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लौंग के औषधीय गुणों के बारे में जानकर दंग रह जाएंगे आप

हमारे देश में लौंग को मसालों का राजा माना जाता है| मसाले को स्थायी तथा खुशबूदार बनाने के लिए लौंग का प्रयोग किया जाता है| पान में भी लौंग डालकर खाया जाता है| यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वाष्पशील तेल, वसा जैसे तत्वों से भरपूर है। इसके अलावा लौंग में खनिज पदार्थ, हाइड्रोक्लोरिक एसिड में न घुलने वाली राख, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, सोडियम, विटामिन सी और ए भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

इसके सेवन से गला खुल जाता है और छाती में जमा कफ बाहर निकल जाता है| यह पाचक, पित्त नाशक, कुछ उष्ण, वायु रोग नष्ट करने वाला, दमा, बुखार, अपच, हैजा, सिर दर्द, हिचकी और खांसी आदि रोगों को शान्त करने वाला है| स्त्रियां इसका उपयोग घरेलू चिकित्सा में करती हैं| आइए, जाने लौंग के औषधीय गुणों के बारे में-

यदि खांसी से परेशान हैं तो लौंग, कालीमिर्च, अनार के छिलके और सोंठ – सभी बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें| फिर शहद मिलाकर इस चूर्ण को दिन में तीन बार खाएं| लौंग को पानी में पीसकर माथे तथा दोनों कनपटियों पर लेप लगाने से सिर दर्द ठीक हो जाता है| खसरा में दो लौंग का चूर्ण शहद के साथ दिन में तीन बार चटाएं| इससे बच्चे को बहुत आराम मिलता है| भोजन के बाद दो लौंग सुबह और दो शाम को मुंह में डालकर चूसें| कुछ ही दिनों में अम्लपित्त शान्त हो जाएगा|

लौंग, कालीमिर्च, सोंठ तथा अनार के छिलकों को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करें| यह छाती पर जमे हुए कफ को निकालता है और श्वास को स्वाभाविक बनाता है| एक गिलास पानी में दो लौंग का चूर्ण और दो चम्मच प्याज का रस मिलाकर रोगी को पिलाने से हैजे का रोग शान्त होता है| दो रत्ती की मात्रा में लौंग का चूर्ण गरम पानी से लेने पर बुखार उतर जाता है| इस चूर्ण का सेवन सुबह-शाम करें| दो लौंग पीसकर आधा कप पानी में डालकर अच्छी तरह खौला लें| फिर इस पानी को गुनगुने रूप में दिनभर में तीन बार पिएं|

चार-पांच लौंग पीसकर पानी में डालकर उसे गरम कर लें| फिर इस पानी में कुल्ला करें| दाढ़-दांत के दर्द में लौंग का तेल लगाने से भी काफी आराम मिलता है| एक-दो लौंग मुंह में डालकर धीरे-धीरे चूसने से जी मिचलाना रुक जाता है| लौंग को पानी में घिसकर गुहेरी पर लेप करने से वह बैठ जाती है| इससे पलकों की सूजन भी दूर होती है|

एंटी-सेप्टिक गुणों के कारण लौंग चोट, खुजली और संक्रमण में काफी उपयोगी होती है। इसका उपयोग कीटों के काटने या डंक मारने पर भी किया जाता है। इसे किसी पत्थर पर पानी के साथ पीस कर काटे गए या डंक वाले स्थान पर लगाना चाहिए, काफी लाभ होता है। अक्सर लोग तनाव के समय सिगरेट जला लेते हैं या ऐसा कोई अन्य उपाय करते हैं, जो कई बार नुकसानदेह भी साबित होता है। एक लौंग आपके ऐसे तनाव को ही नहीं कम करती, बल्कि अपने विशिष्ट गुण के कारण थकान को कम करने का भी काम करती है।

जानिए खाना खाने के तुरंत बाद क्यों नहीं पीना चाहिए पानी ?

आपने कई महिलाओं व पुरुषों को देखा होगा कि वे खाना खाते समय व तुरंत बाद पानी नहीं पीते| कभी सोचा है कि आखिर यह लोग ऐसा क्यों करते हैं| यदि नहीं तो आज हम आपको बता देते हैं कि लोग खाना खाने के तुरंत बाद पानी क्यों नहीं पीते हैं|

आयुर्वेद के अनुसार, खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर के समान है। पानी तुरंत पीने से उसका असर पाचन क्रिया पर पड़ता है। हम जो भोजन करते है वह नाभि के बाये हिस्से में स्थित जठराग्नि में जाकर पचता है। जठरआग्नि एक घंटे तक खाना खाने के बाद प्रबल रहती है। आयुर्वेद के मुताबिक जठर की अग्नि से ही खाना पचता है। अगर हम तुरंत पानी पी लेते है तो खाना पचने में काफी दिक्कत होती है। इसलिए आयुर्वेद ने खाने और पानी पीने में यह अंतर रखा है।

पानी पीने से जठराग्नि समाप्त हो जाती है ‘जो कि भोजन के पचने के बाद शरीर को मुख्य ऊर्जा और प्राण प्रदान करती है’। इसलिए ऐसा करने से भोजन पचने के बजाय गल जाता है। ऐसा करने से ज्यादा मात्रा में गैस और एसिड बनता है और एक दुष्चक्र शुरू हो जाता है। महर्षि वाघभट्ट ने 103 रोगों का जिक्र किया है जो भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से होते हैं।

खाना खाने के लगभग पौन घंटे या एक घंटे के बाद पानी पीना उचित होता है। इस दौरान जठरआग्नि अपना काम कर चुकी होती है। अगर हम पानी खाने के तुरंत बाद पी लेते है तो वह मंद पड़ जाती है जिससे खाना ठीक से नहीं पचता है।