अपनी बेमिसाल खूबसूरती के लिए बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान रखने वाली
बेहद अनुभवी और प्रतिभाशाली ऐक्ट्रेस हेमा मालिनी आज 65 साल की हो गई हैं।
जीवन के सातवें दशक में प्रवेश कर चुकी हेमामालिनी आज भी जवां लोगों की
पसंदीदा ऐक्ट्रेस बनी हुई हैं| अपने 40 साल के फिल्मी करियर में हेमा
मालिनी ने 150 फिल्मों में काम किया।
भले ही उनकी उम्र ने 65 का आकंड़ा पार कर लिया हो लेकिन खूबसूरती के मामले में आज भी कोई हेमा के टक्कर का नहीं है| आज भी जब वह अपनी बेटियों अहाना और ईशा के साथ खड़ी होती हैं तो वह उनकी मां नहीं बल्कि उनकी बड़ी बहन लगती है। बॉलीवुड ने उन्हें उनकी खूबसूरत की वजह से ही 'ड्रीम गर्ल' का खिताब दिया गया। हेमा मालिनी बेहतरीन अभिनय के अलावा शास्त्रीय नृत्य में भी पारंगत हैं।
हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को अम्मनकुंडी तमिलनाडु में वीएसआर चक्रवर्ती और जया चक्रवर्ती के आयंगर ब्राह्मण परिवार में हुआ था। हेमा के पिता वी एस आर चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के निर्माता थे। फिल्मी परिवेश में पली-बढ़ी हेमामालिनी ने चेन्नई के आध्र महिला सभा से अपनी पढ़ाई पूरी की। 'सपनों का सौदागर' की नायिका के रूप में हिंदी फिल्मों को उसकी 'ड्रीम गर्ल' की पहली झलक मिली। धीरे-धीरे हेमा मालिनी का जादू हिंदी फिल्म दर्शकों के सिर चढ़कर बोलने लगा और उनका नाम शीर्ष अभिनेत्रियों की सूची में सबसे ऊपर शुमार हो गया।
लगभग तीन दशक तक हेमामालिनी के अभिनय का जादू उस दौरान की अभिनेत्रियों पर हावी रहा। 'सीता और गीता' की सफलता से वह बॉलीवुड की नंबर वन हीरोइन बन गई। फिल्म 'शोले' में उनके बसंती वाले किरदार को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं। बेस्ट एक्ट्रेस के लिए वह 11 बार नॉमिनेट हुई और वर्ष 1972 में उन्होंने यह खिताब जीता। वर्ष 2000 में फिल्मफेयर लाइफटाइम एचिवमेंट अवार्ड और पद्मश्री अवार्ड से भी वह सम्मानित हुईं।
हेमा मालिनी बेहतरीन अभिनय के अलावा शास्त्रीय नृत्य में भी पारंगत हैं। भरतनाट्मय नृत्य शैली में वह महारत हासिल रखती हैं। उन्होंने अपने नृत्य के दौरान मां दुर्गा का जो किरदार अदा किया है उसके लिए वह अपनी अलग पहचान रखती हैं। इसी अनोखी अदा की वजह से उन्होंने एक टीवी सीरियल 'जय माता की' में मां दुर्गा का किरदार निभाया जिसके लिए उन्हें काफी सराहना मिली।
भले ही उनकी उम्र ने 65 का आकंड़ा पार कर लिया हो लेकिन खूबसूरती के मामले में आज भी कोई हेमा के टक्कर का नहीं है| आज भी जब वह अपनी बेटियों अहाना और ईशा के साथ खड़ी होती हैं तो वह उनकी मां नहीं बल्कि उनकी बड़ी बहन लगती है। बॉलीवुड ने उन्हें उनकी खूबसूरत की वजह से ही 'ड्रीम गर्ल' का खिताब दिया गया। हेमा मालिनी बेहतरीन अभिनय के अलावा शास्त्रीय नृत्य में भी पारंगत हैं।
हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को अम्मनकुंडी तमिलनाडु में वीएसआर चक्रवर्ती और जया चक्रवर्ती के आयंगर ब्राह्मण परिवार में हुआ था। हेमा के पिता वी एस आर चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के निर्माता थे। फिल्मी परिवेश में पली-बढ़ी हेमामालिनी ने चेन्नई के आध्र महिला सभा से अपनी पढ़ाई पूरी की। 'सपनों का सौदागर' की नायिका के रूप में हिंदी फिल्मों को उसकी 'ड्रीम गर्ल' की पहली झलक मिली। धीरे-धीरे हेमा मालिनी का जादू हिंदी फिल्म दर्शकों के सिर चढ़कर बोलने लगा और उनका नाम शीर्ष अभिनेत्रियों की सूची में सबसे ऊपर शुमार हो गया।
लगभग तीन दशक तक हेमामालिनी के अभिनय का जादू उस दौरान की अभिनेत्रियों पर हावी रहा। 'सीता और गीता' की सफलता से वह बॉलीवुड की नंबर वन हीरोइन बन गई। फिल्म 'शोले' में उनके बसंती वाले किरदार को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं। बेस्ट एक्ट्रेस के लिए वह 11 बार नॉमिनेट हुई और वर्ष 1972 में उन्होंने यह खिताब जीता। वर्ष 2000 में फिल्मफेयर लाइफटाइम एचिवमेंट अवार्ड और पद्मश्री अवार्ड से भी वह सम्मानित हुईं।
हेमा मालिनी बेहतरीन अभिनय के अलावा शास्त्रीय नृत्य में भी पारंगत हैं। भरतनाट्मय नृत्य शैली में वह महारत हासिल रखती हैं। उन्होंने अपने नृत्य के दौरान मां दुर्गा का जो किरदार अदा किया है उसके लिए वह अपनी अलग पहचान रखती हैं। इसी अनोखी अदा की वजह से उन्होंने एक टीवी सीरियल 'जय माता की' में मां दुर्गा का किरदार निभाया जिसके लिए उन्हें काफी सराहना मिली।
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