लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पौने दो लाख शिक्षामित्रों के भविष्य पर निर्णय 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट से आ सकता है। शिक्षामित्रों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा व जस्टिस यूयू ललित की बेंच सुनवाई दोपहर बाद दो बजे करेगी। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मामले को फाइनल डिस्पोजल के लिए लगाया है। ऐसे में सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजित हो चुके करीब 1.34 लाख शिक्षामित्रों व समायोजन का इंतजार कर रहे सभी शिक्षामित्रों की धड़कने बढ़ गयी हैं।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में पहले इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई को होनी थी, लेकिन अब इसको निर्धारित समय से पहले सुना जाएगा। प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा से लेकर विभाग के आला अफसरों व सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए अपने अधिवक्ताओं की टीम को लगा दिया है।
मालूम हो कि प्रदेश में शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पदों पर समायोजित करने के राज्य सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट इलाहाबाद ने निरस्त कर दिया था। इसके चलते प्रदेश भर के पौने दो लाख शिक्षामित्र सड़क पर आ गये थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाद में हाईकोर्ट के समायोजन निरस्त करने के फैसले पर स्थगन आदेश पारित कर रोक लगायी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बाद में अपनी रोक को 11 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया था और अब 26 अप्रैल को अंतिम सुनवाई के लिए इसको लिस्टेड किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यूपी के शिक्षामित्रों की नजरें टिकी हैं। सूत्रों का कहना है कि 26 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के रुख पर भी काफी दारोमदार है।
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