नई दिल्ली| अभी तक आपने वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण या फिर तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के साथ- साथ रामकथा के अन्य कई संस्करणों को ही पढ़ा होगा, लेकिन बहुत जल्द ही आप अंग्रेजी में 'सीताज रामायण' (सीता की रामायण) को भी पढ़ सकेंगे| बेंगलूर में रहने वाली स्मिता अर्नी ने इस अत्याधुनिक 'सीताज रामायण' की रचना की है|
रामायण व रामचरितमानस जैसे महाकाव्यों में सिर्फ मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के संपूर्ण जीवनकाल की छवि ही मिलती है, लेकिन अब सीता की रामायण में पूरी कहानी माता सीता पर केन्द्रित होगी| इस अत्याधुनिक सीताज रामायण में राम का नहीं वरन सीता व उनके साथ रामायण में आने वाली कुछ अन्य स्त्रियों का वर्णन किया गया है| इसमें सुग्रीव की पत्नी तारा, रावण की बहन शूर्पणखा और अशोक वाटिका में सीता की देखरेख करने वाली राक्षसी त्रिजटा का जीवन वृतांत भी पढ़ सकेंगे|
स्मिता का कहना है कि उन्होंने इस रामायण की रचना आज कल के ज़माने को ध्यान में रखते हुए किया है| उन्होंने इस रामायण को ग्राफिक नॉवेल, कॉमिक चित्रकथा रूप में रेखांकित किया है, जिसे पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के निर्भयपुर गांव में रहने वाली कलाकार, मोन्या चित्रकार ने लोकशैली के चित्रों से सजाया है।
अमेरिका के माउंट होलयोक कॉलेज में धर्म और सिनेमा की पढ़ाई करने वाली स्मिता ने कहा कि मैंने अभी तक रामकथा के कई संस्करणों को पढ़ा है| पूरी रामकथा को पढने में मुझे सबसे अधिक दुखद पक्ष सीता की अग्निपरीक्षा का लगता था| उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया कि सभी रामकथाओं में सबसे ज्यादा ग्लैमर अग्निपरीक्षा को किया गया है|
स्मिता ने इस राम कथा में सीता की अग्निपरीक्षा को सीता के नजरिये से ही रेखांकित किया है| उनका कहना है कि इस प्रसंग में पाठक को अंतत: राम से सहानुभूति होती है। भगवान राम लम्बे समय तक रावण से युद्ध करने के पश्चात जब सीता से मिलते हैं, तब राम सीता को सीधे तौर पर न अपनाकर उनसे अग्निपरीक्षा देने को कहते हैं|
स्मिता बताती हैं कि उस वक्त सीता के संवाद काफी महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि सीता अपने सतीत्व की परीक्षा देने से इंकार कर देती हैं|
रामायण व रामचरितमानस जैसे महाकाव्यों में सिर्फ मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के संपूर्ण जीवनकाल की छवि ही मिलती है, लेकिन अब सीता की रामायण में पूरी कहानी माता सीता पर केन्द्रित होगी| इस अत्याधुनिक सीताज रामायण में राम का नहीं वरन सीता व उनके साथ रामायण में आने वाली कुछ अन्य स्त्रियों का वर्णन किया गया है| इसमें सुग्रीव की पत्नी तारा, रावण की बहन शूर्पणखा और अशोक वाटिका में सीता की देखरेख करने वाली राक्षसी त्रिजटा का जीवन वृतांत भी पढ़ सकेंगे|
स्मिता का कहना है कि उन्होंने इस रामायण की रचना आज कल के ज़माने को ध्यान में रखते हुए किया है| उन्होंने इस रामायण को ग्राफिक नॉवेल, कॉमिक चित्रकथा रूप में रेखांकित किया है, जिसे पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के निर्भयपुर गांव में रहने वाली कलाकार, मोन्या चित्रकार ने लोकशैली के चित्रों से सजाया है।
अमेरिका के माउंट होलयोक कॉलेज में धर्म और सिनेमा की पढ़ाई करने वाली स्मिता ने कहा कि मैंने अभी तक रामकथा के कई संस्करणों को पढ़ा है| पूरी रामकथा को पढने में मुझे सबसे अधिक दुखद पक्ष सीता की अग्निपरीक्षा का लगता था| उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया कि सभी रामकथाओं में सबसे ज्यादा ग्लैमर अग्निपरीक्षा को किया गया है|
स्मिता ने इस राम कथा में सीता की अग्निपरीक्षा को सीता के नजरिये से ही रेखांकित किया है| उनका कहना है कि इस प्रसंग में पाठक को अंतत: राम से सहानुभूति होती है। भगवान राम लम्बे समय तक रावण से युद्ध करने के पश्चात जब सीता से मिलते हैं, तब राम सीता को सीधे तौर पर न अपनाकर उनसे अग्निपरीक्षा देने को कहते हैं|
स्मिता बताती हैं कि उस वक्त सीता के संवाद काफी महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि सीता अपने सतीत्व की परीक्षा देने से इंकार कर देती हैं|
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