कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में अखिलेश सरकार नाकाम, पुलिस हिरासत में हो रही मौतें

पिछले कुछ महीनो पर नज़र डालें तो साफ़ जाहिर होता है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के नाम पर जमकर खिलवाड़ हो रहा है। प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है| यहाँ हिरासत में मौत आम बात हो गयी हैं। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक मामले को लेकर हिरासत में लिए गए 2 युवकों की कोतवाली परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। प्रताडऩा के कारण दोनों की मृत्यु का आरोप लगने पर 3 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में पूरनपुर कोतवाली की पुलिस सद्दाम तथा अकील नामक युवकों को कल रात पकड़कर लाई थी। दोनों आज सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। उन्होंने बताया कि कोतवाली पुलिस का कहना है कि सुबह तबीयत खराब होने पर सद्दाम और अकील को अस्पताल भेजा गया था, जहां दोनों की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि मृतकों के परिजन ने पुलिस पर प्रताडऩा देकर दोनों युवकों की हत्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर शक्ति सिंह समेत 3 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया है। मामले की जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में यह कोई पहला मामला नहीं है जब पुलिस हिरासत में कैदियों की मौत हो रही है इससे पहले भी कई मामले इस तरह के आ चुके हैं लेकिन अखिलेश सरकार कार्यवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ रखे हुए बैठी है।

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