अक्सर घरों में सब्ज़ियों व दालों में हींग डाली जाती है। हींग खाने में
खुशबू के साथ-साथ उसका स्वाद भी बढ़ा देती है। हींग में कई पोषक तत्वों के
साथ एंटी आक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण भी हैं। जिसका प्रयोग कई संक्रामक
बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। आइए जानें इसके औषधीय गुण :-
दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएँ। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे। यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः निकल आएगा। हींग में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है। हींग का लेप बवासीर, तिल्ली में लाभप्रद है।
कब्जियत की शिकायत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फांक लें, सबेरे शौच साफ होगा। पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो लाभ होगा। पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोलकर एनिमा लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं।
जख्म यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। प्रतिदिन के भोजन में दाल, कढ़ी व कुछ सब्जियों में हींग का उपयोग करने से भोजन को पचाने में सहायक होती है। मासिक धर्म के दौरान होने वाली परेशानियां जैसे पेट में दर्द और मरोड़ या अनियमित मासिक धर्म में हींग का सेवन करने से फायदे होते हैं। यह औषधि कैंडिडा संक्रमण और ल्यूकोरहोइया से भी छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होता है।
सूखी खांसी, अस्थमा, काली खांसी के लिए हींग और अदरक में शहद मिलाकर लेने से काफी आराम मिलता है। हींग की मदद से शरीर में ज्यादा इन्सुलिन बनता है और ब्लड शुगर का स्तर नीचे गिरता है। ब्लड शुगर के स्तर को घटाने के लिए हींग में पका कड़वा कद्दू खाना चाहिए| हींग में कोउमारिन होता है जो खून को पतला करने में मदद करता है और इसे जमने से रोकता है। हींग बढ़े हुए ट्राइग्लीसेराइड और कोलेस्ट्रोल को कम करता है और उच्च रक्तचाप को भी घटाता है।
यह औषधि विचार शक्ति को बढ़ाती है और इसलिए उन्माद, ऐंठन और दिमाग में खून की कमी से बेहोशी जैसे लक्षण से बचने के लिए भी हींग खाने की सलाह दी जाती है। अफीम के असर को कम करने में हींग मदद करता है। इसलिए इसे विषहरण औषधि भी कहा जाता है।
अगर चेहरे पर दाग धब्बे हैं तो एक चम्मच दही में चुटकी भर हींग मिलाकर सप्ताह में एक बार चेहरे पर लगाए लाभ मिलेगा। अगर चेहरे पर पिंपल्स हैं या त्वचा सबंधी समस्या है तो हींग का प्रयोग पानी में मिलाकर करें। चुटकी भर हींग पाउडर पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और मास्क की तरह चेहरे पर लगाएं। नियमित प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
मसूड़ों से खून आता हो या दांतों में इंफेक्शन हों तो एक कप पानी में छोटा टुकड़ा हींग का और एक लौंग उबालें। गुनगुन होने पर कुल्ला करने से लाभ मिलेगा। दो चम्मत करेले के रस में एक चौथाई चम्मच हींग का पाउडर मिला कर पिए, मधुमेह काबू में रहेगा। खाने से पहले घी में भुनी हुई हींग एवं अदरक का एक टुकडा मक्खन के साथ में लेने से भूख ज्यादा लगती है।
पीलिया होने पर हींग को गूलर के सूखे फलों के साथ खाना चाहिए। पीलिया होने पर हींग को पानी में घिसकर आंखों पर लगाने से फायदा होता है। कान में दर्द होने पर तिल के तेल में हींग को पकाकर उस तेल की बूंदों को कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है। उल्टी आने पर हींग को पानी में पीसकर पेट पर लगाने से फायदा होता है। सिरदर्द होने पर हींग को गर्म करके उसका लेप लगाने से फायदा होता है।
यदि दाद हो गया हो तो थोडी सी हींग पानी में घिसकर प्रभावित अंग पर लगाएं, इससे दाद ठीक हो जाते हैं। त्वचा के रोगों में हींग बहुत ही प्रभावशाली होती है। प्रसव के उपरांत हींग का सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है और उस महिला को पेट संबंधी कोई परेशानी नहीं होती है। जोडों के दर्द में इसका नियमित सेवन बहुत ही लाभदायक रहता है।
यदि नासूर हो गया है और घाव सडने लगता है तो हींग को नीम के पत्तों के साथ पीसकर घाव पर लगाने से कुछ ही दिनों में आराम आ जाता है। पसलियों में दर्द होने पर हींग रामबाण की तरह से काम करता है। ऎसे में हींग को गरम पानी में घोलकर लेप लगाएं, सूखने पर प्रक्रिया दोहराएं। आराम मिलेगा। पेट पर विशेषकर नाभि के आसपास गोलाई में इस पानी का लेप करने से पेट दर्द, पेट फूलना व पेट का भारीपन दूर हो जाता है।
हींग के चूर्ण में थोडा सा नमक मिलाकर पानी के साथ लेने से लो ब्लड प्रेशर में आराम मिलता है। छाछ में या भोजन के साथ हींग का सेवन करने से अजीर्ण वायु, हैजा, पेट दर्द, आफरा में आराम मिलता है। भुनी हुई हींग को रूई के फाहे में लपेटकर दाढ़ पर रखने से राहत मिलती है। दांत में कीडा लगने पर भी इससे आराम मिलता है। हींग का धुआं सूंघने से हिचकियां बंद हो जाती हैं। हींग की प्रवृत्ति गरम होती है इसलिए इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। थोड़ी मात्रा में तड़के के रूप में या सलाद के मसाले आदि में आप इसका सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं।
दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएँ। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे। यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः निकल आएगा। हींग में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है। हींग का लेप बवासीर, तिल्ली में लाभप्रद है।
कब्जियत की शिकायत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फांक लें, सबेरे शौच साफ होगा। पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो लाभ होगा। पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोलकर एनिमा लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं।
जख्म यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। प्रतिदिन के भोजन में दाल, कढ़ी व कुछ सब्जियों में हींग का उपयोग करने से भोजन को पचाने में सहायक होती है। मासिक धर्म के दौरान होने वाली परेशानियां जैसे पेट में दर्द और मरोड़ या अनियमित मासिक धर्म में हींग का सेवन करने से फायदे होते हैं। यह औषधि कैंडिडा संक्रमण और ल्यूकोरहोइया से भी छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होता है।
सूखी खांसी, अस्थमा, काली खांसी के लिए हींग और अदरक में शहद मिलाकर लेने से काफी आराम मिलता है। हींग की मदद से शरीर में ज्यादा इन्सुलिन बनता है और ब्लड शुगर का स्तर नीचे गिरता है। ब्लड शुगर के स्तर को घटाने के लिए हींग में पका कड़वा कद्दू खाना चाहिए| हींग में कोउमारिन होता है जो खून को पतला करने में मदद करता है और इसे जमने से रोकता है। हींग बढ़े हुए ट्राइग्लीसेराइड और कोलेस्ट्रोल को कम करता है और उच्च रक्तचाप को भी घटाता है।
यह औषधि विचार शक्ति को बढ़ाती है और इसलिए उन्माद, ऐंठन और दिमाग में खून की कमी से बेहोशी जैसे लक्षण से बचने के लिए भी हींग खाने की सलाह दी जाती है। अफीम के असर को कम करने में हींग मदद करता है। इसलिए इसे विषहरण औषधि भी कहा जाता है।
अगर चेहरे पर दाग धब्बे हैं तो एक चम्मच दही में चुटकी भर हींग मिलाकर सप्ताह में एक बार चेहरे पर लगाए लाभ मिलेगा। अगर चेहरे पर पिंपल्स हैं या त्वचा सबंधी समस्या है तो हींग का प्रयोग पानी में मिलाकर करें। चुटकी भर हींग पाउडर पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और मास्क की तरह चेहरे पर लगाएं। नियमित प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
मसूड़ों से खून आता हो या दांतों में इंफेक्शन हों तो एक कप पानी में छोटा टुकड़ा हींग का और एक लौंग उबालें। गुनगुन होने पर कुल्ला करने से लाभ मिलेगा। दो चम्मत करेले के रस में एक चौथाई चम्मच हींग का पाउडर मिला कर पिए, मधुमेह काबू में रहेगा। खाने से पहले घी में भुनी हुई हींग एवं अदरक का एक टुकडा मक्खन के साथ में लेने से भूख ज्यादा लगती है।
पीलिया होने पर हींग को गूलर के सूखे फलों के साथ खाना चाहिए। पीलिया होने पर हींग को पानी में घिसकर आंखों पर लगाने से फायदा होता है। कान में दर्द होने पर तिल के तेल में हींग को पकाकर उस तेल की बूंदों को कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है। उल्टी आने पर हींग को पानी में पीसकर पेट पर लगाने से फायदा होता है। सिरदर्द होने पर हींग को गर्म करके उसका लेप लगाने से फायदा होता है।
यदि दाद हो गया हो तो थोडी सी हींग पानी में घिसकर प्रभावित अंग पर लगाएं, इससे दाद ठीक हो जाते हैं। त्वचा के रोगों में हींग बहुत ही प्रभावशाली होती है। प्रसव के उपरांत हींग का सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है और उस महिला को पेट संबंधी कोई परेशानी नहीं होती है। जोडों के दर्द में इसका नियमित सेवन बहुत ही लाभदायक रहता है।
यदि नासूर हो गया है और घाव सडने लगता है तो हींग को नीम के पत्तों के साथ पीसकर घाव पर लगाने से कुछ ही दिनों में आराम आ जाता है। पसलियों में दर्द होने पर हींग रामबाण की तरह से काम करता है। ऎसे में हींग को गरम पानी में घोलकर लेप लगाएं, सूखने पर प्रक्रिया दोहराएं। आराम मिलेगा। पेट पर विशेषकर नाभि के आसपास गोलाई में इस पानी का लेप करने से पेट दर्द, पेट फूलना व पेट का भारीपन दूर हो जाता है।
हींग के चूर्ण में थोडा सा नमक मिलाकर पानी के साथ लेने से लो ब्लड प्रेशर में आराम मिलता है। छाछ में या भोजन के साथ हींग का सेवन करने से अजीर्ण वायु, हैजा, पेट दर्द, आफरा में आराम मिलता है। भुनी हुई हींग को रूई के फाहे में लपेटकर दाढ़ पर रखने से राहत मिलती है। दांत में कीडा लगने पर भी इससे आराम मिलता है। हींग का धुआं सूंघने से हिचकियां बंद हो जाती हैं। हींग की प्रवृत्ति गरम होती है इसलिए इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। थोड़ी मात्रा में तड़के के रूप में या सलाद के मसाले आदि में आप इसका सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं।
1 टिप्पणी:
बहुत उपयोगी जानकारी...
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