आज जहां चोरी और लूट की वारदातों से सबक लेकर गांव-शहर सभी जगह लोग अपने घरों को सुरक्षित रखने के लिए तमाम प्रबंध करते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और महाराष्ट्र के शनि शिगनापुर में जहां के लोग अपने घरों में दरवाजे तक नहीं लगाते। उनका मानना है कि गांव के बाहर बने मंदिर में विराजमान देवी- देवता उनके घरों की रक्षा करती हैं।
इलाहाबाद जिले के सिंगीपुर गांव के सभी घरों ये समानता देखने को मिलती है कि उनमें दरवाजे नहीं हैं। कच्चे, पक्के और झोपड़े हर तरह के इस गांव तकरीबन 150 घर हैं। ग्रामीण सहजू लाल ने कहा, "ये बाकी लोगों को चौंकाने वाली हो सकती है, लेकिन हमारे लिए ये एक परंपरा बन चुकी है। हम दशकों से बिना दरवाजों के घरों में रह रहे हैं।" इलाहाबाद शहर के करीब 40 किलोमीटर दूर सिंगीपुर गांव की आबादी करीब 500 है। गांव में निचले मध्यम वर्गीय परिवार और गरीब तबके के लोग रहते हैं, जो फेरी लगाने, छोटी मोटी दुकानें चलाने और मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। गांव में दलितों, जनजातियों और पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है।
ग्रामीणों का विश्वास है कि मां काली उनके घरों की रक्षा करती हैं और जो भी उनके घरों में चोरी का प्रयास करेगा, मां उसे दंड देंगी। ग्रामीण बड़े लाल निषाद बसंत लाल कहते हैं कि गांव के बाहर बने मंदिर में विराजमान मां काली पर हमें पूरा भरोसा है, इसीलिए हम अपने घरों की चिंता नहीं करते। निषाद के मुताबिक उनके बुजुर्ग कहा कहते थे कि जिन लोगों ने इस गांव में चोरी की, उनकी या तो मौत हो गई या वे गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो गए।
वहीँ, महाराष्ट्र के शनि शिगनापुर में लोगों के घरों में दरवाजों की चौखटें तो लगी हुई हैं, लेकिन दरवाजा नहीं हैं। यहां के लोग सुरक्षा के लिए लॉकरों में भी ताले नहीं लगाते हैं। दरअसल उनका विश्वास है कि मंदिर शनि देवता का निवास स्थान है और इस वजह से वहां कोई भी चोरी करने की हिम्मत नहीं कर सकता, क्योंकि इससे उसे और उसके परिवारवालों को शनि के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।
इतना ही नहीं ये तो लोगों की आस्था है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां बैंक भी इस परंपरा का पालन करते हैं। कुछ दिनों पहले यहां यूको बैंक की एक शाखा शुरू हुई है, जिसके दरवाजे पर कोई ताला नहीं लगता है। करीब 3000 लोगों की आबादी वाला यह अनूठा शहर जहां के लोग अपने घरों की रक्षा के लिए भगवान पर यकीन करते हैं।
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