कामवासना शांत न करने पर उर्वशी ने दिया अर्जुन को नपुंसकता का श्राप


महाभारत वह महाकाव्य है जिसके बारे में जानता तो हर कोई है लेकिन आज भी कुछ ऐसे चीजें हैं जिसे जानने वालों की संख्या कम है| एक बार चित्रसेन अर्जुन को संगीत और नृत्य की शिक्षा दे रहे थे, वहाँ पर इन्द्र की अप्सरा उर्वशी आई और अर्जुन पर मोहित हो गई। अवसर पाकर उर्वशी ने अर्जुन से कहा, “हे अर्जुन! आपको देखकर मेरी काम-वासना जागृत हो गई है, अतः आप कृपया मेरे साथ विहार करके मेरी काम-वासना को शांत करें।”

उर्वशी के वचन सुनकर अर्जुन बोले, “हे देवि! हमारे पूर्वज ने आपसे विवाह करके हमारे वंश का गौरव बढ़ाया था अतः पुरु वंश की जननी होने के नाते आप हमारी माता के तुल्य हैं। देवि! मैं आपको प्रणाम करता हूँ।” अर्जुन की बातों से उर्वशी के मन में बड़ा क्षोभ उत्पन्न हुआ और उसने अर्जुन से कहा, “तुमने नपुंसकों जैसे वचन कहे हैं, अतः मैं तुम्हें शाप देती हूँ कि तुम एक वर्ष तक पुंसत्वहीन रहोगे।” इतना कहकर उर्वशी वहाँ से चली गई।

इस घटना की जानकारी जब देवराज इंद्र को हुई बड़े प्रसन्न हुए और अर्जुन से बोले, “वत्स! तुमने जो व्यवहार किया है, वह तुम्हारे योग्य ही था। उर्वशी का यह शाप भी भगवान की इच्छा थी, यह शाप तुम्हारे अज्ञातवास के समय काम आयेगा। अपने एक वर्ष के अज्ञातवास के समय ही तुम पुंसत्वहीन रहोगे और अज्ञातवास पूर्ण होने पर तुम्हें पुनः पुंसत्व की प्राप्ति हो जायेगी।”

उर्वशी द्वारा दिए गए इसी शाप के कारण ही अर्जुन एक वर्ष के अज्ञात वास के दौरान बृहन्नला बने थे। इस बृहन्नला के रूप में अर्जुन ने उत्तरा को एक वर्ष नृत्य सिखाया था। उत्तरा विराट नगर के राजा विराट की पुत्री थी। अज्ञातवास के बाद उत्तरा का विवाह अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु से हुआ था।

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देश मना रहा 66वां गणतंत्र दिवस, राजपथ पर दिखी हिन्दुस्तान की ताकत

देशभर में 66वां गणतंत्र दिवस पूरे जोश और उल्लास से मनाया गया। इस मौके पर ऐतिहासिक राजपथ पर पारंपरिक परेड का आयोजन हुआ। इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया । परेड में भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता की झांकी दिखी, जहां थल और नौसेना के साथ वायु शक्ति का शानदार प्रदर्शन हुआ। 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सुबह 10 बजे तिरंगा फहराया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ विदेशी मेहमान अमरिकी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी मौजूद थी। राष्ट्रगान की धुन पर पूरा माहौल राष्ट्रभक्ति की भावना से भर गया। इसके बाद मेजर मुकुंद वर्धराजन और नायक नीरज कुमार को उनकी असाधरण वीरता के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान किया गया। इसके बाद भारत का शक्तिप्रदर्शन शुरू हुआ। मौसम की मार को धता बताते हुए तिरंगा लेकर हेलीकाप्टर भी राजपथ पहुंचे। उन पर तिरंगा और भारतीय सेना के झंडे लहरा रहे थे।


सुबह 10 बजकर पांच मिनट पर परेड कमांडर मेजर जनरल सुब्रतो मित्रा की अगुवाई में परेड शुरू हुई। परेड में सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया गया। इसमें युद्ध में उपयोग आधुनिक हथियारों को लेकर सेना के अधिकारी राजपथ पर कदमताल करते जा रहे थे। परेड के बाद सेना से संबंधित झाकियों ने मेहमानों का मन मोह लिया। इस बार गणतंत्र दिवस का मुख्य विषय ‘महिला सशक्तिकरण’ है और राजपथ पर मुख्य आकर्षण तीनों सेनाओं की महिला अधिकारियों का दस्ता रहा। रक्षा सूत्रों ने बताया कि महिला अधिकारियों के दस्ते का विचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया क्योंकि वह चाहते थे कि सेना ‘नारी शक्ति’ को तवज्जो दें। ऐतिहासिक राजपथ पर 16 राज्यों और नौ केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों की झांकी प्रदर्शित की जाएगी, जिसमें देश की ऐतिहासिक, स्थापत्य और सांस्कृतिक धरोहर को रेखांकित किया जाएगा। इस वर्ष अधिकतम झांकियों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘जनधन योजना, ‘मां गंगा’, स्वच्छ भारत मिशन’ आदि की छाप रहेगी जिसमें बुलेट ट्रेन और ‘मेक इन इंडिया’ को भी रेखांकित किया गया है।

ऐतिहासिक राजपथ पर प्रदर्शित झांकियों में एक अन्य अहम आकर्षण स्वदेश निर्मित थल सेना का सतह से हवा में मार करने वाला मध्यम दूरी का आकाश मिसाइल और हथियारों का पता लगाने वाला रडार शामिल है। इन दोनों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तैयार किया है। पहली बार भारत लम्बी दूरी का नौवहन निगरानी एवं पनडुब्बी रोधी पी8 आई विमान तथा लम्बी दूरी के मिग 29 के लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन करेगा। पी8 आई विमान को हाल ही में खरीदा गया है। भारतीय सेना के लेजर संचालित टी.90 टैंक भीष्म, बख्तरबंद वाहन बीएमपी-2 (सरथ), टी-72 टैंक आदि शामिल शामिल हैं। गणतंत्र दिवस के मौके राजपथ पर ‘पिनाक’ लांचर प्रणाली के अलावा सचल ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली का प्रदर्शन किया जायेगा। इसके साथ ही थ्री डायमेंशनल रणनीतिक नियंत्रित रडार, संचार प्लेटफार्म पर उपग्रह, पुन: तैनात किये जाने वाला उपग्रह टर्मिनल (आरएडीसैट) को भी प्रदर्शित किया गया।

भारतीय वायु सेना की झांकी में इस वर्ष का थीम ‘1965 युद्ध के 50 वर्ष’ है। वायु सेना इस बार भारत.पाक युद्ध के दौरान प्रदर्शित अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इस दौरान केनबरा बमवषर्क, एमआई.4 हेलीकाप्टर और पैकेट परिवहन विमान का प्रदर्शन किया जायेगा। गणतंत्र दिवस पर ऐतिहासिक राजपथ पर परेड के दौरान इस वर्ष नौसेना का थीम ‘उभरते हुए राष्ट्र के लिए सुरक्षित समुद्र सुनिश्चित करना’ है। नौसेना की झांकी में नौवहन युद्ध के चारों आयामों को समाहित करते हुए कुछ अग्रिम अस्तियों का प्रदर्शन किया जायेगा। नौसेना अत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण की अपनी पहल का प्रदर्शन करते हुए स्वदेश निर्मित विध्वंसक आईएनएस कोलताता से ब्रह्मोस मिसाइल प्रक्षेपित करने की झांकी पेश करेगी जिसकी पृष्ठभूमि में अत्याधुनिक हल्का हेलीकाप्टर ध्रूव होगा। इसकी दूसरी झांकी में ‘भारतीय नौसेना और नारी शक्ति’ विषय पर होगा जिसमें नौसेना की चार महिला अधिकारियों को समुद्री यात्रा में नौसेना के पोत ‘महादेई’ से गोवा से रियो दी जेनेरियो जाते दिखाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नए उपक्रमों 'मेक इन इंडिया' और 'जन धन योजना' को सोमवार को 66वें गणतंत्र दिवस परेड में प्रमुखता से शामिल किया गया। परेड के दौरान इनकी झांकियां भी राजपथ पर निकाली गईं। वित्त सेवा विभाग की झांकी 'प्रधानमंत्री जन धन योजना' पर आधारित थी, जिसमें अभियान की विशिष्टता को दिखाया गया। इस योजना का लक्ष्य सभी भारतीयों के बैंक खाते खोलना और कमजोर वर्गो और निम्न आय वालों को लाभान्वित करना है।

औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग की झांकी में 'मेक इन इंडिया' को पेश किया गया और उसमें स्मार्ट सिटी की पृष्ठभूमि के बीच मशीन से बना शेर दिख रहा था। इसका लक्ष्य भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देना है। कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ प्रधानमंत्री की एक अन्य पहल 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' को भी परेड में शामिल किया गया। मोदी ने 22 जनवरी को हरियाणा के पानीपत में इस अभियान की शुरुआत की।
झांकी में एक महिला अपनी नवजात कन्या शिशु को झुला रही थी, जबकि चिकित्सक, इंजीनियर और वैज्ञानिकों के भेष में अन्य महिलाएं उनके आसपास नजर आईं। मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी परियोजना 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की प्रतिकृति भी परेड में पेश की गई। यह परियोजना देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित है, जिन्होंने रियासतों को भारतीय संघ में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की प्रतिकृति गुजरात की झांकी में दिखाई गई, जो कि प्रधानमंत्री का गृह राज्य है। राजपथ पर कुल 25 झांकियां प्रदर्शित की गईं, जबकि पिछले साल यह संख्या 18 थी। परेड का आयोजन रक्षा मंत्रालय ने किया था। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।