चमका था जो नसीब का सितारा वो न जाने कहां चला गया

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयन्ती पर देशवासियों ने गुरूवार को उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की| राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था| पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के पुत्र और जवाहरलाल नेहरू के पौत्र राजीव भारत के नौवें प्रधानमंत्री थे|

राजीव का विवाह एन्टोनिया मैनो से हुआ जो उस समय इटली की नागरिक थी| विवाह के पश्चात एन्टोनिया मैनो ने अपना नाम बदल कर सोनिया गांधी रख लिया| कहा जाता है कि सोनिया से राजीव गांधी की मुलाकात उस समय हुई थी जब राजीव कैम्ब्रिज में पढने गये थे| वर्ष 1968 में शादी के बाद सोनिया भारत आ गई और यही पर रहने लगी| राजीव और सोनिया के दो बच्चे हैं| उनके पुत्र व कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी का जन्म वर्ष 1970 और पुत्री प्रियंका का जन्म 1971 में हुआ था|

हालांकि राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी लेकिन जब आपातकाल के उपरान्त इन्दिरा गांधी को सत्ता छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था तब कुछ समय के लिए राजीव गांधी अपने परिवार के साथ विदेश में रहने चले गए थे| इसी दौरान अपने छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा को सहयोग देने के लिए वह भारत लौट आये और राजनीति में प्रवेश किया|

राजनीति में अहम योगदान

एक राजनीतिक परिवार के ताल्लुख रखने वाले राजीव गांधी ने कभी भी राजनीति में रूचि नहीं ली| यदि भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था में राजीव गांधी का प्रवेश पर नज़र डाले तो ये सिर्फ हालातों की ही देन थी| आपातकाल के उपरान्त जब इन्दिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए राजीव परिवार के साथ विदेश में रहने चले गए लेकिन अपने छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद मां इन्दिरा गांधी को सहयोग देने के लिए वर्ष 1982 में राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश लिया|

राजीव अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने और 31 अक्टूबर 1984 को आतंकवादियों द्वारा प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने| दिसंबर 1984 के चुनावों में कांग्रेस को जबरदस्त बहुमत हासिल हुआ| अपने शासनकाल में उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं और नौकरशाही में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए|

कश्मीर और पंजाब में चल रहे अलगाववादी आंदोलनकारियों को हतोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी ने कड़े प्रयत्न किए| भारत में गरीबी के स्तर में कमी लाने और गरीबों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए 1 अप्रैल 1989 को राजीव गांधी ने 'जवाहर रोजगार गारंटी योजना' को लागू किया, जिसके अंतर्गत 'इंदिरा आवास योजना' और दस लाख कुआं योजना जैसे कई कार्यक्रमों की शुरुआत की लेकिन समय ने करवट बदली और अगले चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और राजीव को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा|

निधन

श्रीलंका में चल रहे लिट्टे और सिंघलियों के बीच युद्ध को शांत करने के लिए राजीव गांधी ने भारतीय सेना को श्रीलंका में तैनात कर दिया, जिसका प्रतिकार लिट्टे ने तमिलनाडु में चुनावी प्रचार के दौरान राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला करवा कर लिया| 21 मई, 1991 को सुबह 10 बजे के करीब एक महिला राजीव गांधी से मिलने के लिए स्टेज तक गई और उनके पांव छूने के लिए जैसे ही झुकी उसके शरीर में लगा बम फट गया| इस हमले में राजीव गांधी की मौत हो गई| राजीव गांधी के निधन के बाद देश ने ऐसा युवा नेता खो दिया था, जो आने वाले सालों में देश की सूरत बदलने वाला था| राजीव गांधी की स्मृति पर उनके लिए कुछ पक्तियां.....

चमका था जो नसीब का सितारा वो न जाने कहां चला गया,
गुलशन से बहारों का नज़ारा दूर आसमां में कहीं खो गया,
हम देखते ही रह गए और कश्ती से किनारा दूर हो गया

कोई टिप्पणी नहीं: