आगामी लोकसभा चुनाव में अहम साबित होने वाले देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर
प्रदेश में रैलियों की रेस अब और दिलचस्प होने वाली है। रैलियों की इस रेस
में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती भी जल्द कूदने वाली हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस की चुनावी
रैलियां पहले से शुरू हो चुकी हैं।
उप्र में फिलहाल भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के बीच रैलियों की रेस चल रही है। रैलियों में आने वाली भीड़ को लेकर तीनों पार्टियां अपनी पीठ थपथपा रही हैं। अब मायावती भी इसमें शामिल होने जा रही हैं। मायावती की उत्तर प्रदेश में होने वाली रैलियों का कार्यक्रम तय किया जा रहा है।
मायावती तकरीबन तीन माह बाद लखनऊ लौट रही हैं। 10 नवंबर को लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों व जोनल कोआर्डिनेटरों की अहम बैठक बुलाई गई है। बैठक में सूबे के राजनीतिक माहौल को देखते कुछ लोकसभा प्रत्याशियों को बदलने और मायावती की होने वाली रैलियों को लेकर मंथन हो सकता है।
बसपा सूत्रों के अनुसार पार्टी ने लगभग सभी लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी तय कर रखे हैं। मायावती की रैलियों का सिलसिला भी जल्द शुरू होगा। गौरतलब है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीते तीन माह से मायावती दिल्ली में ही हैं। पार्टी दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ रही है। पदाधिकारियों व जोनल कोआर्डिनेटरों के साथ होने वाली बैठक के बाद मायावती पार्टी के लोकसभा प्रत्याशियों से भी अलग-अलग मिलेंगी।
सूत्रों के मुताबिक मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदले सियासी समीकरण को देखते हुए भी मायावती कुछ प्रत्याशियों को बदलने का फैसला कर सकती हैं। पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद प्रदेश में रैलियों की तिथि घोषित की जा सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि बसपा के पास कुल 21 सांसद हैं, जिसमें 20 उत्तर प्रदेश से हैं। बसपा का सर्वाधिक फोकस सूबे की 80 सीटों पर ही है। पार्टी पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के बाद से ही लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। मायावती के निर्देश पर पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के चुपचाप बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने के लिए बूथ समितियों का गठन कर कैडर कैंप चल रहे हैं। मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम भी किया जा रहा है।
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने कहा, "10 नवंबर को राजधानी में होने वाली समीक्षा बैठक के दौरान मायावतीजी मौजूद रहेंगी। इस दौरान पार्टी के संगठनात्क कायरें की समीक्षा की जाएगी।"यह पूछे जाने पर कि क्या मायावती की रैलियों को लेकर भी कोई घोषणा हो सकती है, तो उन्होंने कहा, "10 नवंबर तक इंतजार कीजीए, रैलियों को लेकर जो भी कार्यक्रम बनेगा उसकी जानकारी खुद बहन जी देंगी।"
उप्र में फिलहाल भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के बीच रैलियों की रेस चल रही है। रैलियों में आने वाली भीड़ को लेकर तीनों पार्टियां अपनी पीठ थपथपा रही हैं। अब मायावती भी इसमें शामिल होने जा रही हैं। मायावती की उत्तर प्रदेश में होने वाली रैलियों का कार्यक्रम तय किया जा रहा है।
मायावती तकरीबन तीन माह बाद लखनऊ लौट रही हैं। 10 नवंबर को लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों व जोनल कोआर्डिनेटरों की अहम बैठक बुलाई गई है। बैठक में सूबे के राजनीतिक माहौल को देखते कुछ लोकसभा प्रत्याशियों को बदलने और मायावती की होने वाली रैलियों को लेकर मंथन हो सकता है।
बसपा सूत्रों के अनुसार पार्टी ने लगभग सभी लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी तय कर रखे हैं। मायावती की रैलियों का सिलसिला भी जल्द शुरू होगा। गौरतलब है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीते तीन माह से मायावती दिल्ली में ही हैं। पार्टी दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ रही है। पदाधिकारियों व जोनल कोआर्डिनेटरों के साथ होने वाली बैठक के बाद मायावती पार्टी के लोकसभा प्रत्याशियों से भी अलग-अलग मिलेंगी।
सूत्रों के मुताबिक मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदले सियासी समीकरण को देखते हुए भी मायावती कुछ प्रत्याशियों को बदलने का फैसला कर सकती हैं। पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद प्रदेश में रैलियों की तिथि घोषित की जा सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि बसपा के पास कुल 21 सांसद हैं, जिसमें 20 उत्तर प्रदेश से हैं। बसपा का सर्वाधिक फोकस सूबे की 80 सीटों पर ही है। पार्टी पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के बाद से ही लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। मायावती के निर्देश पर पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के चुपचाप बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने के लिए बूथ समितियों का गठन कर कैडर कैंप चल रहे हैं। मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम भी किया जा रहा है।
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने कहा, "10 नवंबर को राजधानी में होने वाली समीक्षा बैठक के दौरान मायावतीजी मौजूद रहेंगी। इस दौरान पार्टी के संगठनात्क कायरें की समीक्षा की जाएगी।"यह पूछे जाने पर कि क्या मायावती की रैलियों को लेकर भी कोई घोषणा हो सकती है, तो उन्होंने कहा, "10 नवंबर तक इंतजार कीजीए, रैलियों को लेकर जो भी कार्यक्रम बनेगा उसकी जानकारी खुद बहन जी देंगी।"
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