भाइयों के लिए बहनों की रक्षा का संकल्प लेने का पर्व है रक्षाबंधन। मगर, मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में यह पर्व एक भाई के लिए जीवन रक्षा की सौगात लेकर आ रहा है, क्योंकि राखी पर एक बहन अपना गुर्दा (किडनी) भाई को देने जा रही है।
रतलाम जिले के ढोढर में रहने वाले नंदकिशोर कुमावत (23 वर्ष) का जीवन संकट के दौर से गुजर रहा है। उनके शरीर में दो की बजाय एक ही गुर्दा है, और वह भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस स्थिति में उनके जीवन को बचाना आसान नहीं है, जीवन बचाना है तो एक गुर्दे की जरूरत है।
नंदकिशोर इंदौर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, तभी अप्रैल 2010 में उसके पेट में दर्द हुआ। इस पर उसने चिकित्सकों को दिखाया, सोनोग्राफी कराई गई तो पता चला कि उसके शरीर में दो नहीं सिर्फ एक ही गुर्दा है और वह भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। उसने कई जगह इलाज कराया मगर बात नहीं बनी। चिकित्सकों ने उसे नई किडनी लगवाने की सलाह दी।
बताते हैं कि नंदकिशोर शादीशुदा है, और इस स्थिति में उसकी पत्नी गंगाबाई, भाई अमृत, भाभी सीमाबाई और चाची कैलाशबाई ने अपनी किडनी देने की पेशकश की मगर उनके टिसू का मिलान नहीं हुआ, लिहाजा इन चारों की किडनी उसके काम नहीं आ सकती थी।
इस स्थिति में नंदकिशोर की बहन यशोदा (30 वर्ष) ने अपनी किडनी देने की पेशकश की। चिकित्सकीय परीक्षण के बाद पाया गया कि यशोदा की किडनी नंदकिशोर को प्रत्यारोपित की जा सकती है।
चिकित्सक बताते हैं कि हजारों में एक ऐसा प्रकरण होता है, जब किसी व्यक्ति के एक किडनी हो और वह भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हो, बहन द्वारा भाई को किडनी दिए जाने के बाद दोनों का जीवन सामान्य रहेगा।
अहमदाबाद में नंदकिशोर की किडनी का प्रत्यारोपण होगा और ऑपरेशन की तारीख 20 अगस्त रक्षाबंधन के ही आसपास निकल रही है। बहन द्वारा किडनी दिए जाने का जिक्र आते ही नंदकिशोर की आंखें नम हो जाती हैं। वह कहता है कि राखी के पर्व पर भाई बहन की रक्षा का वचन देता है, मेरी बहन अपनी जान की परवाह किए बिना मुझे किडनी देकर जीवन रक्षा करने जा रही है।
नंदकिशोर की बहन यशोदा के दो बच्चे हैं और पति शांतिलाल ने भी किडनी देने की इजाजत दे दी है। अहमदाबाद के गुर्दा विशेषज्ञ डॉ. मनेाज गुंबज के परामर्श पर नंदकिशोर गुर्दा प्रत्यारोपित करा रहा है। रक्षाबंधन के मौके पर एक बहन द्वारा भाई के जीवन रक्षा की कोशिश सफल हो, हर कोई यही कामना कर रहा है। ताकि भाई-बहन के अटूट रिश्ते का यह पर्व एक मिसाल बन जाए।
पर्दाफाश से साभार
ليست هناك تعليقات:
إرسال تعليق