आमतौर पर लोगों को मुल्तानी मिट्टी का पैक लगाते हुए जरुर देखा होगा लेकिन
क्या आप जानते हैं कि मुल्तानी मिट्टी में ऐसे क्या फायदे हैं जिसकी वजह
से इसका इस्तेमाल इतना अधिक प्रचलित है। मुल्तानी मिट्टी के बारे में कहा
जाता है कि मुल्तानी मिट्टी सौन्दर्य का खजाना है। ये नेचुरल कंडीशनर भी है
और ब्लीच भी। ये सौन्दर्य निखारने का सबसे सस्ता और आयुर्वेदिक नुस्खा है
आइए आज हम आपको बताते हैं मुल्तानी मिट्टी के कुछ ऐसे प्रयोग जो आपकी
खूबसूरती को ओर ज्यादा निखार देंगे।
यदि चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाया जाये तो चेहरे की चमक और दमक दोनों लम्बे समय तक कायम रखी जा सकती है। मिट्टी के लेप को चेहरे पर लगाने से इंफेक्शन और स्किन संबंधी बीमारियों के लिए नुकसानदेह बैक्टीरिया से भी बचा जा सकता है। त्वचा रोग विशेषज्ञ तो यहां तक कहते है कि जल्द ही मिट्टी की मेडीसन के रप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। ब्यूटी पार्लरों पर कार्यरत विशेषज्ञों की मानें तो मिट्टी में मौजूद मिनरल्स स्किन को एण्टी माइक्रोबियल्स मुहैया कराते है।
मिट्टी का लेप बनाकर उसमें गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाने से ठंडक तो मिलती है। साथ ही चेहरे पर मौजूद झाइयां और पिम्पल्स भी दूर होते है। लेप को लगाने के बाद ठण्डे पानी से धो लेने पर चेहरे के सभी रोम छिद्रे खुल जाते है जिससे चेहरे को ऑक्सीजन सोखने की क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावा आधा चम्मच संतरे का रस लेकर उसमें 4-5 बूंद नींबू का रस, आधा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, आधा चम्मच चंदन पाउडर और कुछ बूंदें गुलाब जल की मिलाकर कर थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रख दें। इसे चेहरे पर लगा कर 15-20 मिनट तक रखें। इसके बाद पानी से इसे धो दें। यह तैलीय त्वचा का सबसे अच्छा उपाय है।
अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो काजू को रात भर दूध में भिगो दें और सुबह बारीक पीसकर इसमें मुल्तानी मिट्टी और शहद की कुछ बूंदें मिलाकर स्क्रब करें। मुंहासों की समस्या से परेशान लोगों के लिए तो मुल्तानी मिट्टी सबसे कारगर इलाज है, क्योंकि मुल्तानी मिट्टी चेहरे का तेल सोख लेती है, जिससे मुहांसे सूख जाते हैं। तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी में दही और पुदीने की पत्तियों का पाउडर मिला कर उसे आधे घंटे तक रखा रहने दें, फिर अच्छे से मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूखने पर हल्के गर्म पानी से धो दें। यह तैलीय त्वचा को चिकनाई रहित रखने का कारगर नुस्खा है।
मुल्तानी मिट्टी को एक कटोरे पानी में भिगो दें। दो घन्टे बाद जब मुल्तानी मिट्टी पूरी तरह घुल जाए तो इस घोल को सूखे बालों में लगा कर हल्के हाथ से बालों को रगड़े। पाँच मिनट तक ऐसा ही करें। अगर सर्दियां हैं तो गुनगुने पानी में और गर्मियों में ठन्डे पानी से सिर को धो लें। बाल मुलायम और चमकदार हो जाएंगे।
अगर आपको मुंहासों की समस्या है तो मुल्तानी मिट्टी में टमाटर और पुदीने का रस मिलाकर पैक तैयार करके नियमित रूप से चेहरे पर लगाएं। इससे नए मुंहासे नहीं निकलेंगे और पुराने मुंहासों के निशान भी कम हो जाएंगे। साबुन के इस्तेमाल से अगर आपकी त्वचा रुखी हो चुकी है तो मुल्तानी मिट्टी और चंदन पाउडर को गुलाब-जल में मिलाकर पेस्ट बना लें और नहाने से तकरीबन आधा घंटा पहले इसे पूरे शरीर पर लगा लें। कुछ ही दिनों में त्वचा सोने सी खिल उठेगी।
मुल्तानी मिट्टी में आलू का रस, नींबू का रस और शहद मिलाकर लगाने से पिगमेंटेशन की समस्या कम हो जाती है। अगर धूप के कारण आपकी त्वचा टैन हो गई है तो मुल्तानी मिट्टी में नरियल-पानी और चीनी मिलाकर पेस्ट बनाकर लगाएं और फिर साफ पानी से धो लें। टैनिंग कम हो जाएगी। मुल्तानी मिट्टी को अगर छाछ में भिगोकर रखा जाए और फिर इससे सर धो लिया जाए तो रुसी की समस्या में फायदा पहुंचता है और बाल झड़ने भी कम होते हैं।
यदि बालों में जूएं और लीख हैं तो छाछ में भीगी हुई मुल्तानी मिट्टी में ही कच्चे प्याज का रस मिलाकर पैक बना लें। इस पेक को बालों में लगाकर 2-3 घंटों के लिए छोड़ दें। फिर साफ पानी से धो लें। कुछ दिन ऐसा करने से जूएं और लीख की समस्या कम हो जाएगी है। इन छोटे-छोटे नुस्खों को आजमाएं, इनसे आपका सौंदर्य और भी दमक उठेगा।
गर्मी में पैरों के तलवों में मुल्तानी मिट्टी का लेप करने से ठंडक मिलती है व तलवों की जलन शांत होती है। मुल्तानी मिट्टी में कुछ बूंदें सिरके की डाल कर आंखों के नीचे सावधानीपूर्वक लगाएं। काले घेरे धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे। तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी में खीरे का रस, दही व चुटकी भर हल्दी मिक्स करके चेहरे पर पैक की तरह लगाएं। सूखने पर धो दें। लाभ मिलेगा। मुल्तानी मिट्टी में खीरे का रस व आलू का गूदा मिला कर आंखों के नीचे रखें। 10-15 मिनट बाद धो दें। काले घेरों से निजात मिलेगी।
यदि चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाया जाये तो चेहरे की चमक और दमक दोनों लम्बे समय तक कायम रखी जा सकती है। मिट्टी के लेप को चेहरे पर लगाने से इंफेक्शन और स्किन संबंधी बीमारियों के लिए नुकसानदेह बैक्टीरिया से भी बचा जा सकता है। त्वचा रोग विशेषज्ञ तो यहां तक कहते है कि जल्द ही मिट्टी की मेडीसन के रप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। ब्यूटी पार्लरों पर कार्यरत विशेषज्ञों की मानें तो मिट्टी में मौजूद मिनरल्स स्किन को एण्टी माइक्रोबियल्स मुहैया कराते है।
मिट्टी का लेप बनाकर उसमें गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाने से ठंडक तो मिलती है। साथ ही चेहरे पर मौजूद झाइयां और पिम्पल्स भी दूर होते है। लेप को लगाने के बाद ठण्डे पानी से धो लेने पर चेहरे के सभी रोम छिद्रे खुल जाते है जिससे चेहरे को ऑक्सीजन सोखने की क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावा आधा चम्मच संतरे का रस लेकर उसमें 4-5 बूंद नींबू का रस, आधा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, आधा चम्मच चंदन पाउडर और कुछ बूंदें गुलाब जल की मिलाकर कर थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रख दें। इसे चेहरे पर लगा कर 15-20 मिनट तक रखें। इसके बाद पानी से इसे धो दें। यह तैलीय त्वचा का सबसे अच्छा उपाय है।
अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो काजू को रात भर दूध में भिगो दें और सुबह बारीक पीसकर इसमें मुल्तानी मिट्टी और शहद की कुछ बूंदें मिलाकर स्क्रब करें। मुंहासों की समस्या से परेशान लोगों के लिए तो मुल्तानी मिट्टी सबसे कारगर इलाज है, क्योंकि मुल्तानी मिट्टी चेहरे का तेल सोख लेती है, जिससे मुहांसे सूख जाते हैं। तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी में दही और पुदीने की पत्तियों का पाउडर मिला कर उसे आधे घंटे तक रखा रहने दें, फिर अच्छे से मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूखने पर हल्के गर्म पानी से धो दें। यह तैलीय त्वचा को चिकनाई रहित रखने का कारगर नुस्खा है।
मुल्तानी मिट्टी को एक कटोरे पानी में भिगो दें। दो घन्टे बाद जब मुल्तानी मिट्टी पूरी तरह घुल जाए तो इस घोल को सूखे बालों में लगा कर हल्के हाथ से बालों को रगड़े। पाँच मिनट तक ऐसा ही करें। अगर सर्दियां हैं तो गुनगुने पानी में और गर्मियों में ठन्डे पानी से सिर को धो लें। बाल मुलायम और चमकदार हो जाएंगे।
अगर आपको मुंहासों की समस्या है तो मुल्तानी मिट्टी में टमाटर और पुदीने का रस मिलाकर पैक तैयार करके नियमित रूप से चेहरे पर लगाएं। इससे नए मुंहासे नहीं निकलेंगे और पुराने मुंहासों के निशान भी कम हो जाएंगे। साबुन के इस्तेमाल से अगर आपकी त्वचा रुखी हो चुकी है तो मुल्तानी मिट्टी और चंदन पाउडर को गुलाब-जल में मिलाकर पेस्ट बना लें और नहाने से तकरीबन आधा घंटा पहले इसे पूरे शरीर पर लगा लें। कुछ ही दिनों में त्वचा सोने सी खिल उठेगी।
मुल्तानी मिट्टी में आलू का रस, नींबू का रस और शहद मिलाकर लगाने से पिगमेंटेशन की समस्या कम हो जाती है। अगर धूप के कारण आपकी त्वचा टैन हो गई है तो मुल्तानी मिट्टी में नरियल-पानी और चीनी मिलाकर पेस्ट बनाकर लगाएं और फिर साफ पानी से धो लें। टैनिंग कम हो जाएगी। मुल्तानी मिट्टी को अगर छाछ में भिगोकर रखा जाए और फिर इससे सर धो लिया जाए तो रुसी की समस्या में फायदा पहुंचता है और बाल झड़ने भी कम होते हैं।
यदि बालों में जूएं और लीख हैं तो छाछ में भीगी हुई मुल्तानी मिट्टी में ही कच्चे प्याज का रस मिलाकर पैक बना लें। इस पेक को बालों में लगाकर 2-3 घंटों के लिए छोड़ दें। फिर साफ पानी से धो लें। कुछ दिन ऐसा करने से जूएं और लीख की समस्या कम हो जाएगी है। इन छोटे-छोटे नुस्खों को आजमाएं, इनसे आपका सौंदर्य और भी दमक उठेगा।
गर्मी में पैरों के तलवों में मुल्तानी मिट्टी का लेप करने से ठंडक मिलती है व तलवों की जलन शांत होती है। मुल्तानी मिट्टी में कुछ बूंदें सिरके की डाल कर आंखों के नीचे सावधानीपूर्वक लगाएं। काले घेरे धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे। तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी में खीरे का रस, दही व चुटकी भर हल्दी मिक्स करके चेहरे पर पैक की तरह लगाएं। सूखने पर धो दें। लाभ मिलेगा। मुल्तानी मिट्टी में खीरे का रस व आलू का गूदा मिला कर आंखों के नीचे रखें। 10-15 मिनट बाद धो दें। काले घेरों से निजात मिलेगी।
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