'हंसी तो फंसी' मुस्कुराने को मजबूर कर देगी

एक्टर: परिणिति चोपड़ा, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अदा शर्मा, मनोज जोशी, शरत सक्सेना
म्यूजिक: विशाल शेखर
लिरिसिस्ट: अमिताभ भट्टाचार्य, कुमार
डायरेक्टर: विनिल मैथ्यू
ड्यूरेशन: 141 मिनट

'हंसी तो फंसी' एकदम रोमांटिक फिल्म है। परिणीति-सिद्धार्थ की मज़ेदार एक्टिंग और निर्देशक विनिल मैथ्यू के सधे हुए निर्देशन से बहुत समय बाद एक अच्छी रोमांटिक कॉमेडी सामने आई है। इस फ़िल्म में वह सब कुछ है, जिसकी चाह लिए दर्शक थिएटर में जाते हैं। अच्छे स्मूद घुमाव लिए कहानी, जबरदस्त एक्टिंग, जबरजस्त कॉमेडी, लाजवाब डायलॉग्स। यह फ़िल्म हर वर्ग के लिए है। इस फ़िल्म में जिंदगी का एक मजेदार अनुभव देखने को मिलेगा जिसे प्यार और शादी कहते हैं। फिल्म की कहानी में काफ़ी नयापन है। जो दर्शकों की बड़ी क्लास को कहानी और किरदारों के साथ बांधकर रखने का दम रखती है। 

निखिल बचपन से ही खुरापाती है। उसके पापा आईपीएस हैं और बड़ा भाई आईएएस। निखिल और करिश्मा (अदा शर्मा) के बीच पिछले सात सालों से अफेयर है। इन दोनों के इस अफेयर को करिश्मा के पापा (मनोज देसाई) और निखिल के पापा (शरत सक्सेना) से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। पिछले सात सालों के इस अफेयर में निखिल और करिश्मा के बीच ना जाने कितनी बार ब्रेकअप हुआ लेकिन रिश्तों को हमेशा निभाने के अपने स्वभाव के चलते हमेशा करिश्मा की बात आगे रखी। अगले सात दिनों में इन दोनों की शादी होने वाली है। करिश्मा ने शादी से पहले पांच करोड़ रूपये कमाने की अपनी अनोखी शर्त रखी जिसे निखिल मान लेता है। दरअसल, अमीर खानदान की करिश्मा शादी के बाद निखिल के साथ बाकी बची पूरी लाइफ आराम से एंजॉय करना चाहती थी और निखिल अपनी दुनिया में रहने वाला युवक है जो अपनी शर्तो पर काम करता है। 

शादी से पहले इन दोनों के घर नजदीकी रिश्तेदार आ चुके है। दोनों फैमिली में शादी से पहले के फंक्शन भी स्टार्ट हो चुके है। इसी बीच अचानक एक दिन चीन से करिश्मा की बहन मीता (परिणीती चोपड़ा) जब अपने घर पहुंचती है तो कोहराम मच जाता है। दरअसल, मीता सात साल पहले अपने घर से मोटी रकम चोरी करके भाग गई थी और अब अपनी बहन की शादी से ठीक सात दिन पहले उसका अचानक चले आना किसी की समझ से परे है। मीता अपने घर में आ नहीं सकती, चीन में रहने के दौरान मीता कुछ ऐसी ऐसी दवाएं लेने की आदी हो चुकी है जिन्हें लिए बिना वह कुछ कर नहीं पाती। ऐसे में करिश्मा निखिल को मीता के कहीं रहने का इंतजाम करने के लिए कहती है।इसके बाद फिर 'निखिल' और 'मीता' की मुलाकात क्या 'टर्न और ट्विस्ट' लाती है। इसके लिए आपको पड़ेगा। पंजाबी और गुजराती कल्चर काफी मजेदार है। इस वीकएंड पर ठीकठाक टाइम पास करने के लिए 'हंसी तो फंसी' बुरा ऑप्शन नहीं है। 

परिणीति चोपड़ा खूबसूरती के साथ अपना किरदार निभाया है और सिद्धार्थ मल्होत्रा व अदा शर्मा ने भी अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। यहां मनोज जोशी का ज़िक्र करना बेहद ज़रूरी है, जिन्होंने परिणीति के पिता के किरदार में हैं। उन्होंने बेहतरीन परफॉरमेन्स दी है। शरत सक्सेना और बाकी छोटे-छोटे किरदार भी असर छोड़ने में कामयाब रहे हैं । निर्देशक विनिथ मैथ्यू ने फिल्म की रफ्तार कहीं भी कम नहीं होने दी। फिल्म की कहानी एक दम फ्रेश है। अनुराग कश्यप के डायलॉग्स में काफी लुभावने हैं। संगीत की बात करें तो गाना 'ड्रामा क्वीन...' अच्छा है। हंसी तो फंसी' में सिचुएशनल कॉमेडी है, जो वक्त-वक्त पर आपको मुस्कुराने पर मजबूर करेगी,तो कुल मिलाकर इसने मुझे एंटरटेन तो किया।

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