आईटी उद्योग में लौटा तेज विकास

देश के 270 अरब डॉलर के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में तेज विकास का युग 2013 में वापस लौटा है और उम्मीद है कि आने वाले वर्षो में इसमें और तेजी से विकास होगा। देश की चार शीर्ष आईटी कंपनियों -टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल- ने 2013 में 12-14 फीसदी की दर से विकास दर्ज किया, जो 2012-13 में 10 फीसदी था।

क्षेत्र की एक शीर्ष प्रतिनिधि संस्था ने कहा, "इस साल वैश्विक प्रौद्योगिकी खर्च में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है। इससे भारतीय सॉफ्टवेयर सेवा क्षेत्र को निर्यात और घरेलू दोनों ही क्षेत्रों में दहाई अंकों में विकास करने का बेहतर अवसर मिला है।" नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसिस कंपनी (नासकाम) के मुताबिक इस उद्योग को 2013-14 में निर्यात से 84-87 अरब डॉलर की आय हो सकती है। पिछले साल इस मद में 76 अरब डॉलर की आय हुई थी।

इस उद्योग के घरेलू बाजार के साल-दर-साल आधार पर 14 फीसदी विकास के साथ वर्तमान कारोबारी वर्ष में 1,200 अरब रुपये (185 अरब डॉलर) का हो जाने का अनुमान है, जो पिछले कारोबारी वर्ष की समाप्ति पर 1,050 अरब रुपये (160 अरब डॉलर) का था।

नासकाम के अध्यक्ष सोम मित्तल ने कहा, "अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े बाजारों में सुस्त विकास के कारण विपरीत परिस्थिति के बावजूद हमने वर्तमान कारोबारी वर्ष में अपने अनुमान में बदलाव नहीं करने और 12-14 फीसदी विकास के अनुमान पर कायम रहने का फैसला किया है।"

इस साल के मुख्य घटनाक्रमों में इंफोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायणमूर्ति ने जून में कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कंपनी की बागडोर फिर से संभाल ली। 67 वर्षीय मूर्ति की वापसी के साथ ही हालांकि कंपनी के आठ शीर्ष पदाधिकारियों ने कंपनी छोड़ दी, जिनमें से दो बोर्ड निदेशक थे।

इस साल विप्रो लिमिटेड ने अप्रैल में अपने वैश्विक सॉफ्टवेयर सेवा और उत्पाद कारोबार से गैर आईटी (उपभोक्ता सेवा और लाइटिंग, अधोसंरचना इंजीनियरिंग और मेडिकल डायग्नोस्टिक प्रोडक्ट और सेवा) कारोबार को एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में अलग कर दिया।

मित्तल ने कहा कि घरेलू बाजार भी परिपक्व हो रहा है और विकासशील देशों के बीच इसकी विकास दर सबसे अधिक है। इस उद्योग में प्रत्यक्ष रोजगार पाने वालों की संख्या 30 लाख हो गई है। पिछले कारोबारी वर्ष में उद्योग ने 1,88,000 नए रोजगार का सृजन किया।

नासकाम के अध्यक्ष और टीसीएस के मुख्य कार्यकारी एन. चंद्रशेखरन ने कहा, "इस उद्योग ने फिर एक बार सुस्ती से बाहर निकलने की क्षमता दिखाई है। प्रौद्योगिकी आज सभी क्षेत्रों में विकास की सूत्रधार बन रही है और हम अपने ग्राहकों का रणनीतिक साझेदार बनने के लिए खुद का नए रूपों में विकास कर रहे हैं।"

2013 संक्षेप में :

- सॉफ्टवेयर निर्यात 12-14 फीसदी विकास दर के साथ 84-87 अरब डॉलर की उम्मीद।

- घरेलू बाजार के भी 14 फीसदी विकास के साथ 185 अरब डॉलर का होने की उम्मीद।

- एन. आर. नारायणमूर्ति की अध्यक्ष के रूप में इंफोसिस में वापसी।

- छह माह में इंफोसिस ने आठ शीर्ष अधिकारियों ने दिया इस्तीफा।

- विप्रो ने गैर-आईटी कारोबार को अलग कंपनी के रूप में स्थापित किया।

- उद्योग ने नए सेवाओं और उत्पादों में अपना बाजार बढ़ाया।

- अधिक कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने के बाद भी कैंपस से भर्ती और नई नियुक्ति घटी।
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