आधुनिकता के इस युग में भी अंधविश्वास सिर चढ़कर बोल रहा है। कुछ लोगों ने उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के बिठवल खुर्द गांव में एक आंवले की कटी डाल में उभरी आकृति को 'हनुमान' के अचानक प्रकट होने का सिर्फ ढिंढोरा ही नहीं पीटा, बल्कि पूजा-अर्चना शुरू कर वहां मंदिर निर्माण तक की योजना बना डाली है।
हुआ यह कि बिठवल खुर्द गांव में बब्बन सिंह के दरवाजे पर एक काफी पुराना आंवले का पेड़ है। उसकी बढ़ी हुई डालों के कारण आम रास्ता प्रभावित हो रहा था, इसलिए बब्बन सिंह ने कुछ दिन पूर्व डालियों की छटनी करा दी। फिर क्या था, कटी डाल के हिस्से से हनुमान के चेहरे जैसी आकृति उभर आई। शनिवार को गांव के ग्रामीणों की नजर पड़ी तो वह इसे एक चमत्कार मान बैठे और उस आकृति में घी-सिंदूर का लेपन कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी।
अब रोजाना यहां भक्तों की भीड़ जमा हो रही है। गांव के कुछ अति उत्साही युवकों ने इस स्थान पर अखंड रामचरित मानस का पाठ भी शुरू करवा दिया है। गांव के युवक अरविंद सिंह ने बताया कि इस स्थान पर हनुमान मंदिर निर्माण के लिए एक पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है, जो आस-पास के गांवों में घूमकर चंदा इकट्ठा कर रही है।
अरविंद ने बताया कि शीघ्र ही यहां एक भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। एक अन्य युवक मुन्ना सिंह ने बताया कि आंवले के पेड़ में उभरी आकृति हूबहू हनुमान जी जैसी है। आस-पास के गांव के भी सैकड़ों लोग यहां रोजाना दर्शन और पूजन करने आ रहे हैं।
दातापंथी साधु दाता सत्बोध साईं का कहना है कि यह कोई चमत्कार नहीं है। पेड़ की कटी डाल में कोई भी आकृति उभर सकती है। वह कहते हैं कि यह इत्तेफाक ही है कि आकृति हनुमान के चेहरे जैसी है। मगर इसे हनुमान का दर्जा देना किसी अंधविश्वास से कम नहीं है।
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