अभी तक आपने यही सुना होगा कि मंदिरों में प्रसाद, जल और नारियल आदि चढ़ता है और दरगाहों में लोग फूल अगरबत्ती, चादर, व प्रसाद चढ़ता है लेकिन एक ऐसी दरगाह जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जायेंगे| यहाँ फूल, अगरबत्ती व प्रसाद नहीं चढ़ता है बल्कि इस दरगाह पर जलती हुई सिगरेट चढा़कर लोग मन्नत मांगते हैं| अब इसे आस्था कहें या फिर अन्धविश्वास|
मिली जानकारी के मुताबिक, यह दरगाह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग पर मालचा मार्ग के अंदर घने जंगल में स्थित है। यहां हर नौचंदी के दिन (गुरूवार) को सैकड़ों लोग जिनमें अधिकांश हिन्दू स्त्री-पुरुष और विशेष कर पंजाबी लोग आकर दुआएं मांगते है। यह लोग यहाँ फूल, अगरबत्ती के अलावा एक जलती हुई सिगरेट चढ़ाकर अपनी मन्नत मांगते है|
दरगाह शरीफ हजरत ख्वाजा मोनुद्दीन चिश्ती ऊर्फ बरने वाला बाबा के गद्दीनशीन एम.अली. खान साबरी ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि जंगल में स्थित यह दरगाह 800 वर्ष पुरानी है। जिस पर लोगों की आस्थाएं है कि यहां आकर वह जो दुआएं मांगेंगे अवश्य पूरी होंगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, यह दरगाह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग पर मालचा मार्ग के अंदर घने जंगल में स्थित है। यहां हर नौचंदी के दिन (गुरूवार) को सैकड़ों लोग जिनमें अधिकांश हिन्दू स्त्री-पुरुष और विशेष कर पंजाबी लोग आकर दुआएं मांगते है। यह लोग यहाँ फूल, अगरबत्ती के अलावा एक जलती हुई सिगरेट चढ़ाकर अपनी मन्नत मांगते है|
दरगाह शरीफ हजरत ख्वाजा मोनुद्दीन चिश्ती ऊर्फ बरने वाला बाबा के गद्दीनशीन एम.अली. खान साबरी ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि जंगल में स्थित यह दरगाह 800 वर्ष पुरानी है। जिस पर लोगों की आस्थाएं है कि यहां आकर वह जो दुआएं मांगेंगे अवश्य पूरी होंगी।
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