हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत ही महत्व होता है| ऐसा मानना है कि जिस घर में इसका वास होता है वहा आध्यात्मिक उन्नति के साथ सुख-शांति एवं आर्थिक समृद्धता स्वयं आ जाती है। वातावारण में स्वच्छता एवं शुद्धता, प्रदूषण का शमन, घर परिवार में आरोग्य की जड़ें मज़बूत करने, श्रद्धा तत्व को जीवित करने जैसे अनेकों लाभ इसके हैं। इतना ही नहीं तुलसी भारतीय मूल की ऐसी औषधि है जिसका सांस्कृतिक महत्व है। यहाँ घर में इसके पौधे की उपस्थिति को दैवीय उपहार और सौभाग्यशाली समझा जाता है। भारत में पाई गई यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण और चमत्कारिक औषधि है। आपको बता दें कि सर्दी, खांसी के घरेलू उपचार में इस्तेमाल होने वाली तुलसी का इस्तेमाल परमाणु विकिरण की चपेट में आए लोगों के इलाज में भी किया जा सकता है।
आज आपको तुलसी की सबसे खास बात बताने जा रहा हूँ आपको पता है आपके घर में पूजी जाने वाले तुलसी घर का वातावरण पूरी तरह पवित्र और कीटाणुओं से मुक्त रखती है। इसे घर का वैद्य कहा गया है। इससे कई तरह की बीमारियां तो दूर होती ही है। साथ ही वास्तुशास्त्र के अनुसार भी इसे घर में रखने का विशेष महत्व माना गया है। तुलसी को घर में लगाने से कई तरह के वास्तुदोष दूर होते हैं। तुलसी के भी बहुत से प्रकार है। जिसमें जिसमें रक्त तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी, मुख्यरूप से विद्यमान है। तुलसी की इन सभी प्रजातियों के गुण अलग है।
धर्मग्रंथों के अनुसार जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां रोग, दोष या क्लेश नहीं होता वहां हमेशा सुख-समृद्धि का वास होता है। इसीलिए प्रतिदिन तुलसी के पौधे की पूजा करने का भी विधान है। प्राचीन काल से ही यह परंपरा चली आ रही है कि घर में तुलसी का पौधा होना चाहिए। शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और देवी स्वरूप माना गया है, इस कारण घर में तुलसी हो तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि ये बातें ध्यान रखी जाती हैं तो सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा हमारे घर पर बनी रहती है। घर में सकारात्मक और सुखद वातावरण बना रहता है, पैसों की कमी नहीं आती है और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
हर रोज तुलसी पूजन करना चाहिए के साथ ही यहां बताई जा रही सभी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, हर शाम तुलसी के पास दीपक लगाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक लगाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। तुलसी घर-आंगन में होने से कई प्रकार के वास्तु दोष भी समाप्त हो जाते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति पर शुभ असर होता है। ऐसी मान्यता है कि तुलसी का पौधा होने से घर वालों को बुरी नजर प्रभावित नहीं कर पाती है। साथ ही, सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय नहीं हो पाती है। सकारात्मक ऊर्जा को बल मिलता है।
देव और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के समय जो अमृत धरती पर छलका, उसी से तुलसी की उत्पत्ति हुई। ब्रह्मदेव ने उसे भगवान विष्णु को सौंपा। भगवान विष्णु, योगेश्वर कृष्ण और पांडुरंग (श्री बालाजी) की पूजन के समय तुलसी का हार उनकी प्रतिमाओं को अर्पण किया जाता है। तुलसी का रोजाना दर्शन करना पापनाशक समझा जाता है और पूजन करना मोक्षदायक। देवपूजा और श्राद्धकर्म में तुलसी आवश्यक है। तुलसी पत्र से व्रत, यज्ञ, जप, होम, हवन आदि पूजन करने से पुण्य मिलता है। कहते हैं भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी अत्यंत प्रिय है। सोना, रत्न, मोती से बने पुष्प यदि श्रीकृष्ण को चढाएं जाएं तो भी तुलसी के बिना वे अधूरे हैं।
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