मोदी की झांसी रैली को मप्र में भुनाने की कोशिश

उत्तर प्रदेश के झांसी में होने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली के जरिए झांसी से सटे मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में उत्साह पैदा करने की कोशिश की जा रही है। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी की इस रैली को पार्टी के लिए अहम माना जा रहा है, और मप्र भाजपा इस रैली को भुनाने की पूरी कोशिश में है।

भाजपा के मिशन-2014 के तहत 25 अक्टूबर को मोदी उप्र के झांसी में आमसभा को संबोधित करने वाले हैं। प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मोदी का यह पहला बुंदेलखंड प्रवास है। मोदी की इस रैली को लेकर सीमावर्ती मप्र के भाजपा कार्यकर्ता भी काफी उत्साहित हैं।

झांसी की भौगौलिक स्थिति देखें तो वह तीन तरफ से मप्र से घिरा हुआ है। मप्र के दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर व शिवपुरी जिलों की सीमाएं झांसी से जुड़ी हुई हैं। यही कारण है कि झांसी में होने वाली मोदी की रैली में इन चारों जिलों के भाजपा कार्यकतरओ में उत्साह है और वे इस रैली में बड़ी संख्या मंे पहुंचने की तैयारी में हैं।

झांसी से जुड़े इन चारों जिलों की कुल आठ विधानसभा सीटों में से मात्र तीन सीट ही भाजपा के खाते में है, इसलिए मोदी की इस रैली के जरिए शेष क्षेत्रों में भाजपा का महौल बनाने की कोशिश की जा रही है। यही कारण है कि इस रैली में मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को भी पूरा महत्व दिया जा रहा है।

मप्र के बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और पूर्व विधायक उमेश शुक्ला भी मानते हैं कि मोदी की यह रैली भाजपा के लिए लाभदायक होगी। शुक्ला ने कहा कि इस रैली को लेकर बुंदेलखंड के कार्यकतरओ में काफी उत्साह है, और निश्चय ही इसका लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा।मोदी की इस रैली का कार्यकर्ताओं से इतर मतदाताओं पर कितना असर होता है, इसका आकलन आसान नहीं है, क्योंकि सीमावर्ती मप्र में भाजपा की स्थिति कभी भी ज्यादा अच्छी नहीं रही है।
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