यदि आपसे कोई यह पूछे कि भगवान श्रीराम का जन्म कब हुआ था? तो शायद आपका जवाब रामनवमी ही होगा| आपको बता दें कि दिल्ली के इंस्टीट्यूट फॉर साइंटिफिक रिसर्च ऑन वेदाज (आइ-सर्व) को भगवान राम के जन्म की सटीक तिथि के बारे में पता लगाने में सफलता मिल गई है| इतना ही नहीं संस्थान ने इसे वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित करने का भी दावा किया है।
साइंटिफिक रिसर्च ऑन वेदाज की निदेशक सरोज बाला ने बताया कि हमने अपने सहयोगियों और प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर के माध्यम से श्रीराम की जन्मतिथि की सटीक जानकारी प्राप्त की है। इससे भगवान राम का अस्तित्व भी प्रमाणित होता है।
सरोज बाला ने बताया है कि भगवान श्रीराम का जन्म 10 जनवरी, 5014 ईसा पूर्व (सात हजार, 122 साल) पहले हुआ था। जिस दिन भगवान श्रीराम ने अवतार लिया था उस दिन चैत्र का महीना और शुक्ल पक्ष की नवमी थी| जन्म का वक्त दोपहर 12 बजे से दो बजे की बीच था।
आइ-सर्व के वैज्ञानिकों ने बताया कि वे न केवल भगवान राम बल्कि अन्य पौराणिक पात्रों की जन्मतिथि और अस्तित्व का सत्यापन करने का प्रयास कर रहे हैं। बल्कि प्रभु श्रीराम के जीवन में हुई घटनाओं, जैसे वनवास, रावण वध का भी सत्यापन करने जा रहे हैं।
साइंटिफिक रिसर्च ऑन वेदाज की निदेशक सरोज बाला ने बताया कि हमने अपने सहयोगियों और प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर के माध्यम से श्रीराम की जन्मतिथि की सटीक जानकारी प्राप्त की है। इससे भगवान राम का अस्तित्व भी प्रमाणित होता है।
सरोज बाला ने बताया है कि भगवान श्रीराम का जन्म 10 जनवरी, 5014 ईसा पूर्व (सात हजार, 122 साल) पहले हुआ था। जिस दिन भगवान श्रीराम ने अवतार लिया था उस दिन चैत्र का महीना और शुक्ल पक्ष की नवमी थी| जन्म का वक्त दोपहर 12 बजे से दो बजे की बीच था।
आइ-सर्व के वैज्ञानिकों ने बताया कि वे न केवल भगवान राम बल्कि अन्य पौराणिक पात्रों की जन्मतिथि और अस्तित्व का सत्यापन करने का प्रयास कर रहे हैं। बल्कि प्रभु श्रीराम के जीवन में हुई घटनाओं, जैसे वनवास, रावण वध का भी सत्यापन करने जा रहे हैं।
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