आज से नवरात्रि पर्व का आरंभ हो चुका है| इस नवरात्रि में माँ भगवती को प्रसन्न करने के लिए अपनी राशि के अनुसार जानिए माँ के स्वरूपों की पूजा अर्चना में क्या-क्या करना चाहिए-
मेष राशि:- मेष राशि वाले भक्तों को माँ भगवती की पंच्व्ह्वी शक्ति स्कंद माता की विशेष उपासना करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। क्योंकि स्कंदमाता करुणामयी हैं, जो वात्सल्यता का भाव रखती हैं।
वृष राशि:- वृष राशि के लोग महागौरी स्वरूप की उपासना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। माँ को प्रसन्न करने के लिए ललिता सहस्र नाम का पाठ करना चाहिए। क्योंकि महागौरी जन-कल्याणकारी हैं। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
मिथुन राशि:- मिथुन राशि वाले भक्तों को देवी-यंत्र स्थापित कर माँ भगवती ब्रह्मचारिणी की उपासना करनी चाहिए। माँ ब्रम्ह्चारिणी को प्रसन्न करने के लिए तारा कवच का प्रतिदिन पाठ करें। क्योंकि मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान प्रदाता, विद्या के अवरोध दूर करती हैं।
कर्क राशि:- कर्क राशि वाले भक्तों को माँ भगवती के प्रथम स्वरुप माँ शैलपुत्री की पूजा-उपासना करनी चाहिए। माँ को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करें। क्योंकि माँ शैलपुत्री अभय दान प्रदान करती हैं।
सिंह राशि:- सिंह राशि वाले भक्तों को माँ कूष्मांडा की साधना विशेष फलदायी है| इसलिए माँ को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा मंत्र का जाप करें। क्योंकि माँ कुष्मांडा बलि प्रिया हैं, अत: साधक नवरात्र की चतुर्थी को आसुरी प्रवृत्तियों यानि बुराइयों का बलिदान देवी चरणों में निवेदित करना चाहिए|
कन्या राशि:- कन्या राशि वाले भक्तों कोप माँ ब्रम्ह्चारिणी की पूजा अर्चना करना चाहिए। माँ को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी मंत्रों का साविधि जाप करें। क्योंकि माँ ज्ञान प्रदान करती हुई विद्या मार्ग के अवरोधों को दूर करती हैं। विद्यार्थियों हेतु देवी की साधना फलदायी है।
तुला राशि:- तुला राशि वाले भक्तों को महागौरी की पूजा- अर्चना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। माँ को प्रसन्न करने के लिए काली चालीसा या सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करें क्योंकि जन-कल्याणकारी हैं। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
वृश्चिक राशि:- वृश्चिक राशि वाले भक्तों को स्कंदमाता की पूजा अर्चना करनी चाहिए| माँ को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें क्योंकि माँ वात्सल्य भाव रखती हैं।
धनु राशि:- धनु राशि वाले भक्तों को देवी चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए| माँ को प्रसन्न करने के लिए संबंधित मंत्रों का यथाविधि अनुष्ठान करें। क्योंकि घंटा प्रतीक है उस ब्रह्मनाद का, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है।
मकर राशि:- मकर राशि वाले लोगों के लिए कालरात्रि की पूजा सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। माँ को प्रसन्न करने के लिए नर्वाण मंत्र का जाप करें। क्योंकि माँ अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोप, अग्निकांड आदि का शमन करती हैं। माँ शत्रुओं का संहार करने वाली होती हैं।
कुंभ राशि:- कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए कालरात्रि की उपासना लाभदायक है | आप माँ को प्रसन्न करने के लिए देवी कवच का पाठ करें। अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोपों का शमन करती हैं और शत्रुओं का विनास करती हैं|
मीन राशि:- मीन राशि के जातकों को माँ चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। माँ को प्रसन्न करने के लिए हरिद्रा की माला से यथासंभव बगलामुखी मंत्र का जाप करें। घंटा उस ब्रह्मनाद का प्रतीक है, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है।
मेष राशि:- मेष राशि वाले भक्तों को माँ भगवती की पंच्व्ह्वी शक्ति स्कंद माता की विशेष उपासना करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। क्योंकि स्कंदमाता करुणामयी हैं, जो वात्सल्यता का भाव रखती हैं।
वृष राशि:- वृष राशि के लोग महागौरी स्वरूप की उपासना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। माँ को प्रसन्न करने के लिए ललिता सहस्र नाम का पाठ करना चाहिए। क्योंकि महागौरी जन-कल्याणकारी हैं। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
मिथुन राशि:- मिथुन राशि वाले भक्तों को देवी-यंत्र स्थापित कर माँ भगवती ब्रह्मचारिणी की उपासना करनी चाहिए। माँ ब्रम्ह्चारिणी को प्रसन्न करने के लिए तारा कवच का प्रतिदिन पाठ करें। क्योंकि मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान प्रदाता, विद्या के अवरोध दूर करती हैं।
कर्क राशि:- कर्क राशि वाले भक्तों को माँ भगवती के प्रथम स्वरुप माँ शैलपुत्री की पूजा-उपासना करनी चाहिए। माँ को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करें। क्योंकि माँ शैलपुत्री अभय दान प्रदान करती हैं।
सिंह राशि:- सिंह राशि वाले भक्तों को माँ कूष्मांडा की साधना विशेष फलदायी है| इसलिए माँ को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा मंत्र का जाप करें। क्योंकि माँ कुष्मांडा बलि प्रिया हैं, अत: साधक नवरात्र की चतुर्थी को आसुरी प्रवृत्तियों यानि बुराइयों का बलिदान देवी चरणों में निवेदित करना चाहिए|
कन्या राशि:- कन्या राशि वाले भक्तों कोप माँ ब्रम्ह्चारिणी की पूजा अर्चना करना चाहिए। माँ को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी मंत्रों का साविधि जाप करें। क्योंकि माँ ज्ञान प्रदान करती हुई विद्या मार्ग के अवरोधों को दूर करती हैं। विद्यार्थियों हेतु देवी की साधना फलदायी है।
तुला राशि:- तुला राशि वाले भक्तों को महागौरी की पूजा- अर्चना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। माँ को प्रसन्न करने के लिए काली चालीसा या सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करें क्योंकि जन-कल्याणकारी हैं। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
वृश्चिक राशि:- वृश्चिक राशि वाले भक्तों को स्कंदमाता की पूजा अर्चना करनी चाहिए| माँ को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें क्योंकि माँ वात्सल्य भाव रखती हैं।
धनु राशि:- धनु राशि वाले भक्तों को देवी चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए| माँ को प्रसन्न करने के लिए संबंधित मंत्रों का यथाविधि अनुष्ठान करें। क्योंकि घंटा प्रतीक है उस ब्रह्मनाद का, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है।
मकर राशि:- मकर राशि वाले लोगों के लिए कालरात्रि की पूजा सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। माँ को प्रसन्न करने के लिए नर्वाण मंत्र का जाप करें। क्योंकि माँ अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोप, अग्निकांड आदि का शमन करती हैं। माँ शत्रुओं का संहार करने वाली होती हैं।
कुंभ राशि:- कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए कालरात्रि की उपासना लाभदायक है | आप माँ को प्रसन्न करने के लिए देवी कवच का पाठ करें। अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोपों का शमन करती हैं और शत्रुओं का विनास करती हैं|
मीन राशि:- मीन राशि के जातकों को माँ चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। माँ को प्रसन्न करने के लिए हरिद्रा की माला से यथासंभव बगलामुखी मंत्र का जाप करें। घंटा उस ब्रह्मनाद का प्रतीक है, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है।
ليست هناك تعليقات:
إرسال تعليق