सावन माह में आपकी ख्वाहिश भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिगों के दर्शन करने की है और किसी वजह से आपका जाना संभव नहीं हो पा रहा हो, तो निराश न हों। आप नवाबों की नगरी लखनऊ में ही द्वादश ज्योतिर्लिगों के दर्शन कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी तट पर स्थित खाटू श्याम जी मंदिर परिसर में करीब 25 हजार वर्ग फुट इलाके में ऐसी झांकी सजाई गई हैं, जहां बारहों ज्योतिर्लिंगों के प्रतिरूपों के दर्शन का सौभाग्य मिल रहा है।
इस झांकी को देखने से भक्तों को भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों की यात्रा का अनुभव होता है। इतना ही नहीं उत्तराखंड में आई त्रासदी से तबाह हुए केदारनाथ धाम के दर्शन का भी सौभाग्य यहां मिल रहा है। सावन के पहले सोमवार यानी 23 जुलाई से भक्तों के लिए यह झांकी खोल दी गई है। शाम चार से रात नौ बजे तक द्वादश ज्योतिर्लिंगों के नि:शुल्क दर्शन का सुखद आनंद लिया जा सकता है। यह झांकी अगले 15 दिनों तक सजी रहेगी।
सोमनाथ मंदिर से शुरू हुई द्वादश ज्योतिर्लिंगों की यात्रा केदारनाथ, त्रयम्बकेश्वर, ओमकारेश्वर, नागेश्वर, रामेश्वरम, महाकालेश्वर, मल्लिकार्जुन, भीमाशंकर, घृश्णेश्वर, वैद्यनाथ धाम के बाद काशी विश्वनाथ में समाप्त होती है। खाटू श्याम धाम के मीडिया प्रभारी सुधीश गर्ग कहते हैं कि दिल्ली, मुंबई, और कोलकाता से आए करीब पचास कारीगरों ने महीनेभर से अधिक समय तक दिन रात काम करके यह विशाल झांकी तैयार की है। झांकियों को प्राकृतिक बनावट देने के लिए झरने और पहाड़ आदि बनाए गए हैं, जिससे भक्तों को वास्तविक आनंद मिल सके। कुछ ज्योतिर्लिगों को 20 फुट ऊंचाई पर सजाया गया है।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम की झांकी पर विशेष काम किया गया है। इस धाम की झांकी पर पहुंचने के लिए लगभग सौ फुट के मार्ग को ऊबड़खड़ और घुमावदार बनाया गया है, जिससे कि लोगों को उत्तराखंड जाकर केदारनाथ धाम के साक्षात दर्शन जैसा अनुभव हो सके। जिस दिन से द्वादश ज्योतिर्लिगों की अनोखी झांकी खोली गई है, भक्तों का रेला दर्शन के लिए पहुंच रहा है। हर रोज करीब दस हजार लोग दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
आयोजकों के मुताबिक भक्तों की भारी भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज यहां 12 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। धाम के 50 स्वयंसेवक और दो दर्जन सुरक्षा गार्ड जगह-जगह पूरे परिसर में तैनात हैं। यात्रा का अनुभव लेने बाराबंकी जिले से आए रमाकांत शुक्ला ने कहा कि वाकई यह एक अद्भुद झांकी है। एक साथ भोलेनाथ के सभी बारहों रूपों के दर्शन कराने के लिए आयोजक बधाई के पात्र हैं।
फैजाबाद से सपरिवार आए अजय कुमार कहते हैं कि झांकी इस ढंग से सजाई गई है कि मानों हम सचमुच में जाकर इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर रहे हों। वाकई द्वादश ज्योतिर्लिंगों की यात्रा का यह अनोखा अनुभव है, जिसे शायद शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
pardaphash
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