राम की धरती को भूली भाजपा की दूसरी पीढ़ी!


राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ताजपोशी कराकर आम चुनाव से पहले पूरे देश में हिंदुत्व की लहर पैदा करना चाहते हैं, लेकिन लगता है भारतीय जनता पार्टी की दूसरी पीढ़ी के नेताओं ने फिलहाल राम की जन्मभूमि अयोध्या को ज्यादा तूल न देने और राम मंदिर मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने का मन बना लिया है। 

भाजपा की दूसरी पंक्ति के प्रमुख नेताओं, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने विवादों से बचने के लिए अयोध्या से दूरी बना ली है और शायद यही वजह है कि ये तीनों नेता महंत नृत्यगोपाल दास की ओर से न्यौता मिलने के बाद भी अयोध्या नहीं पहुंचे हैं। 

अयोध्या में मणिरामदास की छावनी में चल रहे अमृत महोत्सव में रामजन्म भूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की महंती के 50 वर्ष पूरे होने पर कई नामी-गिरामी संतों को न्यौता भेजा गया है। 

मोदी, शिवराज सिंह और राजनाथ को भी नृत्यगोपाल दास की तरफ से निमंत्रण दिया गया है। नरेंद्र मोदी ने जहां व्यस्तता का हवाला देकर कार्यक्रम में शामिल होने से पहले ही इंकार कर दिया है, वहीं शिवराज भी अभी तक इस कार्यक्रम में शिरकत करने नहीं पुहंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक, शिवराज के भी इस कार्यक्रम में आने की उम्मीद कम ही है। वहीं, राजनाथ के आने का भी कोई कार्यक्रम अभी तक नहीं बन पाया है।

18 जून से शुरू अमृत महोत्सव 22 जून तक चलेगा। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में अब तक योगगुरुबाबा रामदेव, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया सरीखे लोग शामिल हो चुके हैं, वहीं अगले दो दिनों में योगी आदित्यनाथ के अलावा दक्षिण के कई संत इस कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं। विहिप के सूत्र बताते हैं कि कार्यक्रम के बहाने ही नरेंद्र मोदी, शिवराज और राजनाथ को यहां लाने की कोशिश की गई थी, लेकिन इनमें से एक भी नेता अभी तक अयोध्या नहीं पहुंचा है। ऐसा लगता है कि अटल-आडवाणी युग की समाप्ति के बाद भाजपा की दूसरी पीढ़ी के नेताओं में अयोध्या आने या राम मंदिर मुद्दे को लेकर कोई उत्साह नहीं रह गया है।

विहिप के एक नेता ने कहा, "ऐसा लगता है कि मोदी यहां आकर किसी विवाद को हवा नहीं देना चाहते।" उधर, विहिप ने ऐलान किया है कि संसद के मानसून सत्र में कानून के माध्यम से राम मंदिर निर्माण की बाधा दूर नहीं हुई तो मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश में बड़ा और निर्णायक आंदोलन खड़ा किया जाएगा।इस बीच विहिप के उत्तर प्रदेश मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि महंत नृत्यगोपाल दास की तरफ से मोदी, शिवराज और राजनाथ को यहां आने का न्यौता दिया गया है। इसके अलावा दक्षिण के कई संत भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 25 अगस्त से 13 सितंबर तक संत-धर्माचार्य अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा करेंगे। इसके तहत 84 कोस में आने वाले पांच जिलों- फैजाबाद, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती और अकबरपुर की परिक्रमा की जाएगी। इसके बाद 25 सितंबर से 16 अक्टूबर तक पांच कोस की परिक्रमा होगी, जिसमें समस्त रामभक्त राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेंगे। इस कार्यक्रम में पूरे देश के रामभक्त एकत्र होंगे।

पर्दाफाश से साभार 


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