मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का रंग गहराने लगा है और दशहरा पर्व पर किया जाने वाला रावण का पुतला दहन समारोह भी इससे नहीं बच सका है। इंदौर में रावण के ये पुतले एक ओर जहां महंगाई पर कटाक्ष करते नजर आएंगे वहीं दूसरी ओर लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश भी करेंगे।
दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है और इस मौके पर श्रद्धालु रावण का पुतला दहन कर बुराइयों को जलाते हैं। इस बार भी हर तरफ दशहरे पर रावण के पुतले जलाने की तैयारी है, इन्हें बनाने का कारोबार करने वाले तरह-तरह के पुतले बना रहे हैं।
पिछले कई वर्षो से रावण के पुतलों को बनाने का काम करते आ रहे सुनील रावत का कहना है कि इस बार उनके द्वारा बनाए जा रहे पुतले बढ़ती महंगाई पर कटाक्ष करने से लेकर विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए प्रोत्साहित करते नजर आएंगे।
महंगाई की मार को रावण के पुतले के मुख्य चेहरे को देखकर ही आसानी से जाना जा सकता है। इस रावण की एक आंख ही नजर आती है। वहीं अन्य पुतले लोगों को वोट का महत्व बताते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक मतदान करने का संदेश दे रहे हैं।
रावत बताते हैं कि उनके पास पांच फुट से लेकर 25 फुट तक के रावण के पुतले बनाने के ऑर्डर हैं। इन पुतलों की कीमत 25 हजार रुपये तक है। उनके द्वारा बनाए जा रहे पुतले समाज को संदेश देने के साथ समाज की समस्याओं को जाहिर करने वाले होंगे।
राजनीतिक दलों से जुड़े लोग अपने विरोधियों पर रावण के पुतलों के जरिए हमला करने के मनसूबे पाले हुए हैं। वहीं पुतले बनाने वालों का कहना है कि वे ऐसे पुतले नहीं बनाएंगे जो किसी राजनीतिक दल या किसी व्यक्ति पर हमला करने वाले हों। वे तो समस्याओं को जाहिर करने वाले पुतले बनाने का ही काम कर रहे हैं।
दशहरे पर रावण के पुतलों का तो दहन हो जाएगा, मगर इन पुतलों के संदेश लोगों पर कितना असर डालते हैं, यह तो वक्त ही बताएगा।
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