पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की आज जयन्ती के अवसर के हम आपको राजीव गांधी के जीवन से जुड़े कुछ अनछुए पहलु से रुबरु कराएंगे| आज हम राजीव गांधी के जीवन की कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिनसे शायद आप अनजान हो|
यह बात उस समय की है जब राजीव गांधी दून स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे| एक बार राजीव गांधी के नाना पंडित जवाहर लाल नेहरू उनसे मिलने पहली बार देहरादून गए हुए थे| जब संकोची स्वभाव के राजीव को यह पता चला कि उनके नाना उनसे मिलने आये हैं तो वह वहां से भाग गए| नन्हे राजीव को ना पाकर सभी लोग काफी चिंतित थे| चारों ओर लोग राजीव की खोज में लग गए तब किसी ने पाया कि यह नन्हा बच्चा स्कूल के बाथरूम में गंदे कपड़े रखने की बास्केट में छिपा हुआ हैं| बहुत खोजबीन के बाद उनके ढूंढा जा सका| संकोची स्वभाव के होने की वहज से राजीव ने ऐसा किया था|
कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने बताया कि उन्होंने नन्हे राजीव के जीवन की यह घटना दून स्कूल के हेडमास्टर जॉन मार्टिन की जर्मन पत्नी मैडी मार्टिन की पुस्तक में पढ़ी थी| वहीँ ये भी कहा जा रहा था कि उन्हें अपने नाना और प्रधानमंत्री का सामना करने में संकोच हो रहा था|
इतना ही नहीं जब कभी राजीव गांधी अपने मित्रों के समक्ष अपने नाना के वचन बोलते थे तो उनके मित्र उन्हें ये कहकर चिढ़ाते थे कि नाना की बात बोलता है और जब कभी वह विपरीत बात बोलते थे तो उनके मित्र कहा करते थे कि इतने बड़े और ज्ञानी आदमी के विपरीत बोल रहा है| ये बहुत ही गलत बात है|
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