उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लोकबंधु अस्पताल में बुधवार को शाम इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक और फार्मासिस्ट ने शराब के नशे में मरीज की बहन से छेड़खानी की। पीड़िता के आवाज लगाने पर मरीजों के परिजनों ने डॉक्टर व फार्मासिस्ट की जमकर पिटाई की| उसके बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में ही जमकर बवाल किया|
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अस्पताल की इमरजेंसी में रात आठ बजे ड्यूटी पर तैनात ईएमओ डॉ. दिनेश सिंह और फार्मासिस्ट सुभाष शराब ने शराब पी राखी थी| इस दौरान पिंटू को बेहोशी की हालत में परिजन इमरजेंसी लेकर आए थे। मरीज की गंभीर हालत होने की वजह से उसे भर्ती करवाकर वापस लौट गए थे। पीड़ित की देखभाल में लगी उसकी बहन पिंकी को अकेला देख नशे में धुत डॉक्टर और फार्मासिस्ट ने जैसे ही उसे दबोचने का प्रयास किया तो पीड़िता चिल्लाते हुए एक दम से बाहर की भागी।
पीड़िता ने बताया कि बाद में डॉ. दिनेश और सुभाष अपनी जगह चुपचाप बैठ गए। पीड़िता के पिता का आरोप है कि इसके बाद मौकेपर पहुंचे अन्य मरीज के परिजनों जब डॉक्टर व फार्मासिस्ट से पूछताछ की तो मौकेपर पहुंचे अस्पताल के अधिकारियों ने चिकित्सकों को वहां बाहर निकलवा दिया।
वहीँ इस घटना को लेकर डॉ. सुरेश सिंह, सीएमएस लोकबंधु अस्पताल का कहना है कि इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. दिनेश सिंह स्वयं न्यूरो के मरीज हैं। इसलिए वह किसी से भी भिड़ जाते हैं। सुभाष इंटर्न फार्मासिस्ट है। वहीँ छेड़खानी को लेकर उनका कहना है कि अस्पताल परिसर में ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है| केवल मरीज केपरिजन और डॉक्टर केबीच कहा सुनी हुई है।
इसके अलावा राजधानी के सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती 55 वर्षीय मसूद अली की सुरक्षा गार्डो के साथ जमकर मारपीट हुई। मसूद अली मानसिक रोगी हैं| घटना की सूचना पर अस्पताल पहुंचे मरीज के परिजनों ने तोड़फोड़ करते हुए जमकर हंगामा काटा मौके पर पहुँची पुलिस ने समझा बुझाकर मामले को शांत कराया|
हुआ यूँ कि सिविल अस्पताल की इमरजेंसी के बेड संख्या 13 पर भर्ती कैंट निवासी मसूद अली को बीते रविवार को भर्ती कराया गया था। मरीज के परिजनों ने बताया कि पीड़ित इमरजेंसी से बाहर की ओर निकल रहा था। तभी वहां पहुंचे ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा गार्ड ने मरीज को धक्का मारते हुए अंदर जाने को कहा। इस पर मरीज गार्ड से भिड़ गया। इस दौरान सुरक्षा गार्ड ने तुरंत अपने अन्य साथियों को बुला लिया और मिलकर मरीज को पीटना शुरू कर दिया।
बेटे को पिटता देख मरीज के पिता ने इसकी जानकारी अपने परिजनों दी, तो कुछ समय में दर्जनों फौजी अस्पताल आ धमके और तोड़फोड़ मचाते हुए सुरक्षा गार्डो को ढूंढ़ना शुरू कर दिया। अस्पताल प्रशासन के व्यवहार से आहत होकर परिजन मरीज को इलाज के लिए दूसरे चिकित्सालय ले गए हैं।
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