अगर किसी मनुष्य की जन्मकुंडली में कालसर्प योग है, तो उसके जीवन में अनेक प्रकार की बाधाओं, हानि-परेशानी, दिक्कतों का सामना करना पडता है| जैसे, विवाह, सन्तान में विलम्ब, दाम्पत्य जीवन में असंतोष, मानसिक अशांति, स्वास्थय हानि, धनाभाव एवं प्रगति में रूकावट आदि|
काल सर्प दोष के निवारण के लिए बारह ज्योतिर्लिंग के अभिषेक एवं शांति का विधान बताया गया है। यदि द्वादश ज्योतिर्लिंग में से केवल एक नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग का नागपंचमी के दिन अभिषेक, पूजा की जाए तो इस दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिलती है।
लेकिन हम आपको आज एक ऐसा करने में असमर्थ हैं तो करें ये सरल उपाय-
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर (जो केवल नागपंचमी के दिन ही खुलता है) के दर्शन करें। सर्प सूक्त से उनकी आराधना करें। दुग्ध,शकर, शहद से स्नान व अभिषेक करें। यदि शुक्ल यजुर्वेद में वर्णित भद्री द्वारा नागपंचमी के दिन महाकालेश्वर की पूजा की जाए तो इस दोष का शमन होता है।
कालसर्प योग शांति के लिए नागपंचमी के दिन व्रत करें और काले पत्थर की नाग देवता की एक प्रतिमा बनवा कर उसकी किसी मन्दिर में प्रतिष्ठा करवा दें| इसके आलावा काले नाग-नागिन का जो़ड़ा सपेरे से मुक्त करके जंगल में छो़ड़ें।
ताँबा धातु की एक सर्पमूर्ति बनवाकर अपने घर के पूजास्थल में स्थापित करें, एक वर्ष तक नित्य उसका पूजन करने के बाद उसे किसी नदी/तालाब इत्यादि में प्रवाहित कर दें|
श्रावण कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि अर्थात नागपंचमी को उपवास रखें और उस दिन सर्पाकार सब्जियाँ खुद न खाकर, न अपने हाथों काटकर बल्कि उनका किसी भिक्षुक को दान करें|
नागपंचमी के दिन रुद्राक्ष माला से शिव पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जप करने से भी इसकी शांति होती है और इस दिन बटुक भैरव यंत्र को पूजास्थल पर रखने से भी इसका शमन होता है।
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