अगर आपका मानना है कि दिल टूटने का गम सिर्फ इंसानों को ही होता है तो आप गलत हैं| किसी से ठुकराए जाने का गम जितना इंसानों को होता है उतना ही मक्खियों को भी होता है और ख़ास बात तो है ये है की इंसानों की ही तरह मक्खियां भी गम भूलने के लिए शराब का सहारा लेती हैं|
हाल ही में वैज्ञानिकों ने पाया है कि यौनसुख से वंचित नर मक्खियां अपने गम को दूर करने के लिए नशे वाले भोजन में अपना ठिकाना ढूंढती हैं| इस बात से उत्साहित वैज्ञानिकों का कहना है कि यह जानकारी नशे की समस्या को बेहतर ढंग से समझने और उसका नया संभावित इलाज खोजने में मदद करेगी|
वैज्ञानिकों के अनुसार, ठुकराई मक्खियों में नशे की प्रवृत्ति दिमाग के एक रसायन न्यूरोपेपटाइड के स्तर के घटने के कारण होती है| जब मक्खियां खाने या सहवास जैसे क्रियाएं करती हैं तो एनपीएफ के स्तर में बढोत्तरी होती हैं लेकिन यह शराब लेने जैसे बाहरी वजहों से बढ़ सकता है जो यह कीट सड़े फलों में पाते हैं| अब इससे ये तो कहा जा सकता है कि चाहे इंसान हो या मक्खी ठुकराए जाने का गम हर किसी को होता है|
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