उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डौंडियाखेड़ा स्थित राजा राव रामबख्श सिंह के खंडहरनुमा किले में खजाना दबा होने का सपना देखने वाले संत बाबा शोभन सरकार ने शुक्रवार को केंद्र व प्रदेश सरकार से कहा है कि सभी को खनन स्थल से हटा लें और उन्हें 48 घंटे का समय दें। अपने संसाधनों से वह खजाना निकालकर दिखा देंगे। डौंडियाखेड़ा से सटे बक्सर इलाके स्थित अपने आश्रम में स्थानीय पत्रकारों को बुलाकर संत शोभन सरकार ने कहा कि मुझे खजाना निकालने दिया जाए। अब एएसआई के बस का नहीं है। उसे खजाना नहीं मिलेगा।
सरकार ने कहा कि विदेशी लोग ऋषियों के इस देश को साधू सपेरों का देश कहते हैं। सोना निकाल विदेशी आंखों में लगा विज्ञान का चश्मा हटाना है। उन्होंने कहा कि यह पता होना चाहिए कि विज्ञान जहां से खत्म होता है अध्यात्म वहीं से शुरू होता है।
अब तक 24 दिन खुदाई हो चुकी है। किले में दबे कथित खजाने को निकालने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) अब आगे खुदाई करेगी या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति बनी है। शुक्रवार को मुहर्रम की छुट्टी के चलते खुदाई बंद रही। दो दिन और खुदाई बंद होने की बात कही जा रही है।
अब तक दूसरे ब्लाक में 6. 10 मीटर खुदाई हो चुकी है। पहले ब्लाक में 5. 96 मीटर की खुदाई के बाद प्राकृतिक सतह मिलने के बाद खनन का काम बंद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि शोभन सरकार ने किले के नीचे एक हजार टन सोना दबे होने का सपना देखा था। उनके सपने के आधार पर एएसआई द्वारा खुदाई शुरू की गई, लेकिन बाद में सोना मिलने की संभावना क्षीण होते देख किरकिरी से बचने के लिए एएसआई ने कहा कि वह खुदाई सोने के लिए नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अवशेषों के लिए कर रही है।
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