अमूमन विवादों पर समझौते तथा फैसले पंचायतों व न्यायालय में होते हैं, मगर मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में एक गाय को अपने मालिक का फैसला करने का अधिकार दिया गया है। यह समझौता पुलिस की मौजूदगी में गाय पर अपना दावा पेश करने वाले दो लोगों के बीच हुआ है।
कोतवाली क्षेत्र के प्रभुदेवा व चेतन सगोतिया के बीच एक गाय का असली मालिक होने के लेकर विवाद था। मामला रविवार को कोतवाली तक जा पहुंचा। प्रभुदेवा का कहना था कि उनकी गाय जंगल में चरने गई थी और चेतन अपने मवेशियों के साथ उनकी गाय को अपने घर ले गए। वहीं चेतन गाय का मालिक स्वयं होने का दावा कर रहे हैं। यह विवाद पिछले कई दिनों से चला आ रहा था, आखिर में यह मामला रविवार को कोतवाली जा पहुंचा।
दोनों पक्ष कोतवाली पहुंचे और गाय पर अपना-अपना दावा पेश किया। दोनों के बीच पुलिस ने समझौता कराया, जिस पर वे राजी भी हो गए। इस समझौते में तय हुआ कि गाय को 15 दिन तक प्रभुदेवा अपने घर पर रखकर उसकी देखभाल करेंगे और गाय को 16वें दिन दोनों दावेदारों के घर से समान दूरी पर जंगल में छोड़ दिया जाएगा। गाय जिसके भी घर पर पहुंचेगी वही उसका असली मालिक होगा।
दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने में अहम भूमिका निभाने वाले सहायक उपनिरीक्षक के.एल.प्रजापति का कहना है कि यह मामला उनके लिए भी अनोखा है। दोनों पक्ष इस बात के लिए राजी हो गए हैं कि गाय जिसके घर जाएगी वही मालिक होगा। अच्छी बात यह रही कि बगैर किसी विवाद के यह समझौता हो गया।
पशु विशेषज्ञों का मानना है कि जानवर दिन में कहीं भी रहे शाम ढलते ही वह अपने ठौर की ओर चल देते हैं। गाय 16वें दिन वहीं जाएगी जहां उसका सही ठौर अर्थात रहने की उसकी आदत होगी। पुलिस की मौजूदगी में दो पक्षों के बीच गाय के मालिकाना हक को लेकर हुए समझौते ने एक बात साफ कर दी है कि लोग अभी भी थानों में रिपोर्ट दर्ज कराने और न्यायालय के चक्कर काटने से भरसक बचना चाहते हैं।
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