...यहां संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं भरती हैं यशोदा मैया की गोद

देश और दुनिया में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। राधा-कृष्ण के मंदिरों में श्रद्धालु उत्सव मना रहे हैं, मगर इंदौर में एक ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु माता यशोदा की पूजा करते हैं। बाल गोपाल को गोद में लिए यशोदा मां के इस मंदिर में मान्यता है कि यहां गोद भराई की रस्म करने वाली महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है। जन्माष्टमी का पर्व इस बार रविवार और सोमवार को मनाया जा रहा है, मध्य प्रदेश में यह पर्व अधिकांश स्थानों पर सोमवार को मनाया जाएगा।

हर तरफ तैयारियां चल रही हैं, इंदौर के यशोदा माता मंदिर में रविवार को भी महिलाओं ने आराधना कर अपनी गोद भराई की रस्म कराई ताकि उनकी गोद भर सके। लगभग दो शताब्दी पुराने इस मंदिर में माता यशोदा कृष्ण को गोद में लिए दुलार रही हैं। यह प्रतिमा मनमोहक है और वात्सल्य प्रेम का अनुपम उदाहरण है। मंदिर के पुजारी मनोहर दीक्षित बताते हैं कि इस मंदिर का विशेष महत्व है और माना जाता है कि यहां आने वाली महिलाओं की मनोकामना पूरी होती है, और उनकी गोद भर जाती है।

दीक्षित के अनुसार इस मंदिर में हर गुरुवार महिलाओं की गोद भराई की रस्म होती है, जन्माष्टमी पर यहां आने वाली महिलाएं भी इस रस्म को निभाती हैं। इस रस्म में महिला की गोद में सवा किलोग्राम चावल, नारियल, मीठा और वस्त्र डाला जाता है। यहां आने वाली महिलाओं को निराशा नहीं हाथ लगती। यहां गोद भरने की कामना लेकर आई लक्ष्मी शर्मा बताती हैं कि उन्होंने कई महिलाओं से सुना है कि यशोदा माता मंदिर में दर्शन करने से गोद भर जाती है इसीलिए वह भी यहां आई हैं। उन्होंने यशोदा माता से कामना की है कि वे उनकी भी गोद भर दें। स्थानीय लोग बताते हैं कि यशोदा माता मंदिर में विभिन्न स्थानों से आई महिलाएं अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना करती हैं, और सोमवार को जन्माष्टमी पर इस मंदिर में महिलाओं का तांता लगा रहेगा।

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