रंगों का त्योहार होली करीब आ चुका है। हर किसी पर रंगों की खुमारी छाने लगी है, लेकिन इस बार होली को लेकर सभी कन्फ्यूज है और इस कन्फ्यूजन को देखकर ‘शोले’ फिल्म का वह डायलॉग याद आता है, जब गब्बर पूछता है, “अरे ओ सांभा, होली कब है रे?”
दरअसल, होली की छुट्टी 24 मार्च को है और लोग 23 मार्च को होली खेलने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे लोग कन्फ्यूज हो रहे हैं कि आखिर वह किस दिन होली खेलें?
क्या कहता है पंचांग?
अगर बात करें पंचांग की, तो उसमें होली खेलने की तारीख 24 मार्च है और यही तारीख सरकारी कैलेंडर में भी है। इसीलिए सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में होली की छुट्टी 24 मार्च को ही है। प्रशासन की शराब बंदी भी 24 मार्च को ही है। धर्माचार्यो के अनुसार, 22 और 23 मार्च की रात 2.30 बजे से पूर्णिमा तिथि लगेगी। इसके बाद ही होलिका दहन शुभ है। इसीलिए 23 मार्च को ही होलिका दहन होगा और होली खेली जाएगी।
237 साल बाद आया ऐसा योग :
22 मार्च को दोपहर 2.29 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। 22 और 23 मार्च की रात 2.30 बजे से पूर्णिमा तिथि लगेगी। हिन्दू पंचांग के हिसाब से ऐसा योग 237 साल बाद आया है।
दरअसल, होली की छुट्टी 24 मार्च को है और लोग 23 मार्च को होली खेलने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे लोग कन्फ्यूज हो रहे हैं कि आखिर वह किस दिन होली खेलें?
क्या कहता है पंचांग?
अगर बात करें पंचांग की, तो उसमें होली खेलने की तारीख 24 मार्च है और यही तारीख सरकारी कैलेंडर में भी है। इसीलिए सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में होली की छुट्टी 24 मार्च को ही है। प्रशासन की शराब बंदी भी 24 मार्च को ही है। धर्माचार्यो के अनुसार, 22 और 23 मार्च की रात 2.30 बजे से पूर्णिमा तिथि लगेगी। इसके बाद ही होलिका दहन शुभ है। इसीलिए 23 मार्च को ही होलिका दहन होगा और होली खेली जाएगी।
237 साल बाद आया ऐसा योग :
22 मार्च को दोपहर 2.29 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। 22 और 23 मार्च की रात 2.30 बजे से पूर्णिमा तिथि लगेगी। हिन्दू पंचांग के हिसाब से ऐसा योग 237 साल बाद आया है।
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