जहाँ एक ओर भगवान श्रीराम की नगरी आयोध्या से खबर मिल रही है कि भगवान को ठंड से बचाने के लिए दिन में गर्म साल व रात में रेशमी रजाई ओढ़ाई जा रही है इसके अलावा भगवान को गर्म पानी से नहलाया जा रहा है| वहीँ दूसरी ओर वृन्दावन से भी खबर आ रही है ठाकुर बांके बिहारी को सर्दी न लग जाए इसलिए हर दिन इत्र मिलाकर हिना और केसर की मालिश हो रही है। नमी वाले फूलों को दूर रखा जाता है। बांके बिहारी ने गले में माला पहनना भी बंद कर दिया है।
सेवायत शालू गोस्वामी ने बताया कि होली के बाद फुलैरा दूज तक ठाकुर जी को गुलाब, कमल जैसे ज्यादा नमी वाले फूलों से बचाया जाता है। दीपावली के बाद जब तक गर्मी का प्रभाव न बढ़ जाए, तब तक उनको नम फूलों की माला नहीं पहनाई जाती, और न फूल चढ़ते हैं। सेवायतों के अनुसार ठाकुरजी को अर्पित करने के लिए अमेरिका, कनाडा, नेपाल, हांगकांग और सिंगापुर से गुलदार, अष्टर, वेगवेल, सोनार, कुंडेस के फूल मंगाए जाते हैं।
बांके बिहारी मंदिर के वरिष्ठ सेवायत स्वामी अनिल गोस्वामी ने बताया कि पांच दशक पुरानी परंपरा के अनुसार बिहारी बगीचा से फूल चुनकर बेरीवाला परिवार के सदस्य गुंजा बनाकर रोजाना भेजते हैं। वहीं गर्मी के मौसम में ठाकुरजी को यह सुबह और शाम चढ़ाया जाता है। जाड़े के मौसम में गुंजा बंद कर दिया जाता है। शीतऋतु में चरणों और देहरी पर चढ़ते पुष्प और तुलसी दल।
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