खुशी कभी गम' समेत कई हिट फिल्में दीं। वर्ष 2010 में आई फिल्म माय नेम इज खान काजोल और शाहरुख़ की यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल रही। अब काजोल घर के साथ-साथ अपनी फ़िल्मी करियर पर भी ध्यान दे रहीं हैं। काजोल के नाम अपनी सबसे ज्यादा पांच बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्फेयर पुरस्कार पाने का रिकॉर्ड है।