सोने से उठ रहा राजनीतिक धुआं!

उन्नाव जिले के एक गांव में स्थित पूर्ववर्ती राजा के किले के खंडहरों में दबे 1000 टन सोने की खोज में अभी तक कांच की कुछ टूटी हुई चूड़ियां, मिट्टी के बर्तन और चूल्हा ही मिल पाया है, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक पारा चरम पर पहुंच चुका है।

राजधानी लखनऊ से कोई 100 किलोमीटर दूर डौंडियाखेड़ा गांव में सोने की खोज जोरशोर से जारी है। खुदाई के काम की निगरानी कर रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने अभी तक करीब सात फुट फीट तक ही खुदाई की है। अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में ज्यादा कुछ नहीं मिलने वाला।

लेकिन इसे लेकर विवादों का सिलसिला चरम पर है। जनता दल-यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव ने सपने में सोने का खजाना देखने वाले साधु शोभन सरकार के चेले स्वामी ओमजी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

ओमजी के समर्थकों ने यादव का पुतला दहन किया है। बीघपुर गांव के प्रधान ने सवाल किया, "स्वामी ओमजी एक साधु हैं। आखिर शरद यादव उनकी छवि को धूमिल कैसे कर सकते हैं?"

स्वामी ओमजी ने इससे पहले पत्रकारों से यह कह कर कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी 'झूठ का सौदागर है' विवाद खड़ा कर दिया था।

भाजपा ने तुरत-फुरत में ओमजी का इतिहास खंगाल लिया और दावा किया कि स्वामी ओमजी 90 के दशक में युवा कांग्रेस के नेता हुआ करते थे।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने ओमजी पर 'कांग्रेस का कार्यकर्ता' होने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हालांकि साधु की किले के अंदर गड़ा धन सपने में देखने के लिए सराहना की। उन्नाव से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद बृजेश पाठक ने कहा कि वे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।

ओमजी के खिलाफ दो मुकदमे वाराणसी और लखनऊ की अदालतों में दर्ज कराए जा चुके हैं। उनके खिलाफ तंत्रमंत्र को बढ़ावा और समाज को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।

वाराणसी में अपनी अर्जी में पेशे से वकील कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा है कि एएसआई के अधिकारी एक साधु के सपने पर सक्रिय होने में विज्ञान को ताक पर रख दिया है।

वकील ने कहा है, "साधु को भारतीय दंड विधान की धारा 295 (ए) और 298 के तहत दंडित किया जाए।" लखनऊ में दायर एक अन्य मामले में केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता चरणदास महंत को भी नामजद किया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।

उन्नाव के पूर्व राजा राव राम बख्श सिंह के किले की खुदाई का आदेश देने के लिए मोदी ने पिछले सप्ताह केंद्र सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि इससे बेहतर होता कि सरकार स्विस बैंक से काला धन वापस लाने का प्रयत्न करती।

बाद में हालांकि उन्होंने अपने वचन पर यह ट्वीट करते हुए माफी भी मांगी कि उनके दिल में 'शोभन सरकार की तपस्या और त्याग के लिए असीम श्रद्धा है।'

इस हंगामे में इतना ही काफी नहीं है। बौद्ध साधु भी खुदाई वाली जगह को प्राचीन बौद्ध स्थल होने दावा करते हुए कूद पड़े हैं। भीम राव अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि है वे लोग शनिवार को गांव की ओर कूच करेंगे और जिला दंडाधिकारी से मुलाकात कर अपना दावा पेश करेंगे। 

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