जाने धृतराष्ट्र अंधे व पाण्डु पीले क्यों थे?

महाभारत वह महाकाव्य है जिसके बारे में जानता तो हर कोई है लेकिन आज भी कुछ ऐसे चीजें हैं जिसे जानने वालों की संख्या कम है| क्या आपको पता है कि कौरवों के पिता धृतराष्ट्र अंधे व पांडवों के पिता महाराज पांडु पीले क्यों थे? आखिर क्या वजह थी जो धृतराष्ट्र अंधे व पांडु पीले हो गए?

दरअसल हुआ कुछ यूँ कि महाराज विचित्रवीर्य अम्बिका और अंबालिका से विवाह होने के बाद दोनों के साथ प्रेम से रहने लगे| इस तरह सात साल खुशी-खुशी बीत गए। कुछ दिन बाद महाराज विचित्रवीर्य क्षय रोग से ग्रसित हो गए| काफी उपचार हुआ लेकिन विचित्रवीर्य पर कोई असर नहीं हुआ| और वह बिना संतान उत्पन्न किए ही स्वर्गवासी हो गए। 

विचित्रवीर्य के स्वर्ग सिधार जाने के बाद हस्तिनापुर का सिंहासन बिलकुल खाली होगा| सिहासन खाली देखकर सभी लोग इस विचार में पड़ गए कि अब इस सिहासन पर किसको आसीन किया जाए| तब माता सत्यवती ने भीष्म को कहा कि वे काशीनरेश की कन्याओं के द्वारा संतान उत्पन्न कर अपने वंश की रक्षा करें। तब भीष्म ने अपनी प्रतिज्ञा को न तोडऩे का संकल्प दोहराया। 

भीष्म की प्रतिज्ञा सुनकर सत्यवती ने अपने पुत्र महर्षि वेदव्यास को बुलाया। व्यास के आने के बाद सत्यवती ने उन्हें विचित्रवीर्य के क्षेत्र में संतान उत्पन्न करने के लिए कहा। इस पर उन्होंने अंबिका से धृतराष्ट्र व अंबालिका से पांडु उत्पन्न किया| जब अंबिका महर्षि वेदव्यास के पास गई तो व्यास जी ने अंबिका को देखकर अपनी आंखें बंद कर इसी कारण धृतराष्ट्र जन्म से ही अंधे हो गए और जब अंबालिका व्यास जी के पास आई तो अंबालिका को देखकर व्यास जी का शरीर पीला पड़ गया| इसी कारण पांडु पीले और कमजोर हुए|

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