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प्रशासन का कहना है कि कल कार्यालय खुलने के बाद ही पता चल सकेगा कि बच्चा मेडिकल कालेज में भर्ती था या कहीं बाहर से लाया गया था। समाचार लिखे जाने तक बच्चे को अपना बताने वाला कोई दंपति सामने नहीं आया था। बृहस्पतिवार की सुबह करीब साढ़े चार बजे मेडिकल कालेज के पुरानी पर्ची काउंटर से एक कुत्ता नवजात बच्चे को मुंह में दबाए बाहर आता दिखा। कुत्ते ने बच्चे की गर्दन पकड़ रखी थी। इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद तीमारदारों का दिल दहल गया और उन्होंने शोर मचाया तो कुत्ता बच्चे को जमीन पर छोड़कर थोड़ी दूर जाकर खड़ा हो गया। बच्चे को देखकर यह आशंका जतायी जा रही है कि बच्चा मेडिकल कालेज के एनएनआईसीयू में भर्ती रहा होगा और कुत्ता वहीं से उसे लेकर बाहर आया होगा।
मेडिकल कालेज का एनएनआईसीयू दूसरे तल पर है और वह जिस तरह से पैक रहता है, उसमें किसी कुत्ते का घुस पाना आसान नहीं लगता। इस बात की भी आशंका जतायी जा रही है कि किसी ने मरे हुए बच्चे को कूड़ेदान में डाल दिया होगा और कुत्ता वहीं से उसे लेकर जा रहा था। दोनों ही स्थितियों में यह बेहद लापरवाही का मामला है। वहां मौजूद अन्य मरीजों के परिजनों का कहना है कि यह दृश्य देखकर कलेजा मुंह को आ गया। एक कुत्ता किसी बच्चे को मेडिकल कालेज में लेकर भाग रहा है, यह निश्चित ही घोर लापरवाही का मामला है। इस मामले में मेडिकल कालेज के एसआईसी एमक्यू बेग का कहना है कि मेडिकल कालेज में था या कोई बाहर से लाया, इस बात का पता शुक्रवार को कार्यालय खुलने पर चल सकेगा। यदि मेडिकल कालेज से उसे लेकर कुत्ता गया है तो कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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