गैस की समस्या से हैं परेशान तो अपनाइए ये घरेलू नुस्खे

लगातार बैठ कर काम करने और खान-पान सावधानी नहीं रखने के कारण गैस की समस्या आज आम हो गई है। इस रोग में डकारें आना, पेट में गैस भरने से बेचैनी, घबराहट, छाती में जलन, पेट में गुड़गुडाहट, पेट व पीठ में हलका दर्द, सिर में भारीपन, आलस्य व थकावट तथा नाड़ी दुर्बलता जैस लक्षण देखने को मिलते हैं। कभी-कभी भूख नहीं लगने पर भी कुछ न कुछ खाने की बेवजह आदतों से भी पेट में एसिडिटी बनने लगती है। यदि आपको भी गैस की समस्या रहती है तो अब घबराने की जरुरत नहीं बस यहाँ कुछ घरेलू उपाय बताये जा रहे हैं जिन पर ध्यान दिया जाए तो इस समस्या से हल निकल सकता है| 

भोजन में मूंग, चना, मटर, अरहर, आलू, सेम, चावल, तथा तेज मिर्च मसाले युक्त आहार अधिक मात्रा में सेवन न करें! शीर्घ पचने वाले आहार जैसे सब्जियां, खिचड़ी, चोकर सहित बनी आटें कि रोटी, दूध, तोरई, कद्दू, पालक, टिंडा, शलजम, अदरक, आवंला, नींबू आदि का सेवन अधिक करना चाहिए। भोजन खूब चबा चबा कर आराम से करना चाहिए! बीच बीच में अधिक पानी ना पिएं! भोजन के दो घंटे के बाद 1 से 2 गिलास पानी पिएं। दोनों समय के भोजन के बीच हल्का नाश्ता फल आदि अवश्य खाएं। 

तेल गरिष्ठ भोजन से परहेज करें! भोजन सादा, सात्त्विक और प्राक्रतिक अवस्था में सेवन करने कि कोशिश करें। दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें। प्रतिदिन कोई न कोई व्यायाम करने कि आदत जरुर बनाएं! शाम को घूमने जाएं! पेट के आसन से व्यायाम का पूरा लाभ मिलता है। प्राणयाम करने से भी पेट की गैस की तकलीफ दूर हो जाती है| शराब, चाय, कॉफी, तम्बाकू, गुटखा, जैसे व्यसन से बचें। दिन में सोना छोड़ दें और रात को मानसिक परिश्रम से बचें|

एक चम्मच अजवाइन के साथ चुटकी भर काला नमक भोजन के बाद चबाकर खाने से पेट कि गैस शीर्घ ही निकल जाती है| अदरक और नींबू का रस एक एक चम्मच कि मात्रा में लेकर थोड़ा सा नमक मिलकर भोजन के बाद दोनों समय सेवन करने से गैस कि सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं , और भोजन भो हजम हो जाता है! भोजन करते समय बीच बीच में लहसुन, हिंग, थोड़ी थोड़ी मात्रा में खाते रहने से गैस कि तकलीफ नहीं होती| हरड, सोंठ का चूर्ण आधा आधा चम्मच कि मात्रा में लेकर उसमे थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर भोजन के बाद पानी से सेवन करने से पाचन ठीक प्रकार से होता है और गैस नहीं बनती! नींबू का रस लेने से गैस कि तकलीफ नहीं होती और पाचन क्रिया सुधरती है! 

गैस बनने पर हींग, जीरा, अजवायन और काला नमक, बहुत कम मात्रा में नौसादर मिलाकर गुनगुने पानी से लें। इनमें से कोई एक चीज भी ले सकते हैं। इसके अलावा आधे कच्चे, आधे भुने जीरे को कूट कर गर्म पानी से दो ग्राम लें। ऐसा दिन में दो बार एक सप्ताह तक करें। इसके बाद मोटी सौंफ को भून-पीसकर गुड़ के साथ मिक्स करके 6-6 ग्राम के लड्डू बना लें। दिन में दो-तीन बार लड्डू चूसें। 

एक मुनक्के का बीज निकालकर उसमें मूंग की दाल के एक दाने के बराबर हींग या फिर लहसुन की एक छिली कली रखकर मुनक्के को बंद कर लें। इसे सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। इसके 20-25 मिनट बाद तक कुछ न खाएं। तीन दिन लगातार ऐसा करें। इसके अलावा अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरंत बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें। 

लहसुन की एक-दो कलियों के बारीक टुकड़े काटकर थोड़ा-सा काला नमक और नीबू की बूंदें डालकर गर्म पानी से सुबह खाली पेट निगल लें। इससे कॉलेस्ट्रॉल, एंजाइना और आंतों की टीबी आदि बीमारियां ठीक होने में भी मदद मिलेगी। गर्मियों में एक-दो और सर्दियों में दो-तीन कलियां लें। बिना दूध की नीबू की चाय भी फायदा करती है, पर नीबू की बूंदें चाय बनाने के बाद ही डालें। इसमें चीनी की जगह हल्का-सा काला नमक डाल लें, फायदा होगा। 

पांच ग्राम हल्दी या अजवायन और तीन ग्राम नमक मिलाकर पानी से लें। 
दो लौंग चूस लें या फिर उन्हें उबालकर उस पानी को पी लें। 
पानी में 10-12 ग्राम पुदीने का रस और 10 ग्राम शहद मिलाकर लें। 
खाना खाने के बाद 25 ग्राम गुड़ खाने से गैस नहीं बनती और आंतें मजबूत रहती हैं। 
बेल का चूर्ण, त्रिफला और कुटकी मिलाकर (दो से छह ग्राम) रात को खाना खाने के बाद पानी से लें।

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