समाज में नाक ऊंची होने की कहावतें तो आपने जरूर सुनी होंगी, और यह भी मानते होंगे कि अक्सर पुरुषों की ही नाक को खतरा होता है। लेकिन विज्ञान ने भी अब इस तथ्य को मान लिया है कि पुरुषों की नाक महिलाओं की नाक से बड़ी होती है।
अमेरिका के आयोवा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मानव नाक पर अपने ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा किया है। लेकिन सच्चाई यह भी है कि शोधकर्ताओं ने इसका संबंध मान-सम्मान से जोड़कर एकदम नहीं बताया है।
इस शोध में पाया गया कि महिलाओं की नाक पुरुषों की नाक के मुकाबले औसतन 10 प्रतिशत छोटी होती है। हालांकि यह शोध विशेष तौर पर यूरोपीय नागरिकों के लिए किया गया है, और इसके परिणाम यूरोपीय नागरिकों पर ही लागू होते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक पुरुषों के शरीर में पतली मांसपेशियां अधिक होती हैं, जिसके कारण मांसपेशियों के उत्तकों के विकास के लिए अधिक ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इसीलिए पुरुषों की नाक बड़ी होती है, क्योंकि बड़ी नाक का मतलब है श्वसन के जरिए अधिक से अधिक ऑक्सिजन का रक्त के जरिए मांसपेशियों तक पहुंचना।
शोध में यह तथ्य भी उभरकर आया कि पुरुष और महिलाओं के नाक में यह अंतर 11 वर्ष की आयु में स्पष्ट होना शुरू हो जाता है। अमूमन यह अवस्था तरुणावस्था में प्रवेश करने की होती है। शारीरिक रूप से स्वस्थ पुरुषों में इस दौरान पतली मांसपेशियों का विकास तेजी से होता है, जबकि महिलाओं में मोटी मांसपेशियों का विकास होता है। इससे पहले हुए शोध बताते हैं कि पुरुष अपने शरीर का 95 प्रतिशत वजन तरुणाई के दौरान ही प्राप्त करते हैं, जबकि महिलाएं इस दौरान अपने वजन का 85 प्रतिशत हिस्सा विकसित करती हैं।
विज्ञान शोधों की पत्रिका 'अमेरिकी जर्नल ऑफ फीजिकल एंथ्रोपोलॉजी' में प्रकाशित शोध के मुख्य लेखक एवं यूआई दंत चिकित्सा महाविद्यालय में सहायक प्रवक्ता नैथन हॉल्टन के अनुसार, "शरीर और नाक के आकार के बीच संबंध पर साहित्य में पहले ही चर्चा हुई है। लेकिन यह अपने आप में पहला शोध है, जिसमें महिलाओं एवं पुरुषों में उनके शरीर के आकार के साथ उनकी नाक के आकार के बीच संबंध की पड़ताल की गई है।"
इस शोध के लिए हॉल्टन और उनकी टीम ने आयोवा विश्वविद्यालय की फेसियल ग्रोथ स्टडी में अध्ययनरत यूरोपीय मूल के तीन से 20 वर्ष की आयुवर्ग के 38 विद्यार्थियों को अपने अध्ययन में शामिल किया। शोध में शामिल किए गए प्रत्येक व्यक्ति के आंतरिक और बाह्य अंगों का लगातार मापन किया जाता रहा।
शोधकर्ताओं ने पाया कि 11 वर्ष की अवस्था से पहले तक लड़के और लड़कियों की नाक का आकार एक था। लेकिन तरुणाई के साथ-साथ उनके नाक के आकार में अंतर आता गया। हाल्टन ने अपने शोध में कहा है, "यहां तक कि यदि पुरुष और महिला के शरीर का आकार एक ही हो, फिर भी पुरुष की नाक महिला की नाक से बड़ी होती है।"
उन्होंने यह भी कहा कि इस शोध के परिणाम यूरोपीय नागरिकों के साथ ही दूसरे समुदायों पर भी लागू हो सकते हैं, लेकिन अभी यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी जब तक कि शोध के जरिए इस तरह के तथ्य प्राप्त न कर लिए जाएं।
अमेरिका के आयोवा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मानव नाक पर अपने ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा किया है। लेकिन सच्चाई यह भी है कि शोधकर्ताओं ने इसका संबंध मान-सम्मान से जोड़कर एकदम नहीं बताया है।
इस शोध में पाया गया कि महिलाओं की नाक पुरुषों की नाक के मुकाबले औसतन 10 प्रतिशत छोटी होती है। हालांकि यह शोध विशेष तौर पर यूरोपीय नागरिकों के लिए किया गया है, और इसके परिणाम यूरोपीय नागरिकों पर ही लागू होते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक पुरुषों के शरीर में पतली मांसपेशियां अधिक होती हैं, जिसके कारण मांसपेशियों के उत्तकों के विकास के लिए अधिक ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इसीलिए पुरुषों की नाक बड़ी होती है, क्योंकि बड़ी नाक का मतलब है श्वसन के जरिए अधिक से अधिक ऑक्सिजन का रक्त के जरिए मांसपेशियों तक पहुंचना।
शोध में यह तथ्य भी उभरकर आया कि पुरुष और महिलाओं के नाक में यह अंतर 11 वर्ष की आयु में स्पष्ट होना शुरू हो जाता है। अमूमन यह अवस्था तरुणावस्था में प्रवेश करने की होती है। शारीरिक रूप से स्वस्थ पुरुषों में इस दौरान पतली मांसपेशियों का विकास तेजी से होता है, जबकि महिलाओं में मोटी मांसपेशियों का विकास होता है। इससे पहले हुए शोध बताते हैं कि पुरुष अपने शरीर का 95 प्रतिशत वजन तरुणाई के दौरान ही प्राप्त करते हैं, जबकि महिलाएं इस दौरान अपने वजन का 85 प्रतिशत हिस्सा विकसित करती हैं।
विज्ञान शोधों की पत्रिका 'अमेरिकी जर्नल ऑफ फीजिकल एंथ्रोपोलॉजी' में प्रकाशित शोध के मुख्य लेखक एवं यूआई दंत चिकित्सा महाविद्यालय में सहायक प्रवक्ता नैथन हॉल्टन के अनुसार, "शरीर और नाक के आकार के बीच संबंध पर साहित्य में पहले ही चर्चा हुई है। लेकिन यह अपने आप में पहला शोध है, जिसमें महिलाओं एवं पुरुषों में उनके शरीर के आकार के साथ उनकी नाक के आकार के बीच संबंध की पड़ताल की गई है।"
इस शोध के लिए हॉल्टन और उनकी टीम ने आयोवा विश्वविद्यालय की फेसियल ग्रोथ स्टडी में अध्ययनरत यूरोपीय मूल के तीन से 20 वर्ष की आयुवर्ग के 38 विद्यार्थियों को अपने अध्ययन में शामिल किया। शोध में शामिल किए गए प्रत्येक व्यक्ति के आंतरिक और बाह्य अंगों का लगातार मापन किया जाता रहा।
शोधकर्ताओं ने पाया कि 11 वर्ष की अवस्था से पहले तक लड़के और लड़कियों की नाक का आकार एक था। लेकिन तरुणाई के साथ-साथ उनके नाक के आकार में अंतर आता गया। हाल्टन ने अपने शोध में कहा है, "यहां तक कि यदि पुरुष और महिला के शरीर का आकार एक ही हो, फिर भी पुरुष की नाक महिला की नाक से बड़ी होती है।"
उन्होंने यह भी कहा कि इस शोध के परिणाम यूरोपीय नागरिकों के साथ ही दूसरे समुदायों पर भी लागू हो सकते हैं, लेकिन अभी यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी जब तक कि शोध के जरिए इस तरह के तथ्य प्राप्त न कर लिए जाएं।
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