देश के 88 लाख परिवार शहरों की झुग्गियों में रहते हैं। यह जानकारी मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से मिली। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के शहरों की झुग्गियों में रहने वाले 38 फीसदी परिवार महाराष्ट्र में झुग्गियों में रहते हैं।
इस सूची में दूसरे स्थान पर है हैदराबाद, जहां झुग्गियों में रहने वाले 18 फीसदी परिवार रहते हैं। एनएसएसओ ने एक बयान में कहा कि देश के शहरों में करीब 33,510 झुग्गियों बसी हुई हैं। इनमें से 41 फीसदी अधिसूचित हैं और 59 फीसदी गैर अधिसूचित हैं।
जुलाई से दिसंबर 2012 के बीच महाराष्ट्र में अनुमानित 7,723 झुग्गियां हैं, जो देश में कुल झुग्गियों की संख्या की 23 फीसदी है। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 13.5 फीसदी, पश्चिम बंगाल में करीब 12 फीसदी झुग्गियां हैं।
अत्यधिक सघन आबादी, स्वच्छता का अभाव, पेयजल सुविधा का अभाव और मकानों का खराब निर्माण इन झुग्गियों की खासियत हैं। एनएसएसओ के मुताबिक, "अनुमानित 88 लाख परिवार शहरों में स्थित झुग्गियों में रहते हैं, जिनमें से 56 लाख अधिसूचित और 32 लाख गैर-अधिसूचित झुग्गियों में रहते हैं।"
देश की समस्त झुग्गियों में से अधिसूचित झुग्गियों का अनुपात 41 फीसदी है, लेकिन इनमें झुग्गियों में रहने वाले 63 फीसदी परिवार रहते हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक, करीब 56 फीसदी झुग्गियां ऐसे शहरों में हैं, जहां की आबादी 10 लाख से अधिक है।
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