दीपावली का त्योहार हो और पटाखे छोड़कर खुशी न मनार्इ जाए ऐसा संभव नहीं है। मगर चिंतन का विषय यह है कि खुशियों में दागे जाने वाले पटाखों से फैलने वाला ध्वनि एवं वायु प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग में इजाफा कर रहा है इसलिए कोशिश यही होनी चाहिए कि दीपावली की खुशियां भी बरकरार रहे और प्रदूषण कम से कम फैले। दीपावली हर घर में खुशियों का संदेशा लेकर आती है। भारतीय संस्कृति के अनुसार देश में हर त्योहार का अलग-अलग महत्व है। रोशनी का त्योहार कहे जाने वाले इस पर्व को समाज का प्रत्येक वर्ग बड़े हर्षोल्लास से मनाना चाहता है। खासकर बच्चों और युवाओं में पटाखे फोड़ने की ललक रहती है। दीपावली पर हर साल करोडों रुपये की आतिशबाजी फूंकने के बाद पर्यावरण को प्रदूषण के सिवा कुछ नहीं मिलता है। बदलते युग में समाज में तौर-तरीकों पर काफी परिवर्तन आया है। हम अपनी खुशियों के खातिर दूसरों को परेशानियों में डाल देते हैं। हर साल करोड़ों रुपये की आतिशबाजी से ध्वनि प्रदूषण तो होता ही है इसके साथ ही साथ वायु प्रदूषण भी फैलता है।
आतिशबाजी से निकलने वाली गूंज और ध्वनि से स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इस तरह से प्रदूषण के एकाएक बढ़ जाने से समाज के सभी लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हम सभी अपनी खुशियों की खातिर समाज को एक जटिल मुशिकल में डाल रहे हैं। धरातल पर कम प्लाटेंशन भी इसकी मुख्य वजह माना जा सकता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है। सांस रोगियों और दिल के रोगियों को पटाखों से परहेज करना चाहिए। अगर किसी को भी परेशानी हो तो तुरंत ही ड‚क्टर से संपर्क करना चाहिए।
पटाखे फोड़ने पर होने वाले नुकसान : -
• सांस रोगियों को सांस लेने मे परेशानी
• वातावरण में प्रदूषण की मात्रा अधिक होने से स्वच्छ हवा न मिल पाना
• जहरीली गैसों से श्वांस रोगों का बढ़ता खतरा
• श्रवण शक्ति पर पड़ता हैं काफी असर
पटाखे दगाते समय क्या बरतें सावधानी : -
• पटाखे दगाते समय ढीले ढाले वस्त्र पहने
• कसे व सिकन टाइट वस्त्र न पहने
• तेज आवाज के पटाखों का प्रयोग न करें
• खुले मैदान पर पटाखों का प्रयोग करना चाहिए
• तेज रोशनी वाले पटाखों का प्रयोग न करें
• जहरीली गैसों के पटाखों से परहेज करें
• लोकल पटाखों का प्रयोग न करें
• बच्चों को अपने निर्देशन मे ही पटाखे फोड़ने दे
इन चन्द बातों का ध्यान रखकर आप अपनी दीपावली बहुत ही श्रद्धा, उल्लास व खुशी से शांति पूर्वक मना सकते हैं। आप सबकी दीपावली मंगलमय हो, भगवान गणेश, माता लक्ष्मी व कुबेर जी की कृपा सभी पर सदैव बनी रहे।
मेरा संघर्ष की ओर से सभी सुधी पाठकों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं -
आतिशबाजी से निकलने वाली गूंज और ध्वनि से स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इस तरह से प्रदूषण के एकाएक बढ़ जाने से समाज के सभी लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हम सभी अपनी खुशियों की खातिर समाज को एक जटिल मुशिकल में डाल रहे हैं। धरातल पर कम प्लाटेंशन भी इसकी मुख्य वजह माना जा सकता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है। सांस रोगियों और दिल के रोगियों को पटाखों से परहेज करना चाहिए। अगर किसी को भी परेशानी हो तो तुरंत ही ड‚क्टर से संपर्क करना चाहिए।
पटाखे फोड़ने पर होने वाले नुकसान : -
• सांस रोगियों को सांस लेने मे परेशानी
• वातावरण में प्रदूषण की मात्रा अधिक होने से स्वच्छ हवा न मिल पाना
• जहरीली गैसों से श्वांस रोगों का बढ़ता खतरा
• श्रवण शक्ति पर पड़ता हैं काफी असर
पटाखे दगाते समय क्या बरतें सावधानी : -
• पटाखे दगाते समय ढीले ढाले वस्त्र पहने
• कसे व सिकन टाइट वस्त्र न पहने
• तेज आवाज के पटाखों का प्रयोग न करें
• खुले मैदान पर पटाखों का प्रयोग करना चाहिए
• तेज रोशनी वाले पटाखों का प्रयोग न करें
• जहरीली गैसों के पटाखों से परहेज करें
• लोकल पटाखों का प्रयोग न करें
• बच्चों को अपने निर्देशन मे ही पटाखे फोड़ने दे
इन चन्द बातों का ध्यान रखकर आप अपनी दीपावली बहुत ही श्रद्धा, उल्लास व खुशी से शांति पूर्वक मना सकते हैं। आप सबकी दीपावली मंगलमय हो, भगवान गणेश, माता लक्ष्मी व कुबेर जी की कृपा सभी पर सदैव बनी रहे।
मेरा संघर्ष की ओर से सभी सुधी पाठकों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं -
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