नवरात्रि का पर्व आज (बुधवार) से प्रारंभ हो चुका है| इसके लिए हर भक्त अपने तरीके से माँ की आराधना करता है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर हम आपके लिए नवदुर्गा प्रश्नावली चक्र लाएं हैं। इस चमत्कारिक चक्र के माध्यम से आप अपने जीवन की समस्त परेशानियों व सवालों का हल आसानी से पा सकते हैं।
नवदुर्गा प्रश्नावली चमत्कारिक चक्र के उपयोग की विधि-
जिस किसी भक्त को अपने सवालों का जवाब या परेशानियों का हल जानना है वो पहले पांच बार ऊँ ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का जप करने के बाद 1 बार इस मंत्र का जप करें-
या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
इस मंत्र का जाप करने के बाद भक्त आंखें बंद करके अपना सवाल पूछें और माता दुर्गा का स्मरण करते हुए प्रश्नावली चक्र पर कर्सर घुमाते हुए रोक दें। जिस कोष्ठक (खाने) पर कर्सर रुके, उस कोष्ठक में लिखे अंक के अनुसार नीचे लिखे फलादेश को ही अपने अपने प्रश्न का उत्तर समझें।
1- धन का लाभ होगा एवं मान-सम्मान भी मिलेगा।
2- धन हानि अथवा अन्य प्रकार का अनिष्ट होने की आशंका है।
3- किसी अभिन्न मित्र से मिलन होगा, जिससे मन प्रसन्न होगा।
4- कोई व्याधि अथवा रोग होने की आशंका है, अत: कार्य अभी टाल देना ही आपके लिए अच्छा रहेगा।
5- धैर्य रखिए जो भी कार्य आपने सोचा है, उसमें आपको सफलता मिलेगी|
6- कुछ दिन के लिए कार्य को स्थगित कर दें| किसी से कलह अथवा कहासुनी हो सकती है|
7- आपका अच्छा समय शुरु हो गया है। अतिशीघ्र ही सुंदर एवं स्वस्थ पुत्र होने के योग हैं। इसके अतिरिक्त आपकी अन्य मनोकामनाएं भी पूर्ण होंगी।
8- विचार पूरी तरह त्याग दें| इस कार्य में मृत्यु भी होने की आशंका है।
9- देश समाज अथवा सरकार की दृष्टि में सम्मान बढ़ेगा। आपका सोचा हुआ कार्य अच्छा है।
10- अपना कार्य आरंभ करें, अपेक्षित लाभ प्राप्त होगा|
11- जिस कार्य के बारे में सोच रहे हैं, उसमें हानि होने की सम्भावना है|
12- मनोकामना पूर्ण होगी और पुत्र से भी आपको विशेष लाभ मिलेगा।
13- कार्य में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए शनिदेव की उपासना करें|
14- चिंता न करें, अच्छा समय शुरु हो गया है, सुख-संपत्ति प्राप्त होगी।
15- आर्थिक तंगी के कारण ही आपके घर में सुख-शांति नहीं है। धैर्य एवं संयम रखें, एक माह बाद स्थितियां बदलने लगेंगी।
नवदुर्गा प्रश्नावली चमत्कारिक चक्र के उपयोग की विधि-
जिस किसी भक्त को अपने सवालों का जवाब या परेशानियों का हल जानना है वो पहले पांच बार ऊँ ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का जप करने के बाद 1 बार इस मंत्र का जप करें-
या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
इस मंत्र का जाप करने के बाद भक्त आंखें बंद करके अपना सवाल पूछें और माता दुर्गा का स्मरण करते हुए प्रश्नावली चक्र पर कर्सर घुमाते हुए रोक दें। जिस कोष्ठक (खाने) पर कर्सर रुके, उस कोष्ठक में लिखे अंक के अनुसार नीचे लिखे फलादेश को ही अपने अपने प्रश्न का उत्तर समझें।
1- धन का लाभ होगा एवं मान-सम्मान भी मिलेगा।
2- धन हानि अथवा अन्य प्रकार का अनिष्ट होने की आशंका है।
3- किसी अभिन्न मित्र से मिलन होगा, जिससे मन प्रसन्न होगा।
4- कोई व्याधि अथवा रोग होने की आशंका है, अत: कार्य अभी टाल देना ही आपके लिए अच्छा रहेगा।
5- धैर्य रखिए जो भी कार्य आपने सोचा है, उसमें आपको सफलता मिलेगी|
6- कुछ दिन के लिए कार्य को स्थगित कर दें| किसी से कलह अथवा कहासुनी हो सकती है|
7- आपका अच्छा समय शुरु हो गया है। अतिशीघ्र ही सुंदर एवं स्वस्थ पुत्र होने के योग हैं। इसके अतिरिक्त आपकी अन्य मनोकामनाएं भी पूर्ण होंगी।
8- विचार पूरी तरह त्याग दें| इस कार्य में मृत्यु भी होने की आशंका है।
9- देश समाज अथवा सरकार की दृष्टि में सम्मान बढ़ेगा। आपका सोचा हुआ कार्य अच्छा है।
10- अपना कार्य आरंभ करें, अपेक्षित लाभ प्राप्त होगा|
11- जिस कार्य के बारे में सोच रहे हैं, उसमें हानि होने की सम्भावना है|
12- मनोकामना पूर्ण होगी और पुत्र से भी आपको विशेष लाभ मिलेगा।
13- कार्य में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए शनिदेव की उपासना करें|
14- चिंता न करें, अच्छा समय शुरु हो गया है, सुख-संपत्ति प्राप्त होगी।
15- आर्थिक तंगी के कारण ही आपके घर में सुख-शांति नहीं है। धैर्य एवं संयम रखें, एक माह बाद स्थितियां बदलने लगेंगी।
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